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सब्जी मंडी के पास रस्सी से लटकती मिली 10 साल के बच्चे की लाश, 2 दिन में 2 बच्चों की मौत से सनसनी

देश में आत्महत्या की घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही है। वहीं युवाओं के बाद 10-15 एज ग्रुप वाले भी आत्महत्या जैसे घातक कदम उठाने लगे हैं। ताजा मामला बिलासपुर के सरकंडा का है, जहां के चांटीडीह सब्जी मंडी के पास एक नाबालिग की रस्सी से लटकी लाश मिली है। वहीं लगातार दूसरे दिन नाबालिग की रस्सी से लटकी लाश मिलने से शहर में सनसनी फैल गई है। 


दरअसल, चांटीडीह सब्जी मंडी के पास रविवार सुबह एक दुकान में नाबालिग की रस्सी से लटकी लाश देखकर आस-पास के लोगों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक मृतक नशे का आदी था। बच्चा ज्यादा मात्रा में नशा करता था।

फंदे पर लटकती मिली लाश

पुलिस ने कहा कि नशे के आदी लड़के ने किन कारणों से आत्महत्या की या उसकी हत्या की गई है। इस बात की जांच के लिए पुलिस मृतक के परिजन और दोस्तों की खोज में जुटी हुई है। बता दें कि शनिवार को भी कोतवाली थाना क्षेत्र में इसी तरह एक नशे के आदी लड़के की फांसी के फंदे पर लटकती लाश मिली थी। फिलहाल पुलिस दोनों मामलों की जांच कर रही है।

 कई एंगलों से मामले की जांच कर रही पुलिस

मृतक की पहचान कुम्हारपारा के रहने वाले 10 साल के गोपाल के रूप में हुई है। सरकंडा थाना प्रभारी परिवेश तिवारी का कहना है कि परिजन के बयान दर्ज कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद मामले का खुलासा हो पाएगा। फिलहाल पुलिस कई एंगल से मामले की जांच कर रही है, ताकि घटना का पता चल सके। 

बच्चे भी उठाने लगे प्राणघातक कदम

वहीं देश में आत्महत्या के घटनाओं में तेजी से इजाफा हो रहा है। केंद्र सरकार के एक आंकड़े के मुताबिक देश में साल 2017-19 के बीच 14-18 एज ग्रुप के 24 हजार से ज्यादा बच्चों ने आत्महत्या की है, जिनमें परीक्षा में फेल होने से आत्महत्या करने के 4 हजार से ज्यादा मामले शामिल हैं। संसद में हाल में पेश नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक 14-18 एज ग्रुप के कम से कम 24 हजार 568 बच्चों ने साल 2017-19 के बीच आत्महत्या की है।

इन राज्यों के है सबसे ज्यादा आंकड़े

आत्महत्या करने वालों में 13 हजार 325 लड़कियां शामिल हैं। अगर इन्हें साल के हिसाब से देखा जाए तो 2017 में 14-18 एज ग्रुप के कम से कम 8029 बच्चों ने आत्महत्या की थी, जो 2018 में बढ़कर 8,162 हो गई और 2019 में यह संख्या बढ़कर 8377 हो गई। इस एज ग्रुप में आत्महत्या के सबसे ज्यादा मामले मध्यप्रदेश से सामने आए, जहां 3 हजार 115 बच्चों ने खुदकुशी की। इसके बाद पश्चिम बंगाल में 2802, महाराष्ट्र में 2527 और तमिलनाडु में 2035 बच्चों ने आत्महत्या की है।

NCRB के आंकड़े चौकने वाले

NCRB के आंकड़ों में कहा गया कि 4046 बच्चों ने परीक्षा में फेल होने की वजह से और 639 बच्चों ने विवाह से जुड़े मुद्दों पर आत्महत्या की। इनमें 411 लड़कियां शामिल हैं। इसके अलावा 3315 बच्चों ने प्रेम संबंधों के चलते और 2567 बच्चों ने बीमारी के कारण, 81 बच्चों ने शारीरिक शोषण से तंग आ कर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के पीछे किसी प्रियजन की मौत, नशे का आदी होना, गर्भधारण करना, सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल होना, बेरोजगारी, गरीबी जैसे वजह भी बताई गईं।

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