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क्रिसमस डे स्पेशल, जानिए प्रभु ईसा मसीह की जिंदगी से जुड़ी अनसुनी बातें

क्रिसमस (Christmas) दुनियाभर के ईसाइयों के लिए यीशु ( jesus christ) के जन्म का पर्व मनाने का दिन है। वहीं क्रिसमस का नाम सुनते ही हमारे मन में क्रिसमस ट्री, गिफ्ट्स और रंगबिरंगी सजावट की तस्वीर उभर आती है। क्रिसमस ईसाइयों का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। हर साल इस त्योहार को 25 दिसंबर के दिन मनाया जाता है। 

इस दिन को हम ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में भी मनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि ईसा मसीह का जन्म किसी खास मकसद से हुआ था। उन्हें ईश्वर का वरदान भी माना जाता है। लोगों का मानना है कि भगवान ईसा मसीह (jesus) का जन्म लोगों की मदद करने, उन्हें सहारा देने और सत्य की राह दिखाने के लिए हुआ था। 

लोगों का मानना है कि यीशु दुनिया में लोगों को सही रास्ता दिखाने के लिए आए थे। वहीं यीशु के जीवन से जुड़े कुछ ऐसे रोचक तथ्य भी हैं जिन्हें हर कोई नहीं जानता है। आज हम उन्हीं के बारे में आपको जानकारी दे रहे हैं। बाइबिल के मुताबिक यीशु को अपना नाम एक फरिश्ते से मिला। बाइबिल में इस बात का जिक्र है कि एक स्वर्गदूत यीशु की मां मैरी के पास गया और उससे कहा कि आप पर ईश्वर की विशेष कृपा है और वो आपके साथ हैं। ये सुनकर मैरी घबरा गईं, लेकिन स्वर्गदूत ने उनसे कहा कि तुम्हें डरने की जरूरत नहीं है। तुम एक बच्चे को जन्म दोगी जिसका नाम जीसस होगा। उसका राज्य कभी खत्म नहीं होगा।

क्राइस्ट नहीं था जीसस का आखिरी नाम 

बाइबिल के मुताबिक जीसस का सरनेम क्राइस्ट नहीं था। कई लोगों को लगता है कि क्राइस्ट जीसस का सरनेम हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। पहली सदी में फिलिस्तीन में लोगों के सरनेम नहीं होते थे। उस समय लोग माता-पिता के नाम से बच्चों की पहचान करते थे। क्राइस्ट शब्द ग्रीक के क्राइस्टोस से निकला है जिसका अर्थ मसीहा होता है।

25 दिसंबर को पैदा नहीं हुए थे यीशु 

बाइबिल के मुताबिक 25 दिसंबर को यीशु पैदा नहीं हुए (Jesus was not born on 25 December) थे। पूरी दुनिया 25 दिसंबर को यीशु के जन्म का जश्न मनाती है, लेकिन 25 दिसंबर को उनके जन्म दिवस को लेकर संदेह हैं। बहुत पहले हिप्पोलिटस और जॉन क्रिसस्टोम जैसे ईसाई नेताओं ने 25 दिसंबर की तिथि का अवलोकन किया और आखिर में जश्न मनाने के लिए इस तिथि को चुना गया। यीशु के जन्म तिथि को लेकर विद्वानों में कई मतभेद हैं। कुछ लोगों का कहना है कि यीशु ठंड में नहीं बल्कि पतझड़ के मौसम में पैदा हुए थे।

यीशु ने किया बढ़ई का काम (Jesus did carpentry)

गॉस्पेल के मुताबिक यीशु शुरू में कारपेंटर यानी बढ़ई का काम (Jesus did carpentry) करते थे। दरअसल यीशु के भाई जोसेफ एक कारपेंटर थे और कहा जाता है कि यीशु ने उनसे ही ये काम सीखा था। बाद में शहर के लोग उन्हें भी कारपेंटर के रूप में जानने लगे।

दिखने में बहुत साधारण थे यीशु 

वैसे तो यीशु की शारीरिक बनावट के बारे में किसी को ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि वो बहुत साधारण नैन-नक्श वाले थे।

जीसस के थे कई भाई-बहन 

मैथ्यू के गॉस्पेल के मुताबिक जीसस के कई भाई-बहन थे। गॉस्पेल के मुताबिक जीजस के चार भाईयों के नाम जेम्स, जोसेफ, सायमन और जुडास हैं।

यीशु का पहला चमत्कार (First miracle of jesus)

ऐसा भी माना जाता है कि यीशु बड़े-बड़े चमत्कार करते थे। उन्होंने अपना पहला चमत्कार (First miracle of jesus) काना में एक शादी समारोह के दौरान किया था। यहां उन्होंने पानी को शराब बना दिया था जिसके बाद हर तरफ यीशु के चर्चे होने लगे थे।

कई भाषाएं बोलते थे यीशु (Jesus spoke many languages)

गॉस्पेल के मुताबिक यीशु कई भाषाएं बोलते (Jesus spoke many languages) थे। दरअसल पहली सदी के फिलिस्तीन में यहूदियों द्वारा बोली जाने वाली प्राथमिक भाषा अरमाइक थी। मैथ्यू के गॉस्पेल के मुताबिक यीशु को आरामाईक, हिब्रू और ग्रीक समेत कई भाषाओं का ज्ञान था।

