ओमिक्रोन वैरिएंट अब तक 38 देशों तक पहुंच गई है। इसी बीच भारत में नए वैरिएंट से संक्रमित 3 और मरीजों की पहचान हुई है। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट ने दस्तक दे दी है। विदेश से मुंबई के पास कल्याण डोंबिवली इलाके में आए शख्स के ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इस बात की जानकारी महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग के निदेशक ने दी है। इससे पहले शनिवार को ही गुजरात में भी एक 72 साल का बुज़ुर्ग ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमित पाया गया है। वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी नए वैरिएंट से संक्रमित मरीज की पुष्टि हुई है।
ओमिक्रोन वेरिएंट से संक्रमित होने वाले शख्स की उम्र 33 साल है और वो हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से लौटा है। बता दें कि महाराष्ट्र में ये ओमिक्रोन वैरिएंट का पहला मामला है, जबकि देश में अब तक चार मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें सबसे पहले दो मामले कर्नाटक में और फिर एक-एक मामला गुजरात और महाराष्ट्र में मिला है। कर्नाटक में संक्रमित मिले दोनों लोगों की उम्र 66 साल और 46 साल थी।
Jamnagar man who returned from Zimbabwe found infected with Omicron variant of COVID-19: Gujarat health department
— Press Trust of India (@PTI_News) December 4, 2021
गुजरात में नए वैरिएंट का पहला मामला
जिम्बाब्वे से लौटा गुजरात के जामनगर शहर का 72 साल का एक व्यक्ति कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रोन से संक्रमित पाया गया है। जिम्बाब्वे ज्यादा जोखिम वाले देशों की श्रेणी में शामिल है। गुजरात के स्वास्थ्य आयुक्त जयप्रकाश शिवहरे ने पुष्टि की कि जामनगर शहर का संबंधित व्यक्ति कोरोना के नए स्वरूप ओमिक्रोन से संक्रमित पाया गया है। अधिकारियों ने कहा कि यह व्यक्ति 28 नवंबर को जिम्बाब्वे से गुजरात आया था और दो दिसंबर को कोरोना वायरस से संक्रमित मिला था, जिसके बाद उसका नमूना जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजा गया था।
कोरोना से संक्रमित होने की सूचना
जामनगर के निगमायुक्त विजय कुमार खराडी ने कहा था कि नमूना जीनोम अनुक्रमण के लिए अहमदाबाद भेजा गया था, ताकि यह पता लगाया जा सके कि व्यक्ति ओमिक्रोन से संक्रमित है या नहीं। उन्होंने कहा कि ये व्यक्ति बीते कई साल से जिम्बाब्वे में रह रहा है और वो राज्य में अपने ससुर से मिलने आया था। अधिकारी ने कहा कि बुखार होने के बाद डॉक्टर ने उन्हें RT-PCR टेस्ट कराने की सलाह दी और निजी प्रयोगशाला ने गुरुवार को अधिकारियों को उसके कोरोना से संक्रमित होने की सूचना दी।
काफी दिनों से भारत में दूसरे देशों से कोरोना के कम मामले सामने आए हैं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि भारत में हाइब्रिड इम्यूनिटी है। भारत में कोरोना की दूसरी लहर में 2/3 जनता को कोरोना हुआ था। जिसके बाद टीकाकरण ड्राइव चली और ऐसे लोगों में हाइब्रिड इम्यूनिटी हुई है: अनुराग अग्रवाल, CSIR pic.twitter.com/QBcz86kToa
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 4, 2021
