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CBI के 29 अधिकारियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक, बिलासपुर IG रतनलाल डांगी भी सम्मानित

गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति ने CBI के 29 अधिकारियों और कर्मचारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक प्रदान किए हैं। इनमें 6 अधिकारियों -कर्मचारियों  को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक और 23 अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों  को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक प्रदान किए गए। CBI में जो लोग विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक दिया गया है, उन्हें संयुक्त निदेशक भोपाल रमनीश गीर का नाम शामिल है।

रमनीश केंद्रीय जांच ब्यूरो में सीधे DSP पद पर भर्ती हुए थे और अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने अनेक भ्रष्टाचार से संबंधित बड़े मामलों को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाया। यहां तक की उन्होंने जिन लोगों को गिरफ्तार किया उनमें से एक प्रभावशाली नौकरशाह तत्कालीन प्रधानमंत्री का ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी लगने जा रहा था।

इन्हें मिला पुलिस पदक

रमनीश के अलावा जिन लोगों को ये पुलिस पदक दिया गया उनमें  सतीश कुमार राठी, अपर पुलिस अधीक्षक,  CBI, एसी –VI/एसआईटी, नई दिल्ली, अनिल कुमार यादव, अपर पुलिस अधीक्षक, सीबीआई, एसी –VI/एसआईटी, नई दिल्ली,  नतराम मीणा, पुलिस उपाधीक्षक, सीबीआई, एसीबी, गांधीनगर,  बंसीधर बिजारनियां, सहायक उप निरीक्षक, सीबीआई, एसी-I, नई दिल्ली और महबूब हसन, प्रधान सिपाही,  CBI (मुख्यालय) के नाम शामिल हैं।

सराहनीय सेवा के लिए  दिया गया पदक 

सराहनीय सेवा के लिए जिन लोगों को पुलिस पदक दिया गया है उनमें सबसे ऊपर भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी और CBI में DIG विशेष अपराध शाखा कोलकाता में तैनात अखिलेश कुमार सिंह का नाम है। DIG अखिलेश कुमार सिंह ने बहुचर्चित कोयला घोटाले का पर्दाफाश किया था, जिससे पूरे पश्चिम बंगाल में खलबली मच गई थी। इसके अलावा कोलकाता उच्च न्यायालय द्वारा पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों की जांच की एक कमान के अधिकारी अखिलेश कुमार सिंह ही है।

इन अधिकारियों के नाम भी शामिल

इस सूची में डॉ नितिन दीप ब्लाग्गन, पुलिस उप महानिरीक्षक, CBI, एसी-I, नई दिल्ली,  अरविन्द कुमार उपाध्याय, अपर पुलिस अधीक्षक, CBI, एसी-I, नई दिल्ली, आनंदा कृष्णन टीपी, पुलिस उपाधीक्षक, CBI, SCB, तिरुवनंथपुरम,  संजय कुमार गौतम, पुलिस उपाधीक्षक, CBI अकादमी, गाजियाबाद, विकास कुमार पाठक, पुलिस उपाधीक्षक, CBI, SCB, धनबाद,  आलोक कुमार शाही, पुलिस उपाधीक्षक, CBI, SCB, नई दिल्ली, एस देवेन्द्रन, अपर विधि सलाहकार, सीबीआई, एसी-I, नई दिल्ली,  नकुल सिंह यादव, निरीक्षक, CBI (मुख्यालय), नई दिल्ली, अमित कुमार, निरीक्षक, CBI, SCB, पटना,  राकेश रंजन, निरीक्षक, CBI, SCB, बंगलौर;  महेश विजय पारकर, निरीक्षक, CBI, BSFB, मुम्बई का नाम शामिल हैं।

इन राज्यों के पुलिसकर्मियों को सम्मान

वहीं अनिल कुमार, उप निरीक्षक, CBI, एसयू, नई दिल्ली, ध्रमेन्द्र सिंह, सहायक उप निरीक्षक, एसी –II, नई दिल्ली, चन्द्र पाल, प्रधान सिपाही, CBI, एसटीबी, नई दिल्ली,  लोगनाथन रंगास्वामी, प्रधान सिपाही, CBI, एससीबी, चेन्नई,  के वी जगन्नाथ रेड्डी, प्रधान सिपाही, CBI, एसीबी, बंगलौर, हरभान सिंह, प्रधान सिपाही, CBI अकादमी, गाजियाबाद, महेश माधवराव गजरल्वार, प्रधान सिपाही, CBI, एसीबी, मुंबई, आर जयशंकर, सिपाही, CBI, एसयू, चेन्नई, कौशल्या देवी, सिपाही, CBI, एसीबी, जयपुर,  ओम प्रकाश नैथानी, कार्यालय अधीक्षक, CBI, (मुख्यालय), नई दिल्ली और सत्यब्रत साह, अपराध सहायक, CBI, SCB, कोलकाता के नाम शामिल हैं।

