मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार कृषि विभाग द्वारा राज्य में रासायनिक उर्वरकों, बीज और कीटनाशक औषधि की गुणवत्ता पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। कृषि विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी अपने-अपने इलाकों में लगातार दबिश देकर बीज, खाद और कीटनाशक औषधियों के सेम्पल ले रहे हैं, जिसकी जांच गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला में की जा रही है। खरीफ सीजन 2021 में 16 सितमब की स्थिति में राज्य में बीज के 39 नमूने और रासायनिक उर्वरक के 104 नमूने अमानक पाए गए हैं, जिनके लॉट के विक्रय पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने के साथ ही संबंधित फर्मों को कृषि विभाग ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। कीटनाशक औषधि के भी 7 नमूनें अमानक पाए गए हैं।
कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक खरीफ सीजन 2021 में बीज के अब तक 2234 नमूने लिए गए हैं। सभी नमूनों का परीक्षण किए जाने पर 2195 नमूने मानक स्तर के और 39 नमूने अमानक पाए गए हैं। इसी तरह रासायनिक उर्वरकों की गुणवत्ता की जांच के लिए कृषि विभाग के उर्वरक निरीक्षकों द्वारा 2316 नमूने विभिन्न संस्थानों से लिए गए हैं। जिसमें से 2220 नमूनों की जांच की जा चुकी है। 96 नमूनों की जांच जारी है।
104 सैंपल पाए गए अमानक
रासायनिक उर्वरकों के विश्लेषित सैंपल में से 2116 मानक स्तर के 104 अमानक पाए गए हैं। अमानक बीज और खाद के लाट के विक्रय को विभाग द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के साथ संबंधित संस्थाओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। कृषि विभाग की टीम कीटनाशक औषधियों के गुणवत्ता की भी जांच कर रही है। जांच टीम ने अब तक कुल 442 सैंपल विभिन्न फर्मों से लिए गए हैं, जिसमें से 215 नमूनों का विश्लेषण करने पर 208 सैंपल मानक स्तर के और 7 सैंपल अमानक पाए गए हैं। कीटनाशक औषधियों के 227 सैंपल की जांच जारी है।
वितरण और प्रदर्शन तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध
मुंगेली कृषि विभाग के उपसंचालक और अनुज्ञप्ति अधिकारी डी.के. ब्योहार ने बताया कि उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला लाभांडी रायपुर से प्राप्त गुण नियंत्रण परिणाम के मुताबिक अमानक पाए जाने पर एस. एस. पी. जिंक बैच नंबर जेडएसएसपी-31 का जिले में भंडारण, वितरण और प्रदर्शन तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि एसएसपी जिंक बैच नंबर जेडएसएसपी-31 का निर्माता कम्पनी बी. ई. सी. फर्टिलाइजर बिलासपुर है। एसएसपी जिंक बैच नंबर जेडएसएसपी-31 है। इसका नमूना मेसर्स विष्णु खाद भंडार विकासखंड पथरिया में किया गया था। जिसका नमूना लेकर गुण नियंत्रण प्रयोग शाला लाभांडी भेजा गया था।