आज पूरा देश अपना 73 वां गणतंत्र (73th Republic Day) दिवस मना रहा है। राज्यपाल अनुसुइया उइके ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदेश और देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने सीमाओं की रक्षा करने वाले हमारे प्रहरियों, कोरोना संक्रमण के खिलाफ योगदान देने वाले कोरोना वॉरियर्स और सुरक्षा बल के जवानों को उनके योगदान के लिए नमन किया है।
राज्यपाल ने कहा कि आज का दिन देश की आजादी के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले महापुरूषों को याद करने का दिन है, जिनकी बदौलत हमें आजादी हासिल हुई है। उन्होंने कहा कि हमारे देश का गणतंत्र और आजादी कायम रहे इसका भार देश के नौजवानों पर भी है, उन्हें देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने के लिए इस अवसर पर प्रण लेना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने दी गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को देश के 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा है कि गणतंत्र दिवस लोकतंत्र का महापर्व है। साल 1950 में 26 जनवरी को देश का संविधान लागू हुआ और भारत एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य के रूप में स्थापित हुआ। संविधान ने सभी नागरिकों की गरिमा और स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के साथ सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक न्याय और समता के लिए मजबूत नींव तैयार की। संविधान की यही मूल भावना है। इससे हमारा देश विविधताओं के बावजूद एकता और अखंडता के साथ उन्नति के पथ पर आगे बढ़ रहा है।
CM बधेल ने भारत की आजादी के लिए त्याग और बलिदान देने वाले अमर सेनानियों को नमन करते हुए कहा कि पुरखों के लंबे संघर्ष से हमें लोकतंत्र का वरदान मिला है। ये खुशी और गर्व की बात है कि छत्तीसगढ़ ने स्वतंत्रता संग्राम में महती भूमिका निभाई और संविधान सभा में भी प्रतिनिधित्व किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पुरखों की परिकल्पना के अनुरूप 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। प्रदेश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना और राजीव गांधी किसान न्याय जैसी योजनाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इन योजनाओं के क्रियान्वयन के फलस्वरूप छत्तीसगढ़ में आर्थिक बदलाव का नया युग शुरू हुआ है।
सभी सेक्टरों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल हुई: CM
मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना काल में भी छत्तीसगढ़ में आर्थिक विकास का पहिया लगातार गतिमान रहा। राज्य में कृषि, उद्योग, रियल इस्टेट समेत सभी सेक्टरों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल हुई। गणतंत्र दिवस के अवसर पर CM बघेल ने नागरिकों से आह्वान किया है कि सभी देश की एकता, अखंडता, आपसी बंधुत्व और विकास सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय भागीदारी निभाएं, जिससे देश-प्रदेश लगातार मजबूत हो।
गणतंत्र दिवस पर जानिए संविधान की कुछ रोचक बातें
आज ही के दिन भारत का सविंधान पारित हुआ था। इसलिए हर साल इसे गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। संविधान सभा को ही स्वतंत्र भारत की पहली संसद थी। इस सविंधान सभा के पहले अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद सिन्हा (अस्थायी अध्यक्ष) थे, जिसकी पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई थी। संविधान निर्माताओं ने लगभग 60 देशों के संविधानों का अवलोकन किया था और जिस संविधान में जो प्रावधान भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ लगा उसे भारत के संविधान में शामिल कर लिया गया था।
संविधान के निर्माण पर कुल खर्च
संविधान के निर्माण पर कुल 64 लाख रुपये का खर्च आया था। संविधान के बनने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था। संविधान को अंतिम रूप देने से पहले इसमें 2000 से ज्यादा संशोधन किए गए थे। भारतीय संविधान दुनिया में किसी भी संप्रभु देश का सबसे लंबा है। 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने भारतीय संविधान को संविधान भवन में हस्ताक्षरित किया था, जिसे अब संसद के केंद्रीय कक्ष के रूप में जाना जाता है।
हस्तलिखित संविधान
भारतीय संविधान के हिंदी और अंग्रेजी के दोनों संस्करण हस्तलिखित थे। ये पृथ्वी पर किसी भी देश का सबसे लंबा हस्तलिखित संविधान है। भारत के मूल संविधान को 'प्रेम बिहारी नारायण रायजादा' ने सुंदर सुलेख के साथ इटैलिक शैली में लिखा था। भारतीय संविधान (73th Republic Day) का प्रकाशन देहरादून में किया गया था और सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा फोटोलिथोग्राफ किया गया था।