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बजट 2022 में जानिए आपके लिए क्या है खास, केंद्र सरकार ने बताया सदी का 'अमृत बजट'

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आम बजट पेश किया। केंद्र सरकार ने इसे सदी का अमृत बजट बताया है, लेकिन विपक्ष ने बजट को सिरे से खारिज कर दिया। मोदी सरकार के बजट में गांव, गरीब, किसान पर फोकस दिखा। गेहूं धान के लिए किसानों के खाते में 2.37 लाख करोड़ की MSP ट्रांसफर होगी। सरकार केमिकल फ्री ऑर्गेनिक खेती को प्रमोट करेगी। सरकार एग्रिकल्चर से जुड़े स्टार्टअप और रूरल एंटरप्राइज को फाइनेंस करेगी। मोदी सरकार के बजट में गरीबों का ख्याल भी रखा गया है। पीएम आवास योजना के तहत इस साल 80 लाख नए घर बनाए जाएंगे। 

हर घर नल से जल योजना के तहत 3 करोड़ 80 लाख परिवारों को कवर किया जाएगा। इसके लिए 60 हजार करोड़ का फंड एलोकेट किया है, जहां तक आम आदमी की बात है तो उसे लेकर बजट में ज्यादा खास कुछ नजर नहीं आया। सरकार ने इनकम टैक्स की दरों में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन देश के युवाओं के लिए बड़ा ऐलान किया है। आम बजट में 76 लाख नई नौकरियों का वादा किया गया है। इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं। पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान के जरिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। अकेले रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री का फंड करीब 2 लाख करोड़ है। 

डिजिटल वर्चुअल एसेट पर 30 प्रतिशत टैक्स

बता दें कि केंद्र सरकार ने डिफेंस बजट में भी इजाफा किया है। इस बार 5.25 लाख करोड़ का फंड एलोकेट किया गया है, लेकिन इस सबके बीच बजट में डिजिटल इंडिया का भी विजन दिखता है। देश में डिजिटिल यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी 75 जिलों में डिजिटल बैंकिंग की शुरुआत की जाएगी। साल 2022-23 में चिप बेस्ड ई-पासपोर्ट लागू होगा। वन नेशन, वन रजिस्ट्रेशन योजना शुरू होगी। इससे बिजनेस करने में आसानी होगी। इस साल के बजट में सरकार ने नई डिजिटल करेंसी लाने का ऐलान किया है, लेकिन बड़ी बात ये भी है कि सरकार डिजिटल वर्चुअल एसेट पर 30 प्रतिशत टैक्स भी लगाएगी।  

रेलवे मंत्रालय के लिए एक लाख 40 हजार करोड़ का फंड

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2022-2023 में व्यय के लिए 39 लाख करोड़ रखे हैं। इनमें डिफेंस मिनिस्ट्री के लिए 5.25 लाख करोड़ एलोकेट हुए हैं। कोरोना काल में हेल्थ सेक्टर के लिए 2.38 लाख करोड़ रुपये रखे गए हैं। उपभोक्ता और खाद्य मंत्रालय के लिए दो लाख सत्रह हजार करोड़ दिए गए। इसी तरह रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के लिए 2 लाख करोड़ का फंड रखा गया है। अगर कृषि मंत्रालय की बात करें तो सरकार के बजट में एक लाख 32 हजार करोड़ एलोकेट किए गए हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय के लिए बजट में एक लाख 38 हजार करोड़ रखे गए हैं। रेलवे मंत्रालय के लिए एक लाख 40 हजार करोड़ का फंड एलोकेट किया गया है। 

विज्ञान और पर्यावरण के लिए 17 हजार 250 करोड़ का बजट

होम मिनिस्ट्री के लिए 1 लाख 85 हजार करोड़ आवंटित किए गए। इसी तरह मिनिस्ट्री ऑफ कम्युनिकेशन के लिए 1 लाख 5 हजार करोड़ जबकि मिनिस्ट्री ऑफ केमिकल फर्टिलाइजर्स के लिए 1 लाख 7 हजार करोड़ एलोकेट किए गए हैं। सरकार का फोकस इस बार छोटे और मध्यम व्यापारियों यानी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम सेक्टर पर भी है। इस बार बजट में MSME सेक्टर को 1 लाख 30 हजार करोड़ का एडिशनल फंड दिया जाएगा। इसी तरह विज्ञान और पर्यावरण के लिए करीब 17 हजार 250 करोड़ का बजट तय किया गया है।

