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एक महीने में छत्तीसगढ़ ने केंद्रीय पूल में जमा कराया 5.12 लाख मीट्रिक टन चावल

छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर किसानों से निर्वाध रूप से की जा रही धान खरीदी के साथ-साथ केंद्रों से धान का उठाव और कस्टम मिलिंग का कार्य जोर-शोर से जारी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप शासन -प्रशासन ने इस काम में पूरी ताकत झोंक दी है। इसका परिणाम यह रहा है छत्तीसगढ़ ने कस्टम मिलिंग की शुरूआत के पहले महीने में ही केंद्रीय पूल में 5 लाख 12 हजार मीट्रिक टन चावल जमा कराने में सफल रहा है। राज्य गठन के 21 सालों की अवधि में छत्तीसगढ़ ने ये रिकॉर्ड उपलब्धि पहली बार हासिल की है। इस साल राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का नया रिकॉर्ड भी बनने जा रहा है।  

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, धान के उठाव और कस्टम मिलिंग, रेलवे रेक की व्यवस्था के साथ-साथ केंद्रीय पूल में चावल जमा कराने उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए खाद्य विभाग, विपणन संघ, नागरिक आपूर्ति निगम, एफसीआई, रेलवे अधिकारियों को बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि संबंधित विभागों के अधिकारियों के समन्वय से ही यह उल्लेखनीय सफलता मिली है। उन्होंने उम्मीद जताई की राज्य धान खरीदी के साथ ही केंद्रीय पूल में चावल जमा कराने का लक्ष्य पूरा करेगा।  

पंजीकृत धान का रकबा 30 लाख हेक्टेयर से ज्यादा

छत्तीसगढ़ राज्य में समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीदी की शुरूआत 1 दिसंबर 2021 से हुई है। धान खरीदी के समांतर ही खरीदी केंद्रों से धान का उठाव और कस्टम मिलिंग भी युद्ध स्तर पर जारी है। इस साल धान बेचने के लिए रिकॉर्ड 24 लाख से ज्यादा किसानों ने पंजीयन कराया है। पंजीकृत धान का रकबा भी 30 लाख 15 हजार हेक्टेयर से ज्यादा है। खाद्य विभाग के सचिव टी.के. वर्मा ने बताया कि इस साल उपार्जन धान की कस्टम मिलिंग के बाद चावल का पहला लॉट 6 दिसंबर को FCI रायगढ़ में जमा कराने के साथ ही केंद्रीय पूल में चावल जमा करने की शुरूआत हुई है। 

 60 प्रतिशत धान की खरीदी पूरी

अभी एक महीने की अवधि पूरा होने में एक दिन शेष है और राज्य ने 5 लाख 12 हजार मीट्रिक टन चावल केंद्रीय पूल में जमा कराने की रिकॉर्ड उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ को इस साल केंद्रीय पूल में 61.65 लाख मीट्रिक टन अरवा चावल जमा कराना है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए उपार्जित धान का उठाव और कस्टम मिलिंग का काम तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में मिलर्स से 130 लाख मीट्रिक टन धान की कस्टम मिलिंग का अनुबंध किया गया है। इस साल अनुमानित धान खरीदी के विरूद्ध अब तक लगभग 60 प्रतिशत धान की खरीदी की जा चुकी है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले 63 प्रतिशत किसानों में सर्वाधिक संख्या लघु और सीमांत कृषकों की है। 

धान खरीदी के लिए जूट बारदाने का प्रबंध

राज्य में अब तक लगभग 61 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। धान उपार्जन और बारदाना के एवज में किसानों को नियमित रूप से भुगतान किया जा रहा है। राज्य में प्रतिदिन ढाई से तीन लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन किसानों से किया जा रहा है। अब तक खरीदे गए धान में से लगभग 40 प्रतिशत धान का उठाव मिलर्स और संग्रहण केंद्रों के लिए किया जा चुका है। खाद्य सचिव वर्मा ने बताया कि राज्य में धान खरीदी को लेकर किसी भी तरह की दिक्कत नहीं है। बारदाने की कमी को पूरा कर लिया गया है। शासन द्वारा पर्याप्त मात्रा में प्लास्टिक बारदाने की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही मिलर्स और पीडीएस दुकानों से धान खरीदी के लिए जूट बारदाने का प्रबंध किया गया है। 

जनवरी महीने के लिए रेक मूवमेंट प्लान तैयार

सभी समितियों में पर्याप्त मात्रा में बारदाने उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि धान खरीदी में राज्य के किसानों का भरपूर सहयोग मिला है। किसानों द्वारा धान खरीदी के लिए लगभग 67 हजार गठान पुराने जूट बारदाने उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने बताया कि कस्टम मिलिंग का चावल FCI में निर्वाध रूप से जमा होते रहे। इसको लेकर FCI रेलवे के अधिकारियों से निरंतर समन्वय रखा जा रहा है। जनवरी महीने के लिए रेक मूवमेंट प्लान भी तैयार किया गया है।

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