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धान भीगने को लेकर 6 जिलों के कलेक्टर्स को नोटिस, खाद्य मंत्री ने जताई नाराजगी

छत्तीसगढ़ में हाल में हुई बेमौसम बारिश के कारण धान खरीदी केंद्रों में धान की फसल भीगने को मंत्री-मंडलीय उप समिति ने गंभीरता से लिया है। धान खरीदी केंद्रों में धान को बारिश से बचाव के लिए कैप कवर, तालपत्री समेत विभिन्न इंतजाम के लिए पर्याप्त राशि सहकारी समितियों को उपलब्ध कराई गई थी। इसके बाद भी बेमौसम बारिश से धान को भीगने से बचाने के लिए की गई लापरवाही को मद्देनजर समिति ने बेमेतरा, कवर्धा, राजनांदगांव, धमतरी, महासमंद और रायपुर जिले के कलेक्टर्स, जिला विपणन अधिकारियों और उप पंजीयकों को नोटिस जारी करने की अनुशंसा मंत्री मंडलीय उपसमिति ने की है। हालांकि धान की कोई क्षति नहीं हुई है।

खाद्य मंत्री  अमरजीत भगत की अध्यक्षता में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में धान खरीदी व्यवस्था के संबंध में मंत्री-मंडलीय उप समिति की बैठक में उन्होंने धान खरीदी केंद्रों में धान भीगने की घटना पर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग द्वारा बारिश संबंधी पहले से ही अलर्ट जारी कर दिया गया था। इसके साथ-साथ शासन द्वारा भी धान सुरक्षा और अन्य व्यवस्था के लिए राशि जारी कर दी गई थी। इसके बाद भी धान को भीगने से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं किए गए। उन्होंने कहा कि धान खरीदी के साथ-साथ इसकी सुरक्षा की जवाबदेही भी हमारी है। बारिश के पहले एवं बाद में नियमित रूप से भौतिक सत्यापन क्यों नहीं किया गया। 

मंत्री मंडलीय उप समिति की बैठक

उन्होंने कहा कि सही समय में कैपकवर, तालपत्री और अन्य आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाती तो धान भीगने जैसी स्थिति भी उत्पन्न नहीं होती। उन्होंने भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति न हो इस पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में वन मंत्री मोहम्मद अकबर, सहकारिता और स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम भी उपस्थित हुए। मंत्री मंडलीय उप समिति की बैठक में धान के भीगने के संबंध में वस्तुस्थिति के बारे में जानकारी ली गई। अधिकारियों से चर्चा के दौरान ये स्पष्ट हुआ कि बेमेतरा, कवर्धा, राजनांदगांव, धमतरी, महासमुंद और रायपुर सहित 6 जिलों में कुल 38 हजार टन धान बारिश से भीगा है। इसे सुखाकर इसकी मिलिंग कराई जा सकती है। 

भीगे बारदानों को पलटीकर सुखाया गया

धान खरीदी केंद्रों में धान के भीगे बारदानों को पलटीकर सुखाया गया है, जिससे धान की कोई क्षति नहीं हुई है। बैठक में असमय बारिश के कारण प्रभावित उपार्जन केंद्रों की स्थिति, बारदाने की उपलब्धता, धान खरीदी व्यवस्था, कस्टम मिलिंग और धान परिवहन, संग्रहण, भंडारण, रख-रखाव के संबंध में  विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि इस साल समर्थन मूल्य पर105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 15 लाख से ज्यादा किसानों से 58.64 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। धान खरीदी के एवज में किसानों को 10 हजार 934 करोड़ 50 लाख रूपए बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत मार्कफेड द्वारा जारी कर दिया गया है। 

5.25 लाख गठान बारदाने की आवश्यकता

कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव और परिवहन तेजी से किया जा रहा है। बैठक में अधिकारियों को केंद्रीय पूल में 61.65 मीट्रिक टन चावल जमा करने के लक्ष्य के अनुरूप तेजी से धान का उठाव और परिवहन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। बैठक में जानकारी दी गई समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए 5.25 लाख गठान बारदाने की आवश्यकता है। वर्तमान में पीडीएस, मिलर्स और किसानों से बारदाने आपूर्ति के कारण धान खरीदी व्यवस्था में कोई दिक्कत नहीं हो रही है। शासन द्वारा धान खरीदी के लिए पर्याप्त मात्रा में बारदाने और एचडीपी बारदाने की व्यवस्था कर दी गई है। बैठक में खाद्य विभाग के विशेष सचिव मनोज सोनी, सहकारिता विभाग के विशेष सचिव हिमशिखर गुप्ता, मार्कफेड की प्रबंध संचालक किरण कौशल समेत संबंधित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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