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उधारी का पैसा नहीं देने के लिए अश्लील हरकत करने का लगाया झूठा आरोप, आयोग ने महिला को लगाई फटकार

छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक और सदस्य अनिता रावटे की उपस्थिति में शास्त्री चौक स्थित, राज्य महिला आयोग कार्यालय में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की गई। बुधवार को प्रस्तुत प्रकरण में अनावेदक ने बताया कि आवेदिका लिखित इकरारनामा के माध्यम से व्यक्तिगत 50 हजार रुपये लिया है और वापस न करना पड़े इसलिए झूठी शिकायत आयोग में की थी। आवेदिका से पूछताछ करने पर उसने स्वीकार किया कि उसने 50 हजार रूपये लिया है और वह एक महीने के अंदर आयोग के समक्ष रुपये वापस देना स्वीकार किया है। 


आवेदिका का कहना है कि अनावेदक ने उसे डांट लगाई थी इसलिए उनके खिलाफ आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। महिला आयोग में महिलाओं की रक्षा का अर्थ कतई यह नहीं है कि महिला अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर पुरुषों के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराए आवेदिका को आयोग के समझाइश दिए जाने पर आवेदिका ने आयोग के समक्ष अनावेदक से माफी मांगी और अगली सुनवाई में रुपये वापस करने की सहमति भी दी है।

दुर्भाग्यजनक स्थिति पर दोनों मासूम बच्चे 

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने पहले पति से तलाक और गुजारा भत्ता के साथ दोनों बच्चों की मांग की। अनावेदक और आवेदिका ने दूसरा विवाह कर लिया है। अब बच्चों पर दावा कर रहे है, यह स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। आयोग के अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कहा कि बिना तलाक लिए दोनो पक्ष शादी कर दोषी साबित हो चुके हैं। ऐसी स्थिति में प्रकरण का निराकरण किया जाना उचित नहीं होगा क्योंकि दोनों की स्थिति वैधानिक नहीं है। इस पूरे प्रकरण में दोनों मासूम बच्चे दुर्भाग्यजनक स्थिति पर है। 

फाइल फोटो

माता-पिता के रहते हुए दोनो बच्चे अनाथ हो गए हैं। प्रकरण में नाबालिग बच्चे का हैं। इस कारण आयोग ने इस प्रकरण को तत्काल बाल संरक्षण आयोग के तत्कालीन सहायक संचालक वर्तमान में जिला कार्यक्रम अधिकारी रायपुर से दूरभाष पर चर्चा कर दोनों पक्षों को बाल संरक्षण आयोग से कार्रवाई करने की बात कही गई। जिस पर इस प्रकरण की संपूर्ण फाइल और दोनों पक्षों को नाबालिग बच्चो के साथ बाल संरक्षण आयोग भेजा गया।

जिम्मेदारी से बचने के लिए लगातार मानसिक शोषण

एक अन्य प्रकरण में अनावेदक आयोग के पिछली 3 सुनवाई में अनुपस्थित रहा। बुधवार की सुनवाई में अनावेदक को थाना भाटापारा के माध्यम से उपस्थित किया गया। आवेदिका ने बताया कि उनका अनावेदक से साल 2016 से प्रेम संबंध रहा हैं। इन संबंधों की आड़ में अनावेदक आवेदिका का आर्थिक शोषण करता रहा। अक्टूबर 2019 में आर्य समाज मे शादी करने के बाद अपने अपने घर वालो को बाद में बताएंगे कहकर आवेदिका का आर्थिक और शारीरिक शोषण भी करता रहा। आवेदिका को अलग अलग तरीके से डरा धमकाकर 4 लाख रुपये ले चुका है। आवेदिका को पत्नी के रूप में रखने और जिम्मेदारी से बचने के लिए लगातार मानसिक शोषण भी कर रहा है। 

 दहेज मांग करने संबंधी शिकायत

अनावेदक के पिता भी अनावेदक के इस कृत्य में बराबर के सहभागी है। अनावेदक लगातार आवेदिका के पैसे देने से इंकार कर रहा है और उसने स्वीकार किया कि आवेदिका से 4 लाख रुपये लिए है। इस गंभीर प्रकरण पर आयोग ने आवेदिका को स्थानीय पुलिस थाना में जाकर अनावेदक और उनके परिवार वालो के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण की FIR दर्ज कराने के निर्देश के साथ प्रकरण को नस्तीबद्ध किया। इसी तरह एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदक के खिलाफ शारीरिक और आर्थिक शोषण के साथ-साथ दहेज मांग करने संबंधी शिकायत की थी। 

समझाइश दिए जाने पर दोनों ने समय की मांग

अनावेदक इंडियन ऑयल में मैनेजर के पद पर कार्यरत है और 1 लाख 50 हजार रुपये मासिक वेतन है। आवेदिका डेढ़ साल से अलग है उसने बताया कि बच्चे की डिलीवरी के लिये मायके भेजे थे उसके बाद से लेने नहीं आ रहा है। उसने यह भी बताया कि अनावेदक ने उनके पिता से 45 लाख रुपये पेट्रोल पंप दिलाने के लिए लिया था। वह राशि भी अब तक वापस नहीं किया है और भरण पोषण राशि नहीं दे रहा है। आयोग के द्वारा समझाइश दिए जाने पर दोनों ने समय की मांग की।

8 प्रकरण नस्तीबद्ध

एक अन्य प्रकरण में पति-पत्नी के मध्य आपसी सहमति से विवाह विच्छेद के लिए आयोग में समक्ष तैयार हुए। बच्ची के संरक्षण के विषय मे पति के द्वारा पत्नी के साथ रहने की सहमति दिया। पति भविष्य में बच्ची से बात भी कर सकेगा। आयोग ने दोनों पक्षों को अधिवक्ता के सहयोग अपनी सहमति पत्र बनाकर आयोग कार्यालय में जमा करने कहा गया। आयोग के अध्यक्ष ने पति-पत्नी को एक साल से अलग रहने का आपसी राजीनामा बनाकर न्यायालय में प्रस्तुत करने के साथ ही इस प्रकरण को निगरानी में रखने का निर्देश दिया। बुधवार को जनसुनवाई में 25 प्रकरण में 22 पक्षकार उपस्थित हुए और 2 प्रकरणों को निगरानी में रखते हुए 8 प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। बाकी अन्य प्रकरण को आगामी सुनवाई में रखा गया है।

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