लगातार 9वें साल इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं 

इस बजट से आम आदमी को काफी उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने आम आदमी के लिए ज्यादा कुछ खास नहीं किया है। आम आदमी ने जो सोचा था। वो बजट में नहीं दिखा। लगातार नौवें साल सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं किया। इसका मतलब लोगों को उम्मीद थी कि कोरोना काल के बीच सरकार से राहत मिलेगी। स्लैब में परिवर्तन होगा। इनकम को लेकर टैक्स का दायरा बढ़ेगा, लेकिन वित्त मंत्री ने ये कह दिया कि शुक्र कीजिए टैक्स बढाया नहीं इसी को राहत समझिए। हालांकि इस सबके बीच सरकार ने करदाताओं को कुछ दूसरी राहत दी। मतलब दिव्यांगों के माता-पिता को टैक्स में छूट मिलेगी। सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न में बदलाव की सुविधा दी है। अब दो साल पुराने ITR में अपग्रेड किया जा सकेगा, लेकिन जुर्माना देना होगा।

नई स्टार्टअप कंपनियों को एक साल तक टैक्स में रियायत

वहीं आयकर रिटर्न भरने में कोई गड़बड़ी हुई तो उसे ठीक कर सकेंगे। सरकार टैक्स प्रणाली में रिफॉर्म की तरफ ध्यान दे रही है और यही विजन टैक्स से जुड़ी दूसरी घोषणाओं में भी नजर आया। केंद्र सरकार ने को-ऑपरेटिव सोसायटी पर टैक्स और सरचार्ज घटाया है। टैक्स की दर 18% से घटाकर 15% की गई। सरचार्ज को 12% से घटाकर 7% कर दिया। अब तक एक करोड़ की कमाई पर कॉर्पोरेट टैक्स लगता है। अब इस लिमिट को बढ़ाकर 10 करोड़ कर दिया गया। सरकारी कर्मचारियों के लिए NPS में पेंशन पर टैक्स में छूट मिलेगी। वहीं नई स्टार्टअप कंपनियों को एक साल तक टैक्स में रियायत मिलेगी।

आम आदमी को हाथ लगी निराशा 

इस समय देश में महंगाई  सबसे बड़ी चुनौती है। पेट्रोल डीजल और रसोई गैस से लेकर सब्जियों तक के दामों ने आम जनता की कमर तोड़ रखी है। देश की जनता खासकर महिलाओं को उम्मीद थी कि सरकार महंगाई को काबू करने के लिए कोई कदम उठाएगी। इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि वो इन तकलीफों को समझती हैं। इसलिए वक्त वक्त पर उपाय किए जा रहे हैं। इसका मतलब साफ है कि आम आदमी के लिए फिलहाल इस बजट में ऐसा कुछ खास नहीं था, जिसे वो अपने लिए फायदेमंद बता सके, लेकिन ये भी सही है कि कोरोना काल में बीते दो साल से सरकार इकॉनोमी को चलाने के लिए बूस्टर डोज दे रही थी। राहत देने का दायरा सीमित था। इसलिए सरकार के मुताबिक राहत वहां दी गई जहां गुंजाइश बन रही थी। पूरे बजट की बात करें तो आम आदमी को सिर्फ और सिर्फ निराशा हाथ लगी है। 

CM भूपेश ने बजट को निराशाजनक और दिशाहीन बताया

वहीं CM भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार के बजट को पूरी तरह से निराशाजनक और दिशाहीन बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का बजट पूरी तरह से निराशाजनक और दिशाहीन है। बजट में किसानों, मजदूरों, युवाओं, बेरोजगारों और महिलाओं के लिए कुछ भी नहीं है। CM बघेल ने कहा कि बजट को लेकर लोगों को बड़ी उम्मीद थी कि किसानों और मजदूरों को कुछ मिलेगा, लेकिन इसमें कुछ नहीं है। किसानों की आय दोगुनी करने के बारे में कोई बात नहीं कही गई है। 

पूरी तरह से दिशाहीन है बजट: CM भूपेश  

पुराने बजट में जिन विषयों को शामिल किया गया था, उनके बारे में कोई प्रावधान नहीं है। 100 स्मार्ट सिटी बनाने की बात कही थी, वो भी पूरा नहीं हो रहा है। ये बजट पूरी तरह से दिशाहीन बजट है, जिसमें ना नौजवानों के लिए कुछ है, न बेरोजगारों के लिए, न महिलाओं के लिए और न किसानों के लिए कुछ है।  

खोखला साबित हुआ केंद्र सरकार का वादा: CM भूपेश  

उन्होंने कहा कि बजट में भारत की सबसे बड़े ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था, कृषि-किसान, बेरोजगार-गरीब, महिलाएं-युवा और मध्यम वर्ग-सामान्य जन के लिए किसी भी प्रकार की राहत या उनकी आजीविका और आय बढ़ाने के बारे में कोई ठोस प्रावधान, कार्ययोजना , इच्छाशक्ति नहीं दिखाई देती। बजट से किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने का केंद्र सरकार का वादा खोखला साबित हुआ है।

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