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लगातार हो रही स्थानीय लोगों की हत्या के बाद सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई, हिरासत में लिए गए 700 लोग

जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों ने आतंकियों पर शिकंजा कसने के लिए बड़ी कार्रवाई की है। दरअसल, सुरक्षाबलों ने 700 लोगों को हिरासत में लिया है। इन लोगों को छह दिनों में कश्मीरी पंडित, सिख और मुस्लिम समुदायों के लोगों सहित 7 नागरिकों की हत्या के मामले में हिरासत में लिया गया है। हिरासत में लिए गए लोगों में करीब 500 ऐसे लोग हैं, जिनके प्रतिबंधित धार्मिक और आतंकी संगठनों के साथ संदिग्ध संबंध हैं। जानकारी के मुताबिक सुरक्षाबलों ने ये कार्रवाई कश्मीर में लगातार हो रहे हमलों को रोकने के लिए की है। सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद कट्टरपंथ में वृद्धि के कारण हमले हो सकते हैं। इसके साथ ही आतंकी आसान टार्गेट को निशाना बना सकते हैं। 


बता दें कि रविवार को NIA ने कश्मीर घाटी के कई जगहों पर छापेमारी और द रेजिस्टेंस फ्रंट के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था। TRF को प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा समूह का मुखौटा संगठन माना जाता है। TRF ने कश्मीर घाटी में नागरिकों की लक्षित हत्याओं की जिम्मेदारी ली है। NIA के प्रवक्ता ने कहा कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और जम्मू कश्मीर पुलिस के सहयोग से कुलगाम, श्रीनगर और बारामुला जिलों में 7 जगहों पर छापेमारी की गई।

NIA प्रवक्ता  ने दी जानकारी

NIA प्रवक्ता ने बताया कि छापेमारी के दौरान TRF के दो सदस्यों, बारामुला के तवसीफ अहमद वानी और वामपुरा के फैज अहमद खान को आतंकी गतिविधियों की साजिश में संलिप्तता को लेकर गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान मोबाइल फोन, पेन ड्राइव, अन्य संदिग्ध सामग्री समेत कई डिजिटल उपकरण बरामद किए गए हैं। हाल ही में आतंकवादियों द्वारा किए गए आम लोगों की हत्या के विरोध में आम आदमी पार्टी ने रविवार को पूरे पंजाब में कैंडल मार्च निकाला था। 

आम आदमी पार्टी ने किया कैंडल मार्च

आम आदमी पार्टी के पंजाब के विधायकों और प्रवक्ताओं कुलतार सिंह संधवां और अमन अरोड़ा ने कहा कि जम्मू कश्मीर में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में कैंडल मार्च निकाला। कश्मीर घाटी में निशाना बनाकर अल्पसंख्यकों (हिंदुओं और सिखों) की हत्या की निंदा करते हुए आम आदमी पार्टी नेताओं ने केंद्र की नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार से कश्मीरी पंडितों और सिखों समेत (अल्पसंख्यक) समुदायों की सुरक्षा करने की मांग की थी।

अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग

PDP ने हाल में आतंकवादियों द्वारा की गई आम नागरिकों की हत्या के मुद्दे पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि प्रशासन लोगों में सुरक्षा का भाव पैदा करने में 'विफल' रहा है। PDP के मुख्य प्रवक्ता सुहैल बुखारी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में स्थिति चिंताजनक है और इन घटनाओं ने जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति के 'झूठे' विमर्श को उजागर कर दिया है। 

स्थानीय नागरिकों निशाना बना रहे आतंकी

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में बीते कुछ दिनों में कई लोगों की मौत हुई है। ताजा मामला गुरुवार का है, जब श्रीनगर में एक स्कूल के अंदर प्राचार्य सुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चंद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बीते 6 दिनों में कश्मीर घाटी में कम से कम 7 लोगों की हत्या हुई है। उनमें से 4 लोग अल्पसंख्यक समुदायों से थे।

हिरासत में लिए गए लोगों की हो सकती है गिरफ्तारी

इसी वजह से कश्मीर में सुरक्षाबल संदिग्धों की लगातार धरपकड़ कर रही है। जिन संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया है, उनमें से कुछ की गिरफ्तारी भी की जा सकती है। संदिग्धों से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने जम्मू कश्मीर में स्थानीय स्तर पर आतंक मचाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। आतंक के इस काम का सेहरा जम्मू कश्मीर के स्थानीय आतंकी गुटों को दिया गया है। इन आतंकी गुटों को ज्यादा से ज्यादा काम संगठन में भर्ती हुए नए लोगों के द्वारा कराने को कहा गया है। साथ ही स्थानीय सहानुभूति रखने वालों के यहां इन लोगों को छिपने की सलाह दी गई है।

आतंकियों के नापाक इरादे

जानकारी के मुताबिक आतंकियों के निशाने पर अब कुछ धार्मिक और स्थानीय नेता है। इनमें कश्मीरी धार्मिक प्रवचन करने वाले अनंतनाग के एक मौलाना का नाम भी शामिल है। बरेलवी सेक्ट के तहरीके सोतुल के एक चेयरमैन का नाम भी है। इसके अलावा अनंतनाग कॉरपोरेशन के एक चेयरमैन का भी नाम है। इस चेयरमैन को व्हाट्सएप कॉल के जरिए जान से मारने की धमकी मिल चुकी है। केंद्र को दी गई एक रिपोर्ट में इसे लेकर जानकारी दी गई है। 

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