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दुःखद घटना : बेटा ट्रेन के सामने कूद गया, दुखी बाप ने जहर पीकर दे दी जान

महासमुन्द जिला मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर ग्राम कमरौद में आत्महत्या की दो दिल दहला देने वाली घटना हुई है। मामूली पारिवारिक विवाद पर जवान बेटा ट्रेन के सामने कूदकर जान दे दिया। इसकी सूचना मिलते ही अधेड़ बाप ने जहर की पूरी सीसी गटक ली। बाप-बेटे द्वारा एक ही दिन आत्महत्या कर लेने की दुखद घटना से परिजन और ग्रामीण स्तब्ध हैं। 

पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि परिजन युवक की मौत को दुर्घटना बता रहे हैं। परिस्थितियों और घटनास्थल का मुआयना कर गहन जांच-पड़ताल कर रहे हैं।

 एक ही दिन दो अलग-अलग घटनाओं में पिता पुत्र की मौत ने जिले में पूर्ववर्ती कलेक्टर सुनील कुमार जैन द्वारा आत्महत्या रोकने चलाए जा रहे नवजीवन अभियान को पुनः प्रारंभ करने की आवश्यकता महसूस करा दिया है। मानसिक रूप से परेशान लोगों की काउंसलिंग कराने से इस तरह की घटनाओं पर बहुत हद तक विराम लगा था। आत्महत्या की जिले में बढ़ती घटनाओं के मनोवैज्ञानिक कारण की जांच करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। 

मासूम बच्चों का भविष्य अंधकारमय

पुलिस और परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार 17 दिसंबर (शुक्रवार) को ग्राम कमरौद (बागबाहरा) में एक ही घर से बाप बेटे ने आत्महत्या कर ली। बेटे की अंत्येष्टि कल और बाप का अंतिम संस्कार आज किया गया। जिसने भी इस हृदय विदारक घटना की दास्तान सुनी, चौक गए। गांव व आसपास के अंचल  में यह चर्चा का विषय बन गया है। सभी के जुबां पर एक ही सवाल है कि जीवन इतना सस्ता हो गया है कि बहुत आसानी से लोग अपनी जीवन लीला समाप्त कर ले रहे हैं? परिवार के मुखिया और कमाऊ असमय मृत्यु का वरण कर लेने से पीड़ित परिवार और मासूम बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। 

ऐसे हुई आत्महत्या की दो घटना

दरअसल, ग्राम कमरौद निवासी 38 वर्षीय पूर्णानंद पटेल 17 दिसम्बर को प्रातः 6:30 बजे घर से निकला और ग्राम ओंकारबंद के पास तेलीबांधा अंडरब्रिज के पास जाकर ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर लिया। जिसकी जानकारी तकरीबन 11:00 बजे ग्रामीणों को हुई। सोशल मीडिया में फोटो वायरल होने से उसके पिता 54 वर्षीय लेख राम पटेल ने देख लिया। जब उनके सुपुत्र के आत्महत्या करने की जानकारी हुई तो वह सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाया। लगभग एक लीटर जहर की पूरी सीसी  नदी में जाकर गटक लिया। बेटे का अंतिम दर्शन भी वह नहीं कर सका। दोपहर 12 बजे ग्रामीणों को पता चलने पर उसे आनन-फानन में महासमुंद जिला अस्पताल पहुंचाया । जहां शाम 4:30 बजे उसकी मृत्यु हो गई। इस तरह एक ही घर से बाप बेटे दोनों ने एक ही दिन अपनी जान दे दी।

बहुत अच्छा कारीगर था मृतक पूर्णानंद पटेल

पूर्णानंद पटेल बहुत ही अच्छा कारीगर था। मंदिर बनाने में उसे महारत हासिल था। उन्होंने अपने जीवन काल में अनेक भव्य  मंदिर बनाए हैं। उसने महामाया मंदिर महासमुन्द और लाफिनकला में श्री राम जानकी मंदिर बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। साथ ही रामायण इत्यादि में भी उनकी गहरी आस्था व रूचि थी। वह रामचरित मानस गान में भी भाग लेता था। वही उनके पिता लेख राम पटेल बहुत ही व्यवहार कुशल और सात्विक व्यक्ति थे। इस तरह दोनों के द्वारा असमय मृत्यु का वरण कर लेने से लोग अचंभित हैं।

पिता-भाई का अंतिम दर्शन नहीं कर पाया जेल में बंद पोखेंद्र

बताया जाता है कि लेखराम का छोटा बेटा पोखेंद्र पटेल धोखाधड़ी के एक मामले में सेंट्रल जेल रायपुर में 3 वर्ष से कैद है। उसके परिवार की जिम्मेदारी भी पूर्णानंद व उनके पिता पर ही था। अब उनके परिवार में अब लेख राम की पत्नी 50 वर्षीय बिसाहीन पटेल, पूर्णानंद की पत्नी 33वर्षीय हेमलता पटेल उसकी 14वर्षीय पुत्री रागनी पटेल, पोखेन्द की पत्नी त्रिवेणी पटेल व उनके दो सुपुत्री ही हैं। इस तरह वर्तमान में दोनों लाशों को मुखाग्नि देने वाले भी कोई पुरूष सदस्य नहीं थे। उनके परिवार के लोगों ने दोनों को मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार के लिए पोखेंद्र को जेल से लाने परिजन गए थे। जहां अनुमति नहीं मिलने से वह पिता का अंतिम दर्शन और संस्कार भी नहीं कर पाया। 

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