शाकाहारी नहीं थे यीशु (Jesus was not a vegetarian)

मैथ्यू के गॉस्पेल के मुताबिक यीशु शाकाहारी (Jesus was not a vegetarian) नहीं थे। इसमें जिक्र किया गया है कि वो भी बाकी यहूदियों की तरह मांस खाते थे। यीशु नियमित रूप से मछली खाते थे।

यीशु ने किया था 40 दिनों तक उपवास (Jesus fasted for 40 days)

बाइबल के मुताबिक यीशु ने 40 दिनों तक उपवास (Jesus fasted for 40 days) रखा था। आमतौर पर इतने दिनों तक का उपवास कोई साधारण इंसान नहीं रख सकता है।

जीसस ने लोगों को दिखाया था सही रास्ता  

मैथ्यू के गॉस्पेल के मुताबिक यीशु हमेशा से ही लोगों को सही रास्ता दिखाने का काम (Jesus showed people the right path) करते थे। उनका मानना था कि इस संसार में एक ही भगवान हैं और वहीं हम सब के दिलों में होते हैं। उनका कहना था कि हमें भगवान से हमेशा जुड़ाव रखना चाहिए ताकि आगे चलकर और सत्य और अहिंसा का रास्ता चुन सकें।

जीसस ने लोगों को दी थी एकजुट होकर रहने की सीख 

यीशु ने हमेशा लोगों को एकजुट होकर रहने की सीख दी । साथ ही साथ उन्हें हमेशा भगवान के करीब रहने का रास्ता भी दिखाया। उन्होंने हमेशा लोगों को माफ करने और माफी मांगने का संदेश दिया। इसके अलावा, उन्होंने अपने हत्यारों को भी माफ़ कर दिया। उनका कहना था कि आपस में भाईचारा ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। लोगों को हमेशा एक दूसरे की मदद करनी चाहिए। प्रभु यीशु ने अपने जीवन में लोगों को सत्य की शिक्षा दी। उनकी प्रेम, करुणा, और कमजोरों की मदद करने की शिक्षाएं मानवजाति को सदा सत्य का प्रकाश देती रहेंगी। आज हम आपको प्रभु यीशु के कुछ खास अनमोल विचार के बारे में बता रहे हैं।

'मैंने तुमसे प्रेम किया है'

यीशु ने कहा जिस तरह से मेरे पिता ने मुझसे प्रेम किया है उसी तरह मैंने भी तुमसे प्रेम किया है।

'उनकी होगी प्रशंसा'

जो लोग खुद की प्रशंसा करते हैं, उनको विनम्र किया जाएगा और जो लोग स्वयं को विनम्र बनाते हैं उनकी प्रशंसा की जाएगी।

'शत्रुओं से भी करो प्यार'

मैं तुमसे कहता हूं कि अपने शत्रुओं से भी प्यार करो और उनके लिए प्रार्थना करो जो तुमको सताते हैं। इससे तुम उस पिता की संतान बन जाओगे जो स्वर्ग में है। वह अपना सूर्य बुराई और अच्छाई दोनों पर डालता है और न्यायी व अन्यायी दोनों पर अपनी वर्षा करता है।

'धनी व्यक्ति के लिए स्वर्ग में प्रवेश करना मुश्किल'

किसी धनी व्यक्ति के लिए स्वर्ग में प्रवेश करना बहुत मुश्किल है। मैं फिर से यही बात दोहराता हूं। कि किसी धनी व्यक्ति के स्वर्ग का स्वर्ग में प्रवेश करना बहुत मुश्किल है। इससे आसान काम तो ऊंट का सुई के छेद से निकलना है।

'उसे तकलीफ सहनी पड़ेगी'

उस व्यक्ति को कभी कोई फायदा नहीं होगा जिसको पूरी दुनिया मिल जाए, लेकिन उसको अपनी आत्मा को खोने की तकलीफ सहना पड़ती है।

'कोई तुमसे कुछ मांगता है तो दे दो'

अगर कोई तुमसे कुछ मांगता है तो उसको दे दो। कोई तुम्हारा सामान ले जाए तो उससे दोबारा इस संबंध में मत पूछो। जिस तरह का व्यवहार आप लोगों से चाहते हो, वैसा ही उनके साथ करो।

'सिर्फ रोटी के लिए मत जीवन जियो'

लोगों को सिर्फ रोटी के लिए जीवन नहीं जीना चाहिए बल्कि भगवान से निकले हर शब्द के मुताबिक जीना चाहिए।

'एक दूसरे से प्रेम करो'

मैं तुम्हे एक नया आदेश देता हूं कि एक दूसरे से प्रेम करो। जैसे मैंने तुमसे प्रेम किया है। एक-दूसरे से प्रेम करो।

'अपनी संपत्ति गरीबों में बांट दो'

अगर तुम सही जीवन जीना चाहते हो तो अपनी सारी संपत्ति को गरीबों में बांट दो, तुम्हे स्वर्ग का खजाना मिलेगा।

'मेरा साम्राज्य कहीं और है'

मेरा साम्राज्य इस संसार में नहीं है। अगर होता तो मेरे सेवक मेरी गिरफ्तारी रोकने केलिए यहूदियों से लड़ते पर मेरा साम्राज्य कहीं ओर है।

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