छत्तीसगढ़ में रविवार को कुदरत ने जमकर कहर बरपाया है। दरअसल, बलरामपुर जिले के दुप्पी गांव में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत हो गई है। जबकि एक घायल हो गया है। लोगों के मुताबिक तेज धमाके के साथ आकाशीय बिजली गिरी, जिसमें एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत हो गई। वहीं 1 गंभीर रूप से घायल है, जिसे इलाज के लिए अंबिकापुर रेफर किया गया है। मृतकों की पहचान शिवलाल, काजल और सुभम के रुप में हुई है।
जानकारी के मुताबिक परिवार के पांचों सदस्य खेत में आलू लगाने का काम कर रहे थे। इसी दौरान तेज बारिश के बाद बिजली गिरी और एक की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि 4 घायलों में से 3 ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मृतकों में दो बच्चें भी शामिल है। दरअसल, अचानक तेज गरज-चमक के साथ बारिश शुरू हो गई। बारिश से बचने के लिए सभी एक पेड़ के नीचे खड़े थे। आकाशीय बिजली गिरने से शिवलाल गोड़ की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं तीन नाबालिग समेत चार लोग झुलस गए। इसके बाद गांव वालों की मदद से तीन नाबालिग समेत चार घायलों को निजी वाहन से अंबिकापुर होली क्रॉस अस्पताल ले जाया गया। जहां नाबालिग विनोद और काजल समेत 3 लोगों की मौत हो गई।
आकाशीय बिजली गिरने पर इस तरह बचें
आकाशीय बिजली गिरने पर खुले आकाश में रहने को बाध्य हो तो नीचे के स्थलों को चुनें, एक साथ कई आदमी इकट्ठे न हो, दो आदमी की दूरी कम से कम 15 फीट हो, तैराकी कर रहे लोग, मछुवारे जितना जल्दी हो सके पानी से बाहर निकल जाए, गीले खेतों में हल चलाते, रोपनी या अन्य काम कर रहे किसानों और मजदूरों या तालाब में कार्य रहे व्यक्ति तुरंत सूखे और सुरक्षित स्थान पर चले जाएं।
इन चीजों को कर लें दूर
धातु से बने कृषियंत्र, डंडा से अपने को दूर कर लें। अगर आप खेत-खलिहान में काम कर रहे हो या किसी सुरक्षित स्थान की शरण न ले पाए तो - जहां है वहीं रहे, हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें, दोनों पैरों को आपस में सटा लें और दोनों हाथों को घुटनों पर रखकर अपने सिर को जमीन की तरफ जितना जल्दी हो सके झुका लें। साथ ही सिर को जमीन से न छुआएं, जमीन पर कभी भी न लेंटे।
खुद को धात्विक संपर्क से बचाए
अपने घरों और खेल-खलिहानों के आस-पास कम ऊंचाई वाले उन्नत किस्म के फलदार वृक्ष समूह लगाएं, ऊंचे पेड़ के तनों या टहनियों में तांबे का एक तार स्थापित कर जमीन में काफ गहराई तक दबा दें ताकि पेड़ सुरक्षित हो जाए, मजबूत छत वाला पक्का मकान सबसे सुरक्षित स्थल है। अगर संभव हो तो अपने घरों में तड़ित चालक लगवा लें। यथा संभव खुले क्षेत्र में स्वयं को धात्विक संपर्क से बचाए रखना चाहिए।