Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

भारतीय वायुसेना का मिग-21 विमान हुआ क्रैश, पायलट शहीद

भारतीय वायुसेना का एक MiG-21 लड़ाकू विमान शुक्रवार शाम राजस्थान के जैसलमेर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया है, जिसमें  पायलट विंग कमांडर हर्षित सिन्हा शहीद हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक जिस जगह जेट गिरा है, वह सुदासरी डेजर्ट नेशनल पार्क में है और पाकिस्तान बॉर्डर के पास है। ये एरिया आर्मी के कंट्रोल में है। इसलिए वहां किसी को जाने नहीं दिया जा रहा है। विमान लगभग साढ़े 8 बजे क्रैश हुआ है। इसके पायलट अपनी रेगुलर उड़ान पर थे। हादसे की जगह जैसलमेर से करीब 70 किमी दूर है। इससे पहले अगस्त 2021 में भी बाड़मेर में एक मिग-21 विमान क्रैश हुआ था।

 

जानकारी के मुताबिक क्रैश के बाद विमान में भीषण आग लग गई, जिसमें पायलट की मौत हो गई है। सर्च टीम ने पायलट का शव बरामद कर लिया, लेकिन आग में बुरी तरह झुलसने की वजह से उन्हें बचाया नहीं जा सका। जानकारी के मुताबिक जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान की सीमा से सटे इलाके में यह हादसा हुआ है। शुरुआती जांच में तकनीकी खराबी को हादसे की वजह बताया जा रहा है, लेकिन इस हादसे की नियमित जांच बाद में की जाएगी। मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर आग पर काबू पाया जा चुका है। 

8 दिसंबर को हेलीकॉप्टर हादसे में 14 लोगों की मौत

बता दें कि सेना के विमान हादसे बढ़ते जा रहे हैं। 8 दिसंबर को सेना का एक हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर में हादसे का शिकार हो गया था। इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी भी शामिल थीं। एक महीने के भीतर वायुसेना का दूसरा विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।  

बता दें कि किसी जमाने में फाइटर जेट मिग-21 विमान भारतीय वायुसेना की रीढ़ माने जाते थे। अब इसके चार स्क्वॉड्रन बचे हुए हैं। इनकी देखभाल और अपग्रेड भले ही किया गया हो, लेकिन ये विमान न तो जंग के लिए और न ही उड़ान के लिए फिट हैं। बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद मिग-21 बाइसन विमान ने पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों के छक्के छुड़ा दिए थे। हालांकि, लगातार दुर्घटनाग्रस्त हो रहे मिग-21 विमानों के कारण कई पायलट्स जान भी गंवा चुके हैं, अब इन विमानों जल्द से जल्द हटाने का वक्त आ गया है।

5 जनवरी को भी हुआ था मिग-21 विमान क्रैश

वायुसेना 1960 से मिग-21 विमानों का इस्तेमाल कर रही है। वायुसेना लगातार कहती रही है कि उसने इन विमानों को जंग के लिए तैयार रखने में कोई समझौता नहीं किया है, भले ही ये कितने ही पुराने हों। बता दें 5 जनवरी को भी राजस्थान के श्रीगंगानगर स्थित सूरतगढ़ में मिग-21 बाइसन एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया था। सेना के अनुसार MIG-21 बायसन एयरक्राफ्ट में तकनीकी खराबी आने के चलते रात 8:15 पर क्रैश हो गया था। यह क्रैश सूरतगढ़ के एयरबेस के आसपास हुआ था, हालांकि इसमें पायलट सुरक्षित था।

फाइटर जेट के रूप में इंडियन एयरफोर्स में शामिल

मिग-21 लड़ाकू विमान मिग कई घातक एयरक्राफ्ट शॉर्ट रेंज और मीडियम रेंज एयरक्राफ्ट मिसाइलों से हमला करने में सक्षम है। इस लड़ाकू विमान की स्पीड 2229 किलोमीटर प्रति घंटा की है, जो उस समय सबसे तेज उड़ान भरने वाला लड़ाकू विमान था। कारगिल युद्ध में भी मिग-21 ने अहम भूमिका निभाई थी। साल 1964 में मिग-21 लड़ाकू विमान को पहले सुपरसोनिक फाइटर जेट के रूप में इंडियन एयरफोर्स में शामिल किया गया था।

कारगिल युद्ध में थी मिग-21 की अहम भूमिका

शुरुआत में ये जेट रूस में बने थे और फिर भारत ने इस विमान को असेम्बल करने का अधिकार और तकनीक भी हासिल कर ली थी, जिसके बाद हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को 1967 से लाइसेंस के तहत मिग-21 लड़ाकू विमान का प्रोडक्शन शुरू कर दिया था। रूस ने तो 1985 में इस विमान का निर्माण बंद कर दिया, लेकिन भारत इसके अपग्रेडेड वैरिएंट का इस्तेमाल करता रहा है। पाकिस्तान के साथ हुए 1971 और 1999 के कारगिल युद्ध में भी मिग-21 ने अहम भूमिका निभाई थी।

लगातार हादसे का शिकार हो रहे मिग-21 विमान

मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमान मिग-21 का एक अपग्रेडेड वर्जन है, जिससे अगले 3 से 4 साल तक इसका उपयोग किया जा सकता है। इस वर्जन का इस्तेमाल केवल भारतीय वायुसेना ही करती है। बाकी दूसरे देश इसके अलग-अलग वैरियंट का प्रयोग करते हैं। सितंबर, 2018 तक वायु सेना के पास तकरीबन 120 मिग-21 विमान थे। हालांकि भारतीय वायुसेना के मिग-21 विमान बड़ी संख्‍या में हादसों का शिकार हो चुके हैं।

Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.