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छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर मिली एक और उपलब्धि, शिक्षा विभाग को मिला डिजिटल टेक्नॉलाजी अवॉर्ड

छत्तीसगढ़ में शैक्षणिक गतिविधियों को तकनीक के माध्यम से सहज बनाने के लिए राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर एक और उपलब्धि हासिल हुई है। इंडियन एक्सप्रेस समूह द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग को डिजिटल टेक्नॉलाजी सभा-2022 अवॉर्ड से नवाजा गया है। यह अवार्ड स्कूली बच्चों के शैक्षणिक आंकलन के लिए NIC के सहयोग से विकसित एनक्लियर एप और टेली प्रेक्टिस एप के उपयोग लिए दिया गया है। शिक्षा विभाग द्वारा उपयोग में लाए जा रहे उक्त दोनों एप के माध्यम से स्कूली बच्चों सहजता से आंकलन और मॉनिटरिंग की जा सकती है।

बता दें कि कोरोना संकटकाल के दौरान शिक्षा में नवाचार और डिजिटल टेक्नॉलाजी के मामले में छत्तीसगढ़ राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने पूरे देश में अपनी एक पहचान कायम की है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कोरोना संकटकाल के दौरान स्कूली बच्चों को घर बैठे शिक्षा उपलब्ध कराने की तकनीक को देश ने सराहा है। पढई तुंहर दुआर को इस हेतु राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं। इसी कड़ी में आज स्कूल शिक्षा विभाग को इंडियन एक्सप्रेस समूह द्वारा आयोजित डिजिटल टेक्नॉलाजी सभा अवार्ड 2022 से सम्मानित किया गया। ये अवार्ड राज्य में एक वर्चुअल सम्मेलन में NIC के वरिष्ठ तकनीकी निदेशक AK सोमशेखर द्वारा उनकी टीम की उपस्थिति में ग्रहण किया गया। 

ये पूरा कार्य प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग आलोक शुक्ला और सचिव स्कूल शिक्षा विभाग कमलप्रीत सिंह के मार्गदर्शन में किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में दो आंकलन टूल एनक्लियर और टेली-प्रेक्टिस एप्प की शुरुआत की गई। इनमे से एक टूल एनक्लियर में बच्चों को उनके ID के साथ एक QR कोड कार्ड दिया जाता है, जिसका सालभर का 40 विद्यार्थियों पर व्यय मात्र 20 रूपए आता है। बच्चों को इस कार्ड को अपने पास सुरक्षित रखना होता है। एनक्लियर एप का सबसे बड़ा फायदा यह है कि कक्षा में शिक्षकों द्वारा बहुविकल्पीय प्रश्न पूछने पर बच्चों को सही उत्तर के आधार पर कार्ड को एक विशेष दिशा में पकड़कर प्रदर्शित करना होता है। 

शिक्षक द्वारा अपने मोबाइल कैमरे से कक्षा में एक जगह से सभी बच्चों के कार्ड को दूर से ही स्केन कर लिया जाता है। स्केन करते ही विद्यार्थियों का अपने आप आकलन हो जाता है और प्रश्नवार, विद्यार्थीवार रिपोर्ट शिक्षक और विभिन्न स्तरों पर देखी जा सकती है। इसमें शिक्षकों को प्रत्येक प्रश्न के उत्तर को जांचने और अंक देने के झंझट से मुक्ति मिलती है। इस तरह विद्यार्थियों के आंकलन का दूसरा एप जिसे NIC ने विकसित किया है, वह है टेलीप्रेक्टिस। इसके माध्यम से बच्चों के साथ मौखिक क्विज का आयोजन किया जा सकता है। इसके लिए टेलीग्राम ग्रुप में विद्यार्थियों को जोड़कर पायथोन नामक कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों को वोयस मैसेज भेजकर और स्क्रीन पर चित्र और लिखित प्रश्न भेजा जाता है। 

समय में उत्तर देने का प्रावधान 

इन प्रश्नों के मौखिक जवाब विद्यार्थियों द्वारा दिया जाता है, जिसे इस कार्यकम में एक साथ के विद्यार्थियों के उत्तरों को एक फिल्म के रूप में व्यक्तिगत विद्यार्थियों, उनके शिक्षकों और पालकों द्वारा देखा जा सकता है। शिक्षक विद्यार्थीवार वीडियो देखकर प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के आधार पर अंक दे सकते हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से एक साथ बहुत से विद्यार्थियों से सवाल करते हुए उनसे एक ही समय में उत्तर देने का प्रावधान होने से शिक्षकों और विद्यार्थियों दोनों का समय बचता है। शिक्षकों को प्रत्येक विद्यार्थी की स्थिति की जांच करने में भी आसानी होती है और समय बचता है। इस तरह के आकलन के सप्रमाण होने से गलत आंकलन की संभावनाओं से भी बचा जा सकता है। 

अवॉर्ड वितरण के दौरान ये रहे उपस्थित

हर विद्यार्थी को उनके उत्तरों के आधार पर उनका अपना वीडियो प्रश्न और उत्तर के साथ देखने का अवसर मिलता है। इन सबसे शिक्षकों का कार्य बहुत आसान हो जाता है। दोनों एप को शिक्षा विभाग के लिए विकसित करने का कार्य NIC के वरिष्ठ तकनीकी संचालक सोम शेखर के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा किया गया है। अवॉर्ड वितरण के अवसर पर छत्तीसगढ़ NIC के राज्य सूचना अधिकारी NK होता, NIC के वरिष्ठ तकनीकी निदेशक AK सोमशेखर, सहायक संचालक समग्र शिक्षा M सुधीश औप वैज्ञानिक B-NIC ललिता वर्मा उपस्थित रहीं।

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