आनंदराम साहू
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 55 किमी दूर महासमुंद, जैन मुनि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी यति यतनलाल जी की कर्मभूमि है। यहां विवेकवर्धन सेवा आश्रम परिसर में उनकी समाधि है। महासमुंद की इस पुण्य धरा पर मुमुक्षु रजत चोपड़ा महासमुंद और मुमुक्षु संयम पारख सुरगी जैन साधु बनने जा रहे हैं। महासमुंद की महिमावन्त वसुंधरा ने अनेक जैन साध्वी दी है। यह पहला मौका है जब यहां दो साधुओं का दीक्षा महोत्सव हो रहा है। श्री शांतिनाथ भगवान जैन मंदिर ट्रस्ट और आनंद रत्नाकर दीक्षा महोत्सव समिति महासमुंद आयोजन की तैयारी में जुटी है। भव्य आयोजन की तैयारी की गई थी। इस बीच कोविड-19 तीसरी लहर आ जाने और इसके लिए जारी गाइडलाइन और प्रोटोकॉल की वजह से समारोह का स्वरूप बदल गया है। 10 फरवरी 2022 गुरुवार माघ सुदी 9 को यह खास आयोजन होने जा रहा है। प्रव्रज्या प्रीत परिणयोत्सव के प्रव्रज्या दाता श्री जिन पीयूष सागर सूरीश्वर जी म.सा. हैं।
स्वर्णिम क्षण का साक्षी बनने आमंत्रण
प्रव्रज्या प्रीत के स्वर्णिम क्षण का साक्षी बनने के लिए स्नेहिल आमंत्रण सभी परिजनों को दिया जा चुका है। इसके साथ ही आयोजन को लोग घर बैठे देख सकें, इसके लिए LIVE प्रसारण की व्यवस्था की जा रही है। समारोह स्थल पर सीमित लोगों को ही प्रवेश मिलेगा। देखें आमंत्रण-
संयम पथ पर निकल पड़े ' रजत'
धन्य हुए माता-पिता और धन्य हुए घरवाले जब कुल गौरव रजत चोपड़ा सन्यास के मार्ग पर चल पड़े। रजत चोपड़ा कहते हैं कि वे सौभाग्यशाली हैं, जिन्हें माता-पिता ने आत्मा को संवारने का chance दिया। वहीं उनके माता पिता महेंद्र और भावना का कहना है कि रजत ज्येष्ठ और लाडला बेटा है। जब वकील बना तो हृदय आनंद से भर गया। बचपन से ही अंतर्मुखी, परोपकारी, अत्यंत विनयशील होने से उन्हें आभास हो गया था कि वह मुमुक्षु बनने की राह पर आगे बढ़ रहा है।
मेरा नाम 'संयम' इसलिए तो नहीं रखा था....
साधु बनने जा रहे संयम कहते हैं कि हे संस्कार प्रदात्री, वात्सल्यमयी माता ! न जाने कितने दुखों को सहकर आपने मुझे इस दुनिया में लाया। न जाने कितनी रातें बिना सोए गुजार दी, जिससे मैं सो सकूं। आप सचमुच महान हैं। वहीं उसकी मां ने शुभकामना संदेश में कहा है कि हे पुत्र ! हमने तुम्हे जो नाम दिया, तुमने उसे चरितार्थ कर दिया।