जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. सीबीएस बंजारे ने बताया कि 'बीते 3 सालों की तुलना में जिले में मलेरिया और डेंगू दोनों के मरीजों की संख्या में काफी कमी आई है। जिले में कोराना काल से पहले के सालों में मलेरिया और डेंगू बुखार का प्रकोप ज्यादा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार इस और काम कर रही हैं कि लोग मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिए जागरूक हों। इसके लिए लोगों के घर-घर जाकर उन्हें पुराने बर्तन, टायर, गमलों और आसपास पानी इकट्ठा न होने के लिए जागरूक किया गया है। साथ ही मच्छरों के लार्वा खत्म करने के लिए गंबूजिया मछली डाली गई है। लोगों को मच्छरदानी बांटी जा रही है। झींट, पाटन और पुरैना इलाकें में इस साल 20,986 मच्छरदानी का वितरण किया गया है। इसी का नतीजा है कि डेंगू और मलेरिया के केस में भारी कमी आई है। पिछले डेढ़ माह में जिले में एक भी डेंगू का केस सामने नहीं आया है।'

मच्छर से बचाव के लिए ये बरतें सावधानी

  • सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
  • शरीर को ज्यादा से ज्यादा ढकने वाले कपड़े पहनें।
  • अपने आस-पास पानी जमा न होने दें।
  • कूलर का पानी सप्ताह में जरूर बदलें।
  • छतों पर गमले और पुराने टायर में पानी जमा न होने दें।
  • घर और आस-पास सफाई रखें।
  • बुखार होने पर चिकित्सक की सलाह से इलाज कराएं।

बीते सालों में मलेरिया और डेंगू की स्थिति

साल                  मलेरिया            डेंगू

2021                156                  98

2020                159                  12

2019                347                  115