राज्यपाल अनुसुईया उइके से राजभवन में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने भेंट की। इस अवसर पर गुजरात की प्रथम महिला दर्शना देवी भी उपस्थित थीं। आचार्य देवव्रत ने छत्तीसगढ़ राजभवन का अवलोकन किया और यहां की व्यवस्थाओं की सराहना की। उन्होंने छत्तीसगढ़ी व्यंजन फरा, इड़हर कढ़ी और चौलई भाजी का स्वाद चखा और उसे स्वादिष्ट बताया।
राज्यपाल उइके ने गुजरात के राज्यपाल को छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, यहां के भौगोलिक परिवेश, प्राकृतिक सौंदर्य, यहां के धान की अनेक प्रजातियों, अपार वन संपदा, आदिवासियों के रीति-रिवाज के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य आदिवासी बाहुल्य राज्य है। यहां के वनवासियों की जीविका का प्रमुख साधन लघु वनोपज है। आदिवासी संस्कृति अत्यंत समृद्ध है। वे परंपरागत रूप से बेलमेटल, काष्ठशिल्प बनाते हैं और इनके द्वारा बनाए गए उत्पाद देश-विदेश में भी पसंद किए जाते हैं। Gujarat-Governor-appreciates-Chhattisgarh-Raj-Bhavan-and-Chhattisgarhi-cuisine
राज्यपाल उइके ने उन्हें राजभवन का भ्रमण कराया। गुजरात के राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ राजभवन की अत्यंत सराहना की। उन्होंने लॉन में बनाए गए ओपन जिम और दरबार हॉल की अत्यंत प्रशंसा की। उन्होंने उइके को उनके द्वारा प्राकृतिक खेती को दिए जा रहे प्रोत्साहन के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हरियाणा और गुजरात में भी वे किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने यहां दुर्ग जिले के किसानों से भी भेंटकर उन्हें प्राकृतिक खेती से कम लागत में ज्यादा उत्पादन होने और अन्य लाभों के बारे में जानकारी दी है।
आचार्य देवव्रत ने उइके और सभी अधिकारियों को गुजरात आने का निमंत्रण दिया। इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल के परिसहाय यशपाल जगनिया और विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी डॉ राजेंद्र विद्यालंकार उपस्थित रहे। राज्यपाल आचार्य देवव्रत के राजभवन आगमन पर राज्यपाल के सचिव अमृत खलखो और उप सचिव दीपक कुमार अग्रवाल ने स्वागत किया। राज्यपाल उइके ने शाल और स्मृति चिन्ह देकर आचार्य देवव्रत को सम्मानित किया। गुजरात के राज्यपाल ने भी उइके को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।