जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने आतंकियों पर शिकंजा कसने के लिए बड़ी कार्रवाई की है। दरअसल, सोपोर में पुलिस, सेना और CRPF ने संयुक्त रूप से नाका लगाया था और हर आने-जाने वाले पर नजर रखी जा रही थी। इस बीच दो लोगों पर शक होने के बाद उनकी तलाशी ली। इस दौरान उनके पास से एक हथगोला और आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई। सुरक्षाबलों ने दोनों संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस का कहना है कि शुरुआती जांच में पता चला है कि उनका संपर्क आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ है। साथ ही साथ दोनों संदिग्ध कुपवाड़ा में अज्ञात स्थान पर ग्रेनेड फेंकने के इरादे से जा रहे थे। बीते कई दिनों से आतंकवादी घाटी में दशहत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी हर कोशिश को सुरक्षाबल के जवान पूरा नहीं होने दे रहे हैं। हालांकि इस बीच आतंकियों ने कई ग्रेनेड हमले किए हैं और कई मासूम लोगों को निशाना बनाकर हत्याएं की हैं।
बीते दिन जम्मू कश्मीर के हैदरपुरा में हुई मुठभेड़ में घायल एक चिकित्सक की मंगलवार तड़के मौत हो गई। इसके साथ ही मुठभेड़ में मरने वालों की संख्या 4 हो गई है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मुदसिर गुल सोमवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में घायल हो गए थे। वे एक दंत चिकित्सक थे। हैदरपुरा इलाके में सोमवार शाम हुई मुठभेड़ में दो आतंकवादी और उनका एक साथी मारा गया था। इनमें से एक की पहचान मोहम्मद अल्ताफ भट के तौर पर हुई है। भट की मुठभेड़ स्थल के पास हार्डवेयर की एक दुकान थी और वह सीमेंट 'डीलर' भी था।
लगातार बढ़ रहे हमले
कश्मीर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा कि आतंकवादियों की गोलीबारी में एक आम नागरिक घायल हो गया। कुमार ने ट्वीट कर कहा कि 'आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में घायल हुए मकान मालिक की मौत हो गई है। उसके मकान की पहली मंजिल पर आतंकवादी छिपे थे। सूत्रों और डिजिटल साक्ष्य के मुताबिक वह आतंकवादियों के एक सहयोगी के तौर पर काम कर रहा था। तलाश अभियान अब भी जारी है।' हालांकि भट के परिवार ने उसके आतंकवाद से कोई संबंध नहीं होने का दावा किया है।
साल 2020 में आतंकवाद संबंधी 96 घटनाएं
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू कश्मीर में इस साल 203 आतंकवादी मारे गए और उनमें से 166 स्थानीय थे और 37 पाकिस्तानी या फिर विदेशी मूल के थे। 2020 में आतंकवाद संबंधी 96 घटनाएं (96 terrorism related incidents in 2020) हुईं। इन घटनाओं में 43 नागरिकों की भी जान गई। जबकि 92 अन्य घायल हो गए। वहीं हताहत नागरिकों की संख्या में 2019 के मुकाबले कमी आई है, पिछले साल जहां 47 नागरिकों की मौत हुई थी और 185 अन्य घायल हुए थे।