बिलासपुर IG रतनलाल डांगी को सम्मान 

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर IG रतनलाल डांगी को राष्ट्रपति सराहनीय सेवा पदक से सम्मानित किया जाएगा। उनके अलावा प्रदेश के 10 पुलिस अफसरों को भी इस पदक से सम्मानित किया जाना है। इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इन अधिकारियों का चयन किया है। 15 अगस्त 2022 को रायपुर में इन अधिकारियों को सम्मानित किया जाएगा। इससे पहले भी IPS डांगी को बीजापुर में SP रहते हुए 2008-09 में राष्ट्रपति वीरता पदक मिल चुका है। इस मौके उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में काम करना चुनौती रहती है, लेकिन चुनौतियों से अवसर मिलता है और ये करियर के लिए हमेशा फायदेमंद होता है।

IG रतनलाल डांगी ने दी जानकारी

सराहनीय सेवा पदक मिलने पर IG रतनलाल डांगी ने बताया कि इससे पहले जब वे बीजापुर में SP थे, तब 2006-07 में नक्सल ऑपरेशन किया था। उस समय उन्होंने SP रहते ऑपरेशन को लीड किया और कई मुठभेड़ भी हुए। इस दौरान उनके नेतृत्व में टीम ने नक्सलियों का एनकाउंटर किया था। इसके साथ ही पुलिस की मदद से उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास के कई काम भी कराए। कई ऐसे काम जो प्रशासन नहीं कर पा रहा था। वैसे काम पुलिस की मदद से संभव हो सका। इसके चलते राष्ट्रपति वीरता पदक मिला।

सीनियर अफसरों का मिला मार्गदर्शन: IG 

 उन्होंने कहा कि जो भी पदक मिला है, उसमें सीनियर अफसरों का मार्गदर्शन मिला है और जूनियर अफसरों का सहयोग रहता है। आगे भी उनकी कोशिश रहेगी कि पुलिस के माध्यम से समाज सेवा करने का उद्देश्य है उस पर आगे काम करते रहें। IG डांगी ने कहा कि नक्सल क्षेत्र में 2006 में जब बीजापुर में अधोसंरचना की कमी थी और फोर्स की कमी थी। इसके साथ ही सलवा जुडूम चल रहा था। तब पुलिस के लिए काम करना बहुत मुश्किल हो रहा था। उस समय काम करना चुनौती था, लेकिन हौसले बुलंद हो और टीम भावना के काम करने का लगन हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है। 

केंद्र सरकार की कमेटी फाइनल करती है सूची 

IG ने कहा कि नक्सल क्षेत्र में हमेशा खतरा बना रहता है और मानसिक तनाव रहता है। आमजनों के साथ संपर्क और समन्वय स्थापित करना मुश्किल था। फिर भी हमने आमजनों के साथ मिलकर नक्सल के डर के बाद भी उन्हें पुलिस के साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। डांगी ने बताया कि केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से पुलिस में बेहतर कार्य करने वाले अफसरों को हर साल 26 जनवरी और 15 अगस्त पर सम्मानित किया जाता है। इस बार उन्हें 2020 की सराहनीय सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक के लिए चुना गया है। उनके साथ ही राज्य के 10 अन्य पुलिस अफसरों का भी चयन किया गया है। यह सम्मान 18 साल की सेवा के दौरान उनके कार्यों का आंकलन कर प्रस्ताव भेजा जाता है। केंद्र सरकार की कमेटी सूची फाइनल करती है।