वहीं नए वैरिेएंट की देश में एंट्री के साथ ही वैक्सीनेशन में तेजी की बात हो रही है। इन सबके बीच एक शब्द और है जो चर्चा की वजह बना हुआ है। ये शब्द 'हाइब्रिड इम्यूनिटी'। भले ही ओमिक्रोन वैरिएंट इस वक्त दुनिया में दहशत की वजह बना हुआ हो, लेकिन कहा जा रहा है कि ये डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले ज्यादा घातक नहीं है। ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा भी सामने नहीं आया है, जो अस्पताल में गंभीर संक्रमण झेल रहे हैं। भारत में ओमिक्रोन वैरिएंट के सामने आने के बाद CSIR ने कहा है कि भारतीयों में कोरोना के खिलाफ हाइब्रिड इम्यूनिटी मिली है और ये देश के लिए सकारात्मक बात है।
Hybrid immunity in Covid means a (combined) immunity acquired through both the infection and vaccination. When these two work together it’s called hybrid immunity: Executive Director All India Institute of Medical Sciences, Bibinagar, (near Hyderabad) Prof (Dr) Vikas Bhatia pic.twitter.com/xlGGNZtkeD
— ANI (@ANI) December 4, 2021
जानिए क्या है हाइब्रिड इम्यूनिटी
देश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान बीबीनगर के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर विकास भाटिया के मुताबिक कोविड में हाइब्रिड इम्युनिटी का अर्थ है, संक्रमण के दौरान और टीकाकरण दोनों के जरिए हासिल इम्यूनिटी जब दोनों तरह की इम्यूनिटी मिल जाती है तो ये हाइब्रिड इम्यूनिटी कहलाती है। उन्होंने इसे स्पष्ट करते हुए बताया है कि जो लोग कोविड के संपर्क में आए हैं, उनमें कोविड के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो सकती है। हो सकता है कि उन्हें वैक्सीनेशन भी मिला हो। ऐसे में ये दोनों तरह की इम्यूनिटी मिलकर ही हाइब्रिड इम्यूनिटी बनाती हैं।
ओमिक्रोन वैरिएंट से जीतेगी हाइब्रिड इम्यूनिटी!
अभी तक ओमिक्रोन वैरिएंट के डेल्टा वैरिएंट से ज्यादा घात होने के सबूत नहीं मिले हैं। CSIR के तरुण अगवाल के मुताबिक काफी दिनों से भारत में दूसरे देशों से कोरोना के कम मामले सामने आए हैं। ऐसा इसलिए हुआ है, क्योंकि भारत में हाइब्रिड इम्यूनिटी है। भारत में कोरोना की दूसरी लहर में 2-3 जनता को कोरोना हुआ था, जिसके बाद वैक्सीनेशन ड्राइव चली और ऐसे लोगों में हाइब्रिड इम्यूनिटी पैदा हुई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दी चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण का नया वैरिएंट ओमिक्रोन दुनिया के 38 देशों में फैल चुका है, लेकिन इसके कारण अभी तक किसी मरीज की मौत नहीं हुई है। WHO ने कहा कि अभी भी ओमिक्रोन से संबंधित मौतों का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन नया वैरिएंट अगले कुछ महीनों में यूरोप के आधे से ज्यादा कोविड मामलों का कारण बन सकता है।
गाइडलाइन का सही से करें पालन: WHO
वहीं WHO ने चेतावनी दी है कि 'यह निर्धारित करने में हफ्तों लग सकते हैं कि वैरिएंट कितना संक्रामक है, क्या यह अधिक गंभीर बीमारी का कारण बनता है और इसके खिलाफ कितने प्रभावी इलाज और टीके हैं।' बता दें कि हाल में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने वैरिएंट के स्थानीय रूप से प्रसारित मामलों की पुष्टि की है। वहीं दक्षिण अफ्रीका में इसके कारण कोरोना के मामलों में तेजी आई है। WHO के अधिकारियों ने कहा कि ओमिक्रोन के सामने आने के बाद भी डेल्टा स्वरूप के खिलाफ अपनाए गए उपाय इस महामारी से जंग की बुनियाद बने रहने चाहिए। साथ ही स्वीकार किया कि कुछ देशों द्वारा सीमा बंद करने के उपाय को अपनाया जाना तैयारी के लिए समय दे सकता है।