छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के रिटायर्ड DSP प्रवीर चंद्र तिवारी का हार्ट अटैक से निधन हो गया है। दो दिन पहले वे स्मार्ट पुलिसिंग की क्लास से लौट रहे थे। इसी दौरान उन्हें अटैक आया, जिसके बाद उन्हें रामकृष्ण केयर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। जहां रामकृष्ण केयर अस्पताल के डॉक्टर उनकी जान नहीं बचा पाए।
रिटायर्ड DSP प्रवीर चंद्र तिवारी अपने सेवाकाल के दौरान प्रदेश के विभिन्न जिलों में सेवाएं देते रहे, जिसके बाद वे प्रमोट होकर DSP बने थे। इस दौरान उन्होंने अपने अनुभवों के आधार पर अपराध पर लगाम लगाने में सफलता हासिल की। वहीं अपने मातहतों को भी बेहतर पुलिसिंग की तकनीक से अवगत कराते रहे।
स्मार्ट पुलिसिंग की क्लास से लौटते वक्त आया था अटैक
जानकारी के मुताबिक प्रदेश के रिटायर्ड पुलिस अफसरों को स्मार्ट पुलिसिंग के लिए तैयार किया जा रहा है, जिसके लिए बकायदा PSS माना, रायपुर में प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। दो दिन पहले रिटायर्ड DSP तिवारी भी क्लास से लौट रहे थे, तभी उन्हें हार्ट अटैक आया। जिसके बाद उन्हें तत्काल रामकृष्ण केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां अस्पताल में दो दिनों तक इलाज के बाद उन्होंने देह त्याग दिया।
BHU ने प्रकाशित की थी दो किताब
दिवंगत पुलिस अधिकारी प्रवीर चंद्र तिवारी पुलिसिंग के अलावा पढ़ने-लिखने और अनुभव को शेयर करने का शौक रखते थे। उन्होंने अपने अनुभवों के आधार पर 'चोरी के तरीकों' पर शोधात्मक किताबें लिखी थी, जिसका प्रकाशन बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) ने किया है। उनकी दोनों किताबें हमेशा प्रासंगिकता लिए होती हैं, क्योंकि उन्होंने जिन बातों का उल्लेख अपनी किताबों में किया है। आमतौर पर चोर उन्हीं तरीकों का इस्तेमाल करते हैं।