छत्तीसगढ़ हादसों का गढ़ बनता जा रहा है। प्रदेश में किसी न किसी दुर्घटना की खबर रोजाना सामने आ रही है। ताजा मामला सूरजपुर के प्रेमनगर थाना क्षेत्र का है, जहां पिकअप पलटने से 4 लोगों की मौत हो गई। जबकि 24 लोग घायल हो गए, जिनमें से 2 की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के मुताबिक सभी पिकअप में सवार होकर शादी में शामिल होने जा रहे थे। इस दौरान पिकअप वाहन अचानक अनियंत्रित होकर पलट गई।
प्रेमनगर थाना इलाके के रहने वाले लोग पिकअप में सवार होकर शिवपुर में शादी समारोह में शामिल होने निकले थे। इसी बीच बिरंचि बाबा धाम के पास ये हादसा हुआ, जिसमें मौके पर ही 3 महिला समेत 4 लोगों की मौत हो गई है। पता चला है कि उस पिकअप गाड़ी में ज्यादातर महिलाएं बैठी थीं। हादसे के बाद घायलों को तुरंत जिला अस्पताल भेजा गया था, जहां 2 की हालत गंभीर होने के चलते उन्हें अंबिकापुर रेफर किया गया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
विधायक ने जाना घायलों का हाल
इधर, घटना की जानकारी मिलते ही प्रेमनगर विधायक खेलसाय सिंह जिला अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने घायलों का हाल जाना और डॉक्टरों को घायलों के बेहतर इलाज के निर्देश दिए हैं। इस हादसे में प्रेमनगर की रहने वाली लीलावती सिंह की मौत हुई है।
साल दर साल बढ़ रहा आंकड़ा
बीते तीन साल के सड़क हादसों के रिपोर्ट के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने रिपोर्ट तैयार की हैं। वहीं साल 2016 से अगस्त 2020 तक के मौतों के आंकड़ों को देखा जाए तो हर साल सड़क हादसों होने वाले मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा हैं। बता दें कि कोरोना के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन में सड़क हादसों की संख्या में कमी आई थी, लेकिन अनलॉक के बाद प्रदेश में सड़क हादसों की संख्या में लगातार तेजी आई है। अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में बीते साल के मुकाबले सबसे ज्यादा 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी सितंबर में हुई है।
हेलमेट नहीं पहनने की वजह हो रही सबसे ज्यादा मौतें
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि सड़क हादसों में हर 100 में से 95 लोगों की मौत हेलमेट नहीं पहनने की वजह से हुई है। पुलिस मुख्यालय ने इसके लिए सभी जिलों में अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। इन साल दस महीनों में सड़क हादसों के आंकड़ों में कमी आई थी , लेकिन लॉकडाउन खत्म होने के बाद जैसे-जैसे आवाजाही बढ़ी वैसे-वैसे हादसों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है।
इन जिलों में आई मृत्यु दर में कमी
आंकड़ों के मुताबिक रायपुर, गरियाबंद, मुंगेली, दंतेवाड़ा, बीजापुर और नारायणपुर में हादसों में मरने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है,जबकि बाकी जिलों में मृत्यु दर में कमी आई है। प्रदेशभर के सड़क हादसों के रिपोर्ट के मुताबिक 67% दोपहिया वाहन सवारों की मौत हुई है। दोपहिया वाहन सवार 2359 लोग हादसे के शिकार हुए, जिनमें 2361 की मौत हो गई। इनमें से 2257 की मौत हेलमेट नहीं पहनने से हुई है। इस साल दस महीने में 9097 सड़क हादसे हुए हैं । इसमें 3543 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा 8388 लोग घायल हुए हैं।
सबसे ज्यादा युवा हो रहे हादसे का शिकार
बता दें कि 40 प्रतिशत सड़क दुर्घटना फ्लाई ओवर के आस-पास होता हैं। इसके बाद सबसे ज्यादा हादसा क्रॉसिंग पर होता है, आंकड़ों के मुताबिक क्रॉसिंग पर होने वाले सड़क हादसों का प्रतिशत 30 है। इनमें सबसे ज्यादा हादसों के शिकार बाइक सवार और पैदल यात्री होते है। वहीं हादसों के शिकार होने वाले लोगों में ज्यादातर लोग युवा हैं।