बिहार के गोपालगंज कोर्ट ने युवक की हत्या मामले में मां और भाई-बहन को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और 20-20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। प्रथम अपर जिला न्यायाधीश गुंजन पांडेय ने करीब पांच साल पहले हुई युवक की चाकू मारकर हत्या के मामले में ये सजा सुनाई है। सजा सुनते ही दोषी रो पड़े। वहीं पुलिस ने तीनों को गोपालगंज के चनावे स्थित जेल भेज दिया है।
दरअसल, बंगरा गांव के रघुनाथ भगत 28 जुलाई 2016 को घर से मवेशी को चराने के लिए गांव के बाहर जा रहे थे। इसी बीच गांव के कुछ लोग उनसे उलझ गए। घटना की जानकारी होने के बाद रघुनाथ भगत के बेटे जयप्रकाश भगत ने मौके पर पहुंचकर झगड़ा को खत्म करा दिया, लेकिन कुछ ही देर के बाद दूसरे पक्ष के लोगों ने जयप्रकाश भगत पर चाकू और लाठी-डंडे से हमला कर दिया। हमले के बाद युवक गंभीर रूप से घायल हो गया और मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
मामले में 2 आरोपी अभी भी फरार
हत्या को लेकर रघुनाथ भगत के बयान पर थावे पुलिस ने केस दर्ज किया था, जिसमें मृतक के गांव के ही रामटहल प्रसाद, छठिया देवी, काली देवी, लाली देवी और चंदन कुमार को नामजद आरोपित बनाया गया था। इस मामले में रामटहल प्रसाद, छठिया देवी और काली देवी को छोड़कर बाकी दो आरोपियों को फरार घोषित कर दिया गया है। थावे पुलिस ने आरोप पत्र जमा किया।
20-20 का लगाया जुर्माना
इस मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ सत्र न्यायालय में सुनवाई शुरू हुई। इस बीच अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत किए गए सबूत के आधार पर प्रथम अपर जिला और सत्र न्यायाधीश गुंजन पांडेय ने रामटहल प्रसाद, उनकी बहन काली देवी और मां छठिया देवी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।