वीरता के लिए पुलिस पदक 

  • कमलोचन कश्यप (भापुसे), पुलिस अधीक्षक।
  • सुरेश लकड़ा, उप पुलिस अधीक्षक।
  • जितेन्द्र कुमार साहू, निरीक्षक।
  • अजय कुमार सिन्हा, निरीक्षक।
  • शिल आदित्य सिंह, निरीक्षक।
  • रामेश्वर देशमुख, निरीक्षक
  • संजय पोटाम, उप निरीक्षक।
  • जय विरेश यादव, प्लाटून कमाण्डर।
  • सन्नू हेमला, सहायक आरक्षक।
  • निरंजन तिग्गा, सहायक आरक्षक। 

सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक

  • रतन लाल डांगी, पुलिस महानिरीक्षक, बिलासपुर।
  • विवेक शुक्ला, सेनानी 11वीं वाहिनी, छसबल, जांजगीर-चांपा।
  • रामाधर मारकण्डे, प्लाटून कमाण्डर, 2री ‍वाहिनी, छसबल, सकरी,   बिलासपुर।
  • रामबदन यादव, प्लाटून कमाण्डर, 12वीं वाहिनी छसबल, रामानुजगंज बलरामपुर।
  • उजियाला प्रसाद सिन्हा, सहायक प्लाटून कमाण्डर, 6वीं वाहिनी, छसबल, रायगढ़।
  • राज कुमार द्विवेदी, प्रधान आरक्षक,विशेष  शाखा, दुर्ग।
  • कान्हू राठिया, प्रधान आरक्षक, 6वीं वाहिनी, छसबल, रायगढ़।
  • सुकलधर नाग, प्रधान आरक्षक, 8वीं वाहिनी, छसबल, राजनांदगांव।
  • राजेश कुमार, उप निरीक्षक, टेक्नीकल ब्रांच, दंतेवाड़ा।
  • सुशेन कुमार पॉल, उप निरीक्षक, थाना बोधघाट, जगदलपुर।

प्रेसिडेंट मेडल फॉर पुलिस का ऐलान

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर प्रेसिडेंट मेडल फॉर पुलिस का ऐलान किया गया। इस साल कुल 939 पुलिस पदकों का ऐलान किया गया है, जिसमें 189 वीरता के लिए दिए गए हैं। वीरता के लिए सबसे ज्यादा पुलिस मेडल जम्मू कश्मीर पुलिस को दिए गए हैं। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के डीसीपी, संजीव कुमार यादव को दसवीं बार पुलिस मेडल फॉर गैलेंट्री (नौवीं 'बार' पीएमजी) से नवाजा गया है। जबकि उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी प्रशांत कुमार को तीसरी बार ये पदक मिला है (दूसरी 'बार' पीएमजी)।

शौर्य और वीरता के लिए पदक

गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई लिस्ट के मुताबिक इस साल 189 प्रेसिडेंट पुलिस मेडल फॉर गैलेंट्री के अलावा 88 पुलिस मेडल फॉर डिस्टिंगुईस सर्विस यानी विशिष्टि सेवा के लिए प्रेसिडेंट पुलिस मेडल और पुलिस मेडल फॉर मेरोटेरियस सर्विस यानी सराहनीय सेवा के लिए 662 पुलिस मेडल की घोषणा की गई है। बता दें कि राष्ट्रपति के पुलिस मेडल 3 तरह के होते हैं। पहला है वीरता के लिए यानी पुलिस मेडल फॉर गैलेंट्री। सभी पुलिस मेडल में PMG को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि ये शौर्य और वीरता के लिए मिलता है।

PMG पदक की घोषणा

दूसरा होता है पुलिस मेडल फॉर डिस्टिंगुईस सर्विस यानी विशिष्ट सेवा के लिए, जिसे PMG (प्रेसिडेंट पुलिस मेडल) कहा जाता है। तीसरा होता है पुलिस मेडल फॉर मेरोटेरियस सर्विस यानी सराहनीय सेवा के लिए, जिसे PM या फिर पुलिस मेडल कहा जाता है। साल 2022 के लिए राज्य पुलिस और केंद्रीय पुलिसबलों को 189 PMG दिए गए। इसमें जम्मू कश्मीर पुलिस को 114, CRPF को 20, छत्तीसगढ़ पुलिस को 10, ओडिशा पुलिस को 09, महाराष्ट्र पुलिस को 08, ITBP को 03, SSB को 03, दिल्ली पुलिस को 03, मध्य‌प्रदेश को 03, मणिपुर को 02, झारखंड को 02, BSF को 02 और UP पुलिस को एक PMG दिए गए।

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