पश्चिम बंगाल हादसों का गढ़ बनता जा रहा है। प्रदेश में किसी न किसी दुर्घटना की खबर रोजाना सामने आ रही है। ताजा मामला झारखंड-पश्चिम बंगाल की सीमावर्ती इलाके पाडेश्वर का है, जहां अवैध कोयले के खनने में लगे 5 लोग खान में गिरे मलबे में दब गए। इसमें से 4 लोगों की मौत हो गई। वहीं एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है। मरने वाले सभी लोग एक ही परिवार के हैं। मृतकों की पहचान श्यामल बाउरी, पिंकी बाउरी, नटवर बाउरी और अन्ना बाउरी के रूप में की गई है।
मामले की जानकारी मिलने के बाद लौदोहा और पांडबेश्वर थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर JCB की मदद से पत्थरों को हटाया गया। इसके बाद शवों को बाहर निकालने का काम शुरू हो सका। घटना की जानकारी मिलने के बाद कई जनप्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे। घटनास्थल के आस-पास लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई थी।
घायल व्यक्ति गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती
स्थानीय लोगों ने बताया कि दुर्गापुर के फरीदपुर प्रखंड के मधाईचक OCP में लंबे समय से कोयले के अवैध खनन का कार्य चल रहा था। इसी दौरान माइंस के अंदर कोयले की चट्टान गिर गई। इसमें से 5 लोग फंस गए। इसमें से चार की मौत हो गई। जबकि एक घायल व्यक्ति को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी: पांडवेश्वर विधायक
वहीं पांडवेश्वर विधायक नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती ने कहा कि मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी। इसके अलावा आसनसोल दुर्गापुर पुलिस आयुक्तालय के डीसीपी अभिषेक गुप्ता और अंडाल ताहिर अनवर के एसीपी ने भी घटनास्थल का दौरा किया। एक स्थानीय के मुताबिक गरीबी के कारण क्षेत्र के कई लोग ऐसा करते हैं। इस दिन भी परिवार पैसे के लिए कोयला निकालने के लिए अवैध रूप से खदान में आया थे।
लगातार हो रहे हादसे
स्थानीय लोग भविष्य में ऐसी घटनाओं की आशंका को दूर नहीं कर रहे हैं। पुलिस ने कहा कि शुरुआत में मरने वालों की संख्या भूस्खलन के कारण हुई। हालांकि अधिकारी असली कारण का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ECL के एक अधिकारी की खदान में डूबने से मौत हो गई थी। ECL अधिकारी आसनसोल स्थित केंडा खदान के पिट नंबर 2 में भरने का काम देखने गए थे। उस खदान में कई दिनों से आग जल रही थी। वहीं ECL के सीनियर ओवरमैन अजय कुमार मुखर्जी जमीन के नीचे दब गए थे। बता दें ंकि प्रदेश के अलग-अलग जिले में लगातार हादसे हो रहे हैं।