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कभी मजदूरी के लिए चलाते थे दूसरों का वाहन, अब खुद बने वाहन मालिक

छत्तीसगढ़ शासन की योजनाएं किस तरह लोगों के जीवन में बदलाव ला रही है, इसका अंदाजा नवागांव निवासी देवसिंह राठिया के जीवन में आए बदलाव से लगाया जा सकता है। जो कभी मजदूरी के लिए दूसरों का वाहन चलाते थे। उनके दृढ़ निश्चय के फलस्वरूप वो आज खुद वाहन के मालिक बन चुके हैं। पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए शासन की योजनाएं काफी मददगार साबित हो रही है। ऐसे लोग जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, लेकिन स्वयं का रोजगार करना चाहते हैं। उनके सामने वित्तीय समस्याएं सबसे बड़ी अड़चन होती है, लेकिन राज्य शासन द्वारा लोगों के वित्तीय समस्याओं को अपनी योजनाओं के माध्यम से दूर कर लोगों को स्वरोजगार से जोड़ रही है।

छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम द्वारा अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और सफाई कामगार वर्गा के आर्थिक विकास के लिए स्वरोजगार के लिए वित्तीय सहायता अल्प ब्याज पर ऋण स्वरूप प्रदान कराई जा रही है, जिससे शिक्षित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग स्वयं का रोजगार निर्मित कर आज स्वावलंबी बन रहे हैं। विकासखंड रायगढ़ के ग्राम नवागांव के देवसिंह राठिया अपनी आजीविका के लिए कृषि और मजदूरी काम पर निर्भर थे। 

 8 प्रतिशत के साधारण ब्याज दर पर लोन उपलब्ध 

देवसिंह राठिया कृषि और मजदूरी से होने वाले आय से परिवार का भरण-पोषण बड़ी मुश्किल से कर पाते थे, जिसके कारण उन्हें अतिरिक्त आय के लिए दूसरे के पास वाहन चालक का काम भी करना पड़ता था। नियमित काम के अभाव और मेहनत अनुरूप आय नहीं होने पर उन्होंने वाहन चालन की अपनी योग्यता को खुद के व्यवसाय में लगाने की सोची, जिससे उन्हें उनके मेहनत के हिसाब से मुनाफा मिल सके। इसके लिए उन्होंने खुद का वाहन खरीदने का फैसला लिया। उन्हें अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा संचालित गुड्स केरियर योजनांतर्गत इकाई लागत 6 लाख 25 हजार में स्वीकृत इकाई, गुड्स कैरियर राठिया को योजनानुसार जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति द्वारा वित्तीय साल 2020-2021 में पिकअप वाहन को 8 प्रतिशत के साधारण ब्याज दर पर ऋण स्वरूप उपलब्ध कराई गई। 

देवसिंह ने सरकार का किया धन्यवाद

इससे  देवसिंह राठिया खुद वाहन के मालिक बन चुके हैं। वाहन खरीदने के बाद राठिया के जीवन स्तर में काफी बदलाव आ चुका है।  राठिया आज परिवार का भरण-पोषण सुगमता से कर पा रहे हैं।  देवसिंह राठिया कहते हैं कि शासन की योजना ने उनका जीवन बदल दिया। अंत्यावसायी समिति कि ऋण की मासिक किश्त की राशि और वाहन मेन्टेनेंस के बाद 12-15 हजार की बचत हो रही है, जिससे वो अपने परिवार की जरूरतों और सुख-सुविधाएं के संसाधनों को बड़ी आसानी से जुटा पा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने शासन को इस योजना के लिए धन्यवाद दिया है।

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