महासमुंद जिले में पानी बचाने और जल संरक्षण के लिए मनरेगा के तहत डबरी, तालाब, और कुआं के साथ तालाब गहरीकारण, स्टॉप डेम, चेक डेम का निर्माण किया जा रहा है। जिला पंचायत द्वारा मनरेगा के तहत जिले में जल संरक्षण के लिए पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1056 कार्य किए गए। जिसमें 40 नए तालाब का निर्माण शामिल है। वही 499 तालाबों का गहरीकरण हुआ। किसानों की जमीन पर 473 निजी डबरी बनाई गई। तो वहीं 31 नहर लाईनिंग कार्य हुए। इसी प्रकार 13 कुआं, चेकडेम और स्टाप डेम निर्मित हुए। इन सभी से 1527 हेक्टेयर खेत सिंचित हुए।
चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में 41 तालाबों का गहरीकरण और 39 निजी डबरी का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। इससे 131.72 हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी और भू-जल स्तर में भी बढ़ोतरी होगी। जिले में इन दो सालों में 512 तालाबों का गहरीकरण किया गया है। इस दौरान दोनों वित्तीय वर्षों में कुआं और 12 चेकडेम और स्टॉप डेम भी बनवाए गए हैं। सिंचाई नहरों की लाईनिंग का कार्य भी मनरेगा में लिया जा रहा है।
170 हेक्टेयर में सिंचाई क्षेत्र का विस्तार
दोनों साल में नहर लाईनिंग के 34 कार्य पूर्ण किए गए, जिनसे 170 हेक्टेयर में सिंचाई क्षेत्र का विस्तार हुआ। वहीं साल 2021-22 में जुलाई तक नहर लाईनिंग के 3 कार्य पूर्ण कर 15 हेक्टेयर में सिंचाई क्षमता विकसित की गई। वित्तीय वर्ष 2020-21 और चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में 512 निजी डबरियों का निर्माण किया गया। बीते साल 473 बनी थी। पौध रोपण के लिए कार्य योजना के तहत नर्सरियों का भी निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए राशि मंजूर की गई है। इन नर्सरियों में पौधे तैयार किए गए हैं, जो चालू मानसून के दौरान लगाए जा रहे हैं।