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छत्तीसगढ़ के अमन ज्योति को मिलेगा राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार

छत्तीसगढ़ के अमन ज्योति जाहिरे को राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार साल 2021 दिया जाएगा। भारतीय बाल कल्याण परिषद नई दिल्ली ने कोरबा के रहने वाले अमन ज्योति का चयन इस पुरस्कार के लिए किया है। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल और महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने साहसी अमन ज्योति का चयन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए होने पर उसे बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।

बता दें कि बहादुरी के लिए बच्चों को नगद राशि समेत प्रमाण पत्र के साथ भारतीय बाल कल्याण परिषद द्वारा हर साल यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है। कोविड परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने की तिथि की घोषणा बाद में की जाएगी।

मिल चुका है राज्य बाल वीरता पुरस्कार

अमन ज्योति को उनके द्वारा किए गए साहसिक कार्यों के लिए हाल ही में छत्तीसगढ़ राज्य बाल कल्याण परिषद द्वारा राज्य वीरता पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। राज्यपाल अनसुइया उईके द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर रायपुर में आयोजित मुख्य समारोह और राजभवन में बहादुर बच्चों को सम्मानित किया गया था।

जान पर खेल बचाई थी युवक की जान

कोरबा के रहने वाले 15 साल के अमन ज्योति ने अपने से उम्र में बड़े एक छात्र की जान बचाई थी। एक अगस्त 2021 को फ्रेंडशिप डे के दिन कुछ छात्र कोरबा शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर पिकनिक स्पॉट परसखोला बांध गए थे। इनमें से झरना में हाथ-पैर धोने गए एक छात्र आशीष ठाकुर का पैर फिसल गया था। फिसल कर गिरने के कारण वो पानी में बहने लगा था। खतरनाक फिसलन वाली चट्टान और पानी की तेज धार में आशीष को बहते देख सभी दोस्त घबरा गए क्योंकि उन्हें तैरना नहीं आता था। 

बेहोश छात्र को पहुंचाया अस्पताल

इस बीच आस-पास के लोग और मित्र छात्र बहते हुए आशीष को पानी से बाहर निकालने के लिए जोर-जोर से बचाओ-बचाओ चिल्लाने लगे। पानी में बह रहे छात्र के लिए जब कोई नहीं पहुचा तो अमन ज्योति ने अपनी जान की परवाह न करते हुए पानी में छलांग लगा दी और चट्टानों में फिसलते हुए छात्र को रोक लिया। उसने अपनी सूझबूझ से किसी तरह बहते हुए छात्र को किनारे पर लाया। इसके बाद वह दोस्तों की मदद से बेहोश घायल छात्र को अस्पताल भी लेकर गया। छात्र जहां पानी में बह रहा था वहां आगे बड़ी खाई थी। 

सूझ-बूझ से बची जान

अगर अमन ज्योति पानी में छलांग लगाकर बहते हुए छात्र को नहीं रोकता तो बहता हुआ छात्र खाई में गिर सकता था। अमन को भी तैरना नहीं आता था। अचानक से युवक को बचाने के लिए नदी में कूद जाने से उसके हाथों और छाती समेत शरीर में गहरी चोट भी लगी थी। अमन के सूझ-बूझ और साहस से उसके दोस्त आशीष की जान बच गई।

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