देवराज साहू
पटेवा। गणतंत्र दिवस के दिन तिरंगा झंडा निकालते समय करंट से हुई छात्रा की मौत के मामले में अधीक्षक को जिम्मेदार ठहराया गया है। पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ है कि जिस समय दुर्घटना घटित हुई, अधीक्षक श्रीमती ऐश्वर्या साहू प्रांगण में टहल रही थी। मासूम बच्चियों को झंडा उतारने की जिम्मेदारी देकर उन्होंने अपने कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही बरती। इस वजह से छात्रावास अधीक्षक के खिलाफ उपेक्षा द्वारा मृत्यु कारित करना का अपराध भादवि की धारा 304 ए, और लापरवाही बरतने से दुर्घटना घटित होने के लिए धारा 337 के तहत जुर्म दर्ज किया गया है।
मर्ग जांच के बाद दर्ज अपराध में पटेवा के प्रधान आरक्षक इरफान कुरैशी ने बताया है कि मृतिका कु. किरण दीवान (14) पिता नारायण दीवान निवासी ग्राम उल्बा थाना पटेवा जिला महासमुंद का मर्ग जांच किया। प्री मेट्रीक आदिवासी कन्या छात्रावास में कार्यरत रसोईया श्रीमती दुर्पती बाई ध्रुव, चपरासी श्रीमती कौशिल्या ठाकुर पिता मनहरण दीवान, घायल छात्रा काजल चौहान से पूछताछ कर कथन लिया। जांच में पाया गया है कि प्री मेट्रीक आदिवासी कन्या छात्रावास पटेवा में कुल 28 छात्राएं निवासरत हैं। जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी, देखरेख प्री मेट्रीक आदिवासी कन्या छात्रावास पटेवा में कार्यरत अधीक्षिका श्रीमती एश्वर्या साहू की है।
घटना के दिन थी 12 छात्राएं, अब हॉस्टल खाली
26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर कुल 12 छात्राएं उपस्थित थीं। प्री मेट्रीक आदिवासी कन्या छात्रावास पटेवा के प्रांगण में सुबह राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। शाम करीबन 05:15 बजे किरण दीवान अपनी सहेली काजल चौहान के साथ प्रांगण में लगे राष्ट्रीय ध्वज को उतार रही थी। प्रांगण के चबूतरा में लोहे के पाईप, जिसके उपर एक लम्बा लोहे के पाईप लम्बाई करीबन 19.10 फीट जिसमें राष्ट्रीय ध्वज लगा हुआ था। लम्बा लोहे के पाईप को छोटे पाईप से निकालते समय प्रांगण के उपर से गुजरी 11केव्ही बिजली तार में लोहे का लम्बा पाईप का उपरी सिरा टकरा गया। इसमें विद्युत प्रवाह होने से किरण दीवान की बिजली करंट से मौके पर ही मृत्यु हो गई। काजल चौहान बिजली करंट से घायल हो गयी।
दहशत में हॉस्टल खाली
प्री मेट्रीक आदिवासी कन्या छात्रावास पटेवा के अधीक्षिका ऐश्वर्या साहू (30) पति लिकेश साहू निवासी पिरदा, थाना आरंग जिला रायपुर हाल निवास प्री मेट्रीक आदिवासी कन्या छात्रावास पटेवा के द्वारा सुरक्षा के संबंध में समुचित उपाय न कर लापरवाही एवं उपेक्षापूर्ण कार्य की गई। गवाहों का कथन और घटनास्थल का निरीक्षण, शार्ट पीएम रिपोर्ट, अवलोकन से मृतिका की मृत्यु विद्युत करंट लगने से हुई है। प्रथम दृष्टया प्री मेट्रीक आदिवासी कन्या छात्रावास पटेवा की अधीक्षिका श्रीमती एश्वर्या साहू का कृत्य अपराध धारा 304(A), 337 भादवि का घटित करना पाये जाने से अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया । गणतंत्र दिवस के दिन हुई दुर्घटना की वजह से दहशत में हॉस्टल खाली हो गया है।
हो सकती है दो साल तक की सजा
कानून के जानकारों के अनुसार धारा 304 ए (उपेक्षा द्वारा मृत्यु कारित करना) में जो कोई उतावलेपन या उपेक्षापूर्ण किसी ऐसे कार्य से जिससे कि व्यक्ति की मृत्यु कारित करेगा, उसे आपराधिक मानववध की कोटि में नहीं आता। न्यायालय में आरोप सिद्ध होने पर दो वर्ष तक की सजा हो सकती है। इसी तरह से धारा 337 में किसी कार्य द्वारा, जिससे मानव जीवन या किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को ख़तरा हो, चोट पहुँचाना कारित करनाआता है। इसमें आरोपी को छह महीने कारावास या पाँच सौ रुपए आर्थिक दंड या दोनोंहो सकता है। दोनों ही धाराएं जमानती और संज्ञेय अपराध है।