देश में आत्महत्या की घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही है। ताजा मामला छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले का है, जहां एक 28 साल की युवती ने बेरोजगारी से परेशान होकर अपनी जान दे दी। जानकारी के मुताबिक उसे पढ़ाई करने के बाद भी नौकरी नहीं मिल रही थी, जिसकी वजह से वो परेशान थी, जिसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। युवती ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें उसने लिखा है कि पढ़ाई लिखाई के बाद भी उसे कोई काम नहीं मिला। इसलिए अब वो जीना ही नहीं चाहती।
फाइल फोटो |
जानकारी के मुताबिक रामपुर चौकी क्षेत्र के पौड़ी बहार में राम कुमारी पटेल अपने पिता भगत पटेल और अपनी मां के साथ रहती थी। उसने MA तक पढ़ाई की थी। पढ़ाई के बाद से वो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी। साथ ही नौकरी भी ढूंढ रही थी, लेकिन उसकी नौकरी कहीं नहीं लगी थी। उसने कई जगह अप्लाई भी किया था। वहीं इसी बीच मंगलवार रात को आम दिनों की तरह सब रात में खाना खाकर सो गए थे।
मामले की जांच में जुटी पुलिस
राम कुमारी भी अपने कमरे में सोने चले गई थी। घर के सभी लोग सो रहे थे। इतने में राम कुमारी की बड़ी बहन ने बुधवार सुबह देखा तो राम कुमारी की लाश पंखे में फांसी के फंदे पर लटकी हुई थी। इसके बाद वो तुरंत अंदर गई, लेकिन तब तक युवती की जान जा चुकी थी। उसने तुरंत ही इस बात की जानकारी अपने माता-पिता को दी। फिर पूरे मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने युवती के पास से सुसाइड नोट बरामद किया, जिसमें नौकरी नहीं मिलने के चलते परेशान होने और उसी वजह से आत्महत्या करने की बात का जिक्र है। फिलहाल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों पर एक नजर
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau)के साल 2019 के आंकड़ों के मुताबिक आत्महत्या के मामले में छत्तीसगढ़ देश में 9वें नंबर पर है। छत्तीसगढ़ में साल 2019 में कुल 7629 लोगों ने आत्महत्या की, जिनमें 233 किसान और खेतीहर शामिल हैं। राज्य में साल 2018 के मुकाबले आत्महत्या के मामलों में 8.3% की बढ़ोतरी हुई है। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक साल 2018 में छत्तीसगढ़ में कुल 7046 लोगों ने आत्महत्या की थी। वहीं कृषक और खेतिहर द्वारा की गई आत्महत्या के मामले में पूरे देश में छत्तीसगढ़ का छठवां स्थान है। आत्महत्या की दर भी छत्तीसगढ़ में पिछले साल के मुकाबले करीब 2 प्रतिशत बढ़ी है। इस मामले में छत्तीसगढ़ देश में चौथे नंबर पर है।
ये हैं आत्महत्या के प्रमुख कारण
- पारिवारिक - 26 %
- बीमारी - 19 %
- वैवाहिक - 11 %
- बेरोजगारी - 6 %
- नशे की लत - 5 %
- अन्य कारण - 24 %