देश में कोरोना की दूसरी लहर का कहर अभी थमा नहीं है। अभी भी रोजाना 40 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। वहीं रोजाना 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। इसी बीच छत्तीसगढ़ के जवानों में तेजी से डेंगू और टाइफाइड फैल रहा है। राजनांदगांव में दो दिन से पुलिस प्रशिक्षण स्कूल में डेंगू और टाइफाइड ने कहर बरपा दिया है। यहां अब तक 26 जवान बीमार हो चुके हैं। इनमें से 9 जवान डेंगू से पीड़ित हैं। जबकि 17 जवानों को टाइफाइड हो गया है। इनमें से 22 जवानों को पेंड्री स्थित मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
मेडिकल टीम ने PTS में कैंप लगा लिया है, जहां लगातार अन्य जवानों की जांच की जा रही है। राहत की बात ये है कि 40 जवानों की कोविड एंटीजन जांच हुई, लेकिन सभी की रिपोर्ट निगेटिव रही। एक ही जगह पर बड़ी संख्या में डेंगू और टाइफाइड के मरीज मिलने से हड़कंप मच गया है। इधर, नगर निगम की फॉगिंग मशीन को बुलाकर मच्छर भगाने के लिए पूरे परिसर में दवाइयों का छिड़काव किया गया।
पानी की शुद्धता की जांच
कुएं, नलकूप सहित अन्य जलस्रोत के आसपास भी दवाइयों का छिड़काव किया गया। मौके पर PHE की टीम बुलाकर पानी का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि आखिर किस वजह से यहां पर डेंगू और टाइफाइड की शिकायत सामने आई। यहां जलस्रोतों में पानी की शुद्धता के लिए वॉटर प्यूरीफायर लिक्विड डाला