महासमुंद। नाबालिग से अनाचार के मामले में लैगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के विशेष न्यायाधीश योगिता विनय वासनिक ने पटेवा थाना क्षेत्र के 35 वर्षीय वीर सिंग उर्फ मेहतरू यादव पिता चमरू यादव को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 04 (2) के तहत आरोप दोष सिद्ध होने पर 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
अर्थदंड की राशि नही पटाने पर 6 माह का सश्रम कारावास पृथक से भुगताई जाएगी। अभियोजन के अनुसार अभियोक्त्री की मां ने पटेवा थाना में 5 मार्च 2020 को रिपोर्ट दर्ज कराई कि 3 मार्च 20 की शाम लगभग 7 से 8 बजे के बीच वीरसिंग यादव उर्फ मेहतरू ने उसकी नाबालिग पुत्री से अनाचार किया है। इस संबंध में गांव वालों को बुलाकर बैठक भी किया गया। विवेचना उपरांत मामला कोर्ट को सौंपा गया था। जहां आरोप दोष सिद्ध होने पर उक्त सजा सुनाई गई। अभियोजन की ओर अतिरिक्त लोक अभियोजक सलीम कुरैशी ने पैरवी की।