छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की कायराना हरकत की खबरें आए दिन सामने आ रही है। ताजा मामला छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले का है, जहां नक्सलियों ने एक CAF जवान की हत्या कर दी है। नक्सलियों ने धारदार हथियार से गला रेत कर जवान की जान ली है। हत्या करने के बाद जवान के शव को नक्सलियों ने सड़क पर फेंक दिया। साथ ही शव के पास एक पर्चा भी फेंका। नक्सलियों की गांगलूर एरिया कमेटी ने इस वारदात को अंजाम दिया है।
मामला गंगालूर थाना क्षेत्र का है। पुलिस के मुताबिक बीजापुर जिले के धनोरा गांव का रहने वाला युवक अर्जुन कुडियम CAF 22वीं बटालियन में पदस्थ था। जवान पिछले कई दिनों से बीमार चल रहा था। 1 महीने पहले छुट्टी में अपने घर आया था। घर पर ही रहकर इलाज करवा रहा था, लेकिन नक्सलियों ने जवान का अपहरण कर लिया था। अपहरण कब और कहां से किया गया फिलहाल इसकी जानकारी पुलिस के पास भी नहीं है।
SP कमलोचन कश्यप ने की घटना की पुष्टि
शुक्रवार की सुबह नक्सलियों ने जवान की हत्या कर शव को गंगालूर इलाके में सड़क पर फेंक दिया है। वहीं पुलिस ने शव बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवाया है। बीजापुर SP कमलोचन कश्यप ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। इधर, शव के पास मिले पर्चे में गांगलूर एरिया कमेटी ने हत्या की जिम्मेदारी ली है। नक्सलियों ने कहा कि ग्रामीणों के ऊपर अत्याचार करना, संपत्ति लूटना जैसे काम किया करता था इसीलिए सजा दी है।
डेढ़ सालों में इतने लोगों की ली जान
17 नवंबर 2020 को नक्सलियों ने सुकमा के जंगलों में जन अदालत लगा कर 2 युवकों की हत्या की थी। 21 अक्टूबर 2020 को नक्सलियों ने बीजापुर में एक आरक्षक को अगवा कर जन-अदालत लगा उसकी हत्या की थी। साल 2020 में ही नक्सलियों ने नारायणपुर के अबूझमाड़ में 2 युवकों पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगा कर गला रेत का हत्या की थी। साल 2020 में कांकेर जिले में नक्सलियों ने जन अदालत लगा कर एक पूर्व सरपंच की हत्या की थी। साल 2020 में कांकेर जिले में एक दिव्यांग युवक की हत्या कर शव सड़क किनारे फेंका था। इस पर भी पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया गया था।वहीं साल 2020 में सुकमा जिले में ही नक्सलियों ने एक ग्रामीण पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगा कर जन अदालत लगा उसकी हत्या कर दी थी।
पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर ज्यादातर हत्या
नवंबर 2021 में सुकमा जिले में जन अदालत लगाकर माओवादियों ने 2 युवकों की हत्या की थी। इन पर भी पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया था। नवंबर 2021 में नक्सलियों ने कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा इलाके में जन अदालत लगाकर 1 ग्रामीण की हत्या की थी। जनवरी 2022 में बीजापुर जिले में अपने ही एक साथी कमलू पुनेम को जन अदालत लगाकर मारा। जनवरी 2022 में ही बीजापुर जिले के जांगला थाना क्षेत्र में अपने ही 2 साथी भोंगी पोयाम और कोतरापाल निवासी बोटी कुहरामी पर पुलिस मुखबिरी का शक कर उन्हें भी जन अदालत लगा कर मौत की सजा दी।फरवरी माह में ही दंतेवाड़ा जिले के टेटम के ग्रामीण की नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर हत्या की थी।
5 साल में नक्सली हिंसा में इतने लोगों की गई जान
बीते 5 साल में छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा (Naxalite violence) में 1000 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें 314 आम लोग भी शामिल हैं। इनका नक्सल आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं था। वहीं 220 जवान शहीद हुए हैं, साथ ही 466 नक्सली भी मुठभेड़ में मारे गए हैं।