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आज से 19 दिसंबर तक मनाया जाएगा केशकाल एडवेंचर फेस्टिवल, इन कार्यकमों का होगा आयोजन

कोंडागांव जिला अपनी प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर होने के साथ अपने मनमोहक प्राकृतिक दृश्यों, मनोरम जलप्रपातों एवं विशिष्ट जनजातिय संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है। इन अनमोल विरासत को सहेज कर लोगों को इससे रूबरू कराने और जिले को पर्यटन मानचित्र में विशेष स्थान दिलाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। जिसके लिए कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा के मार्गदर्शन में ईको पर्यटन सर्किट का विकास जिले में किया जा रहा है। जिसमें जिले के केशकाल क्षेत्र के 21 जलप्रपातों, टाटामारी, केशकाल घाटी, पुरातन मंदिर और स्थापत्य, कोंडागांव की विशिष्ट जनजातिय संस्कृति और जिले के देश-विदेशों में प्रसिद्ध शिल्पी ग्रामों को जोड़ा गया है। 

पर्यटन सर्किट को विशेष पहचान दिलाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा केशकाल एडवेंचर फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। इस एडवेंचर फेस्टिवल में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के द्वारा राज्य के विभिन्न कोनों और अन्य राज्यों से आये सैलानियों को तीन दिनों का एडवेंचर टूर कराया जायेगा। यह फेस्टिवल 17 से 19 दिसम्बर तक चलाया जाएगा।

पश्चिम बंगाल और कर्नाटक से प्रतिभागी होंगे शामिल

इस फेस्टिवल में जिले के पर्यटन क्षमताओं का लोगों को प्रदर्शन किया जायेगा। इस फेस्टिवल को जिले के मारी क्षेत्र और आस-पास के ग्रामीणों के द्वारा बनाई गई ग्रामीण पर्यटन समितियों के द्वारा संचालित किया जा रहा है। बता दें कि जिला प्रशासन द्वारा आस-पास के ग्रामीणों की आजीविका के साधनों में वृद्धि कर आय के साधनों के लिए पर्यटन समितियों का निर्माण कर इन अंचलों के युवाओं को इन समितियों से जोड़ा गया है। ये युवा आये पर्यटकों को स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों से परिचय कराने के साथ जनजातिय संस्कृति से भी उन्हें अवगत कराएंगे।

फेस्टिवल में जिले के बाहर से 45 पर्यटक शामिल

इस फेस्टिवल में शामिल होने के लिए अन्य राज्यों से भी पर्यटक आ रहे हैं। इसमें पश्चिम बंगाल, कर्नाटक राज्यों के अलावा छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, जशपुर, कवर्धा, रायपुर जैसे जिलों से भी लोग शामिल हो रहे हैं। इस फेस्टिवल में पर्यटकों के लिए रॉक क्लाईंबिंग, रैपेलिंग, जीपलाईन, कैंपिंग और ट्रैकिंग की व्यवस्था की गई है। ट्रैकिंग के दौरान जनजातिय स्थानीय वैद्यों और युवाओं द्वारा पर्यटकों को स्थानीय वनस्पतियों और उनके औषधीय गुणों के संबंध में भी बताया जाएगा। टाटामारी में कैंपिंग के साथ धनुष-बाण द्वारा निशानेबाजी को भी मुख्य आकर्षण के रूप में रखा गया है। इस फेस्टिवल में जिले के बाहर से 45 पर्यटक शामिल होंगे। इसमें पर्यटकों को मांझिनगढ़, बड़ेडोंगर, भोंगापाल, शिल्पग्राम का भी भ्रमण कराया जाएगा।

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