बता दें कि चिप्स द्वारा इन-हाउस विकसित एप में सम्पूर्ण राज्य में संचालित गोठानों का गोठानवार डेटाबेस होगा, जिसमें गोठानों में उपलब्ध संसाधन, गतिविधियां, हितग्राहियों और सेवाओं  का विवरण होगा। जियो-टैगिंग के माध्यम से गौठानों की  डिजिटल मैपिंग की जाएगी। जिससे गौठानों के संसाधनों का सतत लेखा जोखा उपलब्ध होगा। प्रत्येक गोठान में स्व सहायता समूहों द्वारा संचालित मल्टी एक्टिविटी का डेटाबेस तैयार होगा। इस फ्रेमवर्क से गौठानों के मुख्य सूचकांकों की सटीक निगरानी हो सकेगी। इससे गौठानों में उत्पादित सामग्री की उपलब्धता  विपणन और लाभार्थियों का लेखा जोखा उपलब्ध होगा।

गतिविधियों की रूपरेखा तैयार

एप में राज्य शासन के लिए गौठान से जुड़ी गोठान समितियों और स्व-सहायता समूहों दोनों के लिए मजबूत डिजिटल मूल्यांकन तंत्र और सटीकता सुनिश्चित करने वाले गौठान केंद्रित डाटाबेस उपलब्ध होगा। इस डाटाबेस के आधार पर गौठानों में भविष्य में की जाने वाली गतिविधियों की रूपरेखा तैयार करने में मदद मिलेगी। गौठान में आय सृजन गतिविधियों की प्रवृत्ति और प्रदर्शन की निगरानी के माध्यम से आजीविका के नवीन स्रोतों की पहचान होगी, इससे हितधारकों की आय बढ़ोतरी होगी और सूक्षम उद्द्योग की योजना बनाने और संवर्धन की संभावना बढ़ेगी। 

कार्यक्रम में ये रहे उपस्थित

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के विशेष सचिव और प्रबंध संचालक गोधन न्याय मिशन एस. भारती दासन ने चिप्स को इस एप निर्माण के लिए धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, पूर्व केन्द्रीय मंत्री भक्त चरणदास, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा,  इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रोद्योगिकी के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू और चिप्स के संयुक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी नीलेश सोनी विशेष रूप से उपस्थित रहे।