महासमुन्द । छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के नेतृत्व में 28 सितम्बर 2021 मंगलवार को सुबह 11.00 बजे कृषि उपज मंडी प्रांगण राजिम (जिला गरियाबंद) में एक दिवसीय राज्य स्तरीय किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है । जिसमें प्रमुख वक्ता के रुप में संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली के नेताओं चौधरी राकेश टिकैत , डॉ दर्शनपाल सिंह , योगेन्द्र यादव , मेधा पाटकर और डॉ . सुनीलम , डॉ देवेन्दर शर्मा , बलवीर सिंह राजेवाल , बलदेव सिंह सिरसा , कॉम सत्यवान शिरकत करेंगे।
प्रेस क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता में उक्ताशय की जानकारी देते हुए किसान नेताओं ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा बड़े औद्योगिक घरानों के हित में पारित किसान , कृषि और आम उपभोक्ता विरोधी कानून को रद्द करने की मांग की जाएगी। सभी कृषि उपजों को पूरे साल न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीदी की गारंटी के लिए एमएसपी गारंटी कानून बनाने की मांग की जा रही है। इसे लेकर 26 नवम्बर 2020 से किसानों का आन्दोलन दिल्ली सीमाओं पर जारी है। जिसमें 650 से अधिक किसानों ने अपनी प्राणों की आहुति दिया है । साल दर साल किसानों का उत्पादन लागत लगातार बढ़ रहा है। लेकिन उपज का लाभकारी दाम किसानों को नहीं मिलता है। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा 14 क्विटल 80 किलो प्रति एकड़ धान की खरीदी की जाती है। बाकी धान को औने- पौने दाम पर बेचने मजबूर होते हैं।
कानूनी कार्रवाई होने की गारंटी
स्वामीनाथन आयोग के सिफारिशों के अनुरुप सभी फसलों का लागत से डेढ़ गुणा अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करना और मंडी के भीतर या बाहर कहीं पर भी उस तय मूल्य से कम में खरीदी होने पर कानूनी कार्रवाई होने की 'गारंटी कानून' किसानों को चाहिए। यह संघर्ष केवल किसानों की नहीं है बल्कि आम उपभोक्ताओं के लिए भी जरुरी है। जैसे कि हमने लॉकडाउन के दौर में देखा है कि 10 रु . किलो का नमक 100 रु में और 20 रु किलो का आलू 70 रु तक में खरीदना पड़ा । बड़े व्यापारियों के गोदामों में राशन जमा होने के बाद जमाखोरी , कालाबाजारी और महंगाई बढ़ जाती है । इसलिए आज किसान , कृषि को बचाकर ही आम उपभोक्ताओं के लिए भोजन का अधिकार सुरक्षित रहेगा। किसान और खेती को बचाने के लिए उनके उपज का लाभकारी दाम मिलना जरुरी है ।
27 सितम्बर को भारत बंद सफल करने की अपील
वहीं केन्द्र सरकार सभी सार्वजनिक उपक्रमों जैसे रेलवे , बैंक बीमा , आदि का निजीकरण ठेकाकरण कर बेच रही है। जिससे युवाओं के सामने सुरक्षित रोजगार का विकल्प समाप्त होते जा रहा है। तो दूसरी ओर श्रम कानूनों को समाप्त कर चार श्रम संहिता के माध्यम से मजदूरों के सारे अधिकार कॉरपोरेट घरानों के हित में छीन लिया गया है। इस प्रकार सरकार की कथित जनविरोधी नीतियों के माध्यम से किसान व मेहनतकश परिवार के युवाओं के सामने सुरक्षित रोजगार व आजीविका का संकट पैदा किया जा रहा है। जिसके विरुध्द किसानों का आन्दोलन जारी है। और संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 27 सितम्बर को भारत बंद के आह्वान को सफल बनाने अपील किया है ।
किसान महापंचायत के लिए आर्थिक सहयोग की अपील
राजिम में आयोजित किसान महापंचायत में खर्च होने वाली धन राशि के लिए आयोजक कमेटी छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ की ओर से केनरा बैंक खाता संख्या 6722101000600 फोन पे नंबर 8959666036 के साथ साथ 20 रु . 50 रु . 100 रु , 500 रु और 1000 रु का कूपन बनाया गया है। जिससे आम जनता से सहयोग लिया जा रहा है । इसलिए किसान महापंचायत के लिए आर्थिक सहयोग करने वालों से अपील किया गया है कि आयोजक कमेटी द्वारा जारी कूपन अथवा फोन पे से अपना सहयोग राशि प्रदान कर सकते हैं। पत्रकारवार्ता में आयोजक कमेटी के सदस्य जागेश्वर (जुगनू) चन्द्राकर संयोजक, तेजराम विद्रोही , मदनलाल साहू, गोविन्द चन्द्राकर पंकज चन्द्राकर उपस्थित थे।