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बड़ी कार्रवाई: पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ , 26 नक्सली ढेर, 4 पुलिसकर्मी घायल

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है।  इस मुठभेड़ में महाराष्ट्र पुलिस की C-60 यूनिट ने 26 नक्सलियों को ढेर कर दिया है। जिले में सुबह 7 बजे से ही ऑपरेशन जारी था। इस ऑपरेशन में 4 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से नागपुर भेजा गया है। गढ़चिरौली SP अंकित गोयल ने इसकी पुष्टि की है।  मौके से बड़ी मात्रा में नक्सल सामग्री बरामद हुई है। जानकारी के मुताबिक इलाके का निरीक्षण किया जा रहा है, जिसमें कई और नक्सलियों के मारे जाने की उम्मीद है।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस की कमांडो टीम को सूचना मिली थी कि कुछ नक्सली छत्तीसगढ़ के जंगलों से गढ़चिरौली जाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि मुंबई से करीब 920 किलोमीटर दूर जिले के ग्यारहबत्ती वन क्षेत्र के धनोरा में शनिवार सुबह पुलिस की टीम के तलाशी अभियान के दौरान मुठभेड़ शुरू हुई। जिला पुलिस अधीक्षक अंकित गोयल ने कहा कि 'हमें जंगल से अभी तक 26 नक्सलियों के शव मिले हैं।' 

जानकारी के मुताबिक मारे गए नक्सलियों की पहचान का अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन मृतकों में नक्सलियों के एक प्रमुख नेता के भी शामिल होने का आशंका है। अधिकारियों ने पहले बताया था कि मुठभेड़ में 4 पुलिसकर्मी भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं और उन्हें इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से नागपुर ले जाया गया है। ये जिला छत्तीसगढ़ की सीमा से सटा है। बता दें कि नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन के लिए बनाई गई सी 60 यूनिट का ये अब तक का सबसे सफल ऑपरेशन है। सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिस को वहां से बड़े पैमाने पर हथियार और नक्सल साहित्य मिले हैं।

पुलिस को मिली थी नक्सलियों की जानकारी

महाराष्ट्र पुलिस के C-60 दस्ते ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया है। बता दें कि 1990 में नक्सली हिंसा से निपटने के लिए सी-60 दस्ते को बनाया गया था। हाल ही में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सी-60 कमाडो को क्रैक कमांडो कह कर उनकी तारीफ भी की थी। इस मुठभेड़ में पुलिस ने नक्सलियों के कई शिविर ध्वस्त किए हैं। गढ़चिरौली जिले के कोरची तालुके के ग्यारहबत्ती, कोटगुल इलाके के जंगल में पुलिस को नक्सलियों द्वारा शिविर लगाए जाने की जानकारी मिली थी।

कई घंटों की मुठभेड़ में 26 नक्सली ढेर

सूचना के बाद पुलिस की C-60 नाम की टीम ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज करने का फैसला किया। इसके बाद ये टीम तलाशी अभियान के लिए निकल पड़ी। पुलिस टीम जैसे ही ठिकानों के पास पहुंची तो नक्सलियों को इसकी भनक लग गई। नक्सलियों ने पुलिस की ओर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस ने भी जवाबी हमला करते हुए गोलीबारी शुरू की। कई घंटों तक चले इस अहम ऑपरेशन में 26 नक्सली मारे गए हैं।

नक्सल रोधी स्पेशल फोर्स है C-60 यूनिट

बता दें कि नक्सलियों से निपटने के लिए आंध्र प्रदेश पुलिस ने ग्रेहाउंड यूनिट बना रखी है। इस यूनिट के जवान नक्सलियों की ड्रेस में जंगलों में रहते हैं और वहीं पर उनके बारे में सूचनाएं जुटाकर नक्सलियों का सफाया करते हैं। उन्हीं की तर्ज पर महाराष्ट्र में नक्सल रोधी स्पेशल स्कवाड C-60 यूनिट  तैयार की गई है। इस यूनिट में राज्य पुलिस से तेज-तर्रार 60 जवानों को छांटकर शामिल किया जाता है। विशेष हथियारों से लैस ये जवान भी नक्सलियों की तरह जंगल में रहकर उनका काम-तमाम करते रहते हैं।

2 लाख का इनामी नक्सली गिरफ्तार

वहीं कुछ दिनों पहले यहां से पुलिस ने 2 लाख के इनामी नक्सली मंगारु मांडवी को गिरफ्तार किया था। नक्सली मंगारु पर हत्या और पुलिस पर हमला करने के कई केस दर्ज हैं। बताया जा रहा है कि मरने वालों में कुछ बड़े बेनामी नक्सली भी शामिल है। दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में भी बीते एक हफ्ते में दो अलग-अलग मुठभेड़ में 4 नक्सलियों को ढेर कर दिया गया है। इनमें 3 महिला नक्सली शामिल है। इन चारों नक्सलियों पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 5-5 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था। मारी गई महिला नक्सली हार्डकोर माओवादी थी। इन महिलाओं ने कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया था।

नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई

गढ़चिरौली जिले की स्थापना के बाद से ही पूरे क्षेत्र में नक्सली गतिविधियां बढ़ गई थी। इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए तत्कालीन SP केपी रघुवंशी ने 1 दिसंबर 1990 को C-60 की स्थापना की। उस वक्त इस फोर्स में सिर्फ 60 विशेष कमांडो की भर्ती हुई थी, जिससे इसे यह नाम मिला। नक्सली गतिविधियों को रोकने के लिए गढ़चिरौली जिले को दो भागों में बांटा गया। पहला उत्तर विभाग, दूसरा दक्षिण विभाग।

नक्सलियों को मुख्यधारा में जोड़ने की कोशिश

​​​​​​इन कमांडो को विशेष ट्रेनिंग दी जाती है। इन्हें दिन-रात किसी भी समय कार्रवाई करने के लिए ट्रेंड किया जाता है। इनकी ट्रेनिंग हैदराबाद, NSG कैंप मनेसर, कांकेर, हजारीबाद में होती है। नक्सल विरोधी अभियान के अलावा ये जवान नक्सलियों के परिवार, नाते-रिश्तेदारों से मिलकर उन्हें सरकार की योजनाओं के बारे में बताकर समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का काम भी करते हैं। नक्सली इलाकों में ये प्रशासनिक समस्याओं की जानकारी भी जुटाते हैं।

बौखलाए नक्सली लगातार दे रहे वारदात को अंजाम

पुलिस की लगातार कार्रवाई से बौखलाए नक्सली लोगों में दहशत फैलाने के लिए लगातार किसी न किसी कायराना करतूत को अंजाम देने में लगे हुए हैं। नक्सली लगातार पुलिस की नाक के नीचे मुखबिरी के शक में ग्रामीणों की हत्या कर रहे हैं और IED ब्लास्ट कर पुलिस और सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।

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