दुनियाभर में भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाली संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडेक्स ने 2021 के लिए अपनी रिपोर्ट जारी कर दी है। भारत इसमें बीते साल की ही तरह 85वें नंबर पर है। हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान 16 नंबर नीचे पहुंचकर 140वें नंबर पर पहुंच गया है। यहां उसका साथ देने के लिए म्यांमार मौजूद है। यूरोपीय देशों में करप्शन और मानवाधिकारों के हालात बहुत बेहतर हैं। यही वजह है कि इस रेटिंग में इन्हीं देशों का दबदबा कायम है।
इस इंडेक्स में 0 से 100 अंकों के बीच रेटिंग दी जाती है, जिस देश के नंबर जितने ज्यादा होते हैं, वो सबसे कम करप्ट माना जाता है। जिन देशों के नंबर कम होते हैं, उनमें भ्रष्टाचार ज्यादा माना जाता है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी देश के नंबर 0 हैं तो वहां सबसे ज्यादा करप्शन माना जाएगा। दूसरी तरफ अगर किसी देश के नंबर 100 हैं तो इसके मायने ये हुए कि वहां करप्शन बिल्कुल नहीं है।
CPI 2021 की रिपोर्ट
CPI 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में करप्शन को कम करने के उपाय धीमे पड़ते नजर आ रहे हैं। मानवाधिकार और लोकतंत्र पर भी हमले हो रहे हैं। कुछ देश कोविड-19 का बहाना बनाकर बुनियादी तौर पर आजादी को काबू में लाने की कोशिश कर रहे हैं। 131 देशों ने 10 साल करप्शन पर काबू पाने की कोई खास कोशिश नहीं की। दो तिहाई देश ऐसे हैं, जिनका स्कोर 50 से कम है और यहां ये बहुत बड़ा मुद्दा है।
अफगानिस्तान 174वें स्थान पर
वहीं ताकत के बावजूद अमेरिका टॉप 5 देशों से बहुत दूर 27वें नंबर पर है और उसका स्कोर 67 रहा है। भारत बीते साल यानी 2020 की रैंकिंग में भी 85वें नंबर पर था और अब भी वहीं खड़ा है। उसका स्कोर 40 है। हमारी ही पायदान पर मालदीव भी है। हमारा एक और पड़ोसी बांग्लादेश 26 स्कोर के साथ 147वें स्थान पर है। श्रीलंका 37 पॉइंट्स यानी स्कोर के साथ 102वें पायदान पर है। 180 देशों की इस लिस्ट में अफगानिस्तान 174वें स्थान पर है। उसका स्कोर 16 है।
180 देशों में 140वें स्थान पर पाकिस्तान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए ये किसी बड़े झटके से कम नहीं है, क्योंकि उन्होंने सत्ता में आने से पहले वादा किया था कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त देश बनाएगी। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने कहा कि पाकिस्तान 2021 के वैश्विक 'करप्शन परेसेप्शन इंडेक्स' में 16 स्थान नीचे खिसक गया है और 180 देशों में 140वें स्थान पर है। वैश्विक भ्रष्टाचार से निपटने के लिए गठित बर्लिन स्थित गैर-लाभकारी संगठन द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया कि दुनियाभर में भ्रष्टाचार का स्तर स्थिर है। 86 प्रतिशत देशों ने बीते 10 सालों में बहुत कम या कोई प्रगति नहीं की है।
सूची में टॉप पर रहे ये देश
इस साल की सूची में दुनिया में सबसे अच्छा प्रदर्शन डेनमार्क का रहा और वह नंबर एक पर है। वहीं दूसरे नंबर पर फिनलैंड , तीसरे पर न्यूजीलैंड, चौथे स्थान पर नॉर्वे और पांचवें पर सिंगापुर है। दूसरी ओर,सबसे खराब हाल दक्षिणी सूडान का रहा है और उसे 180 नंबर रखा गया है। उससे पहले सीरिया, सोमालिया, वेनेजुएला और यमन का नंबर आता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जैसे-जैसे भ्रष्टाचार विरोधी प्रयास बढ़ रहे हैं और हालात बिगड़ते जा रहे हैं। वैसे-वैसे मानवाधिकार और लोकतंत्र पर हमले ज्यादा हो रहे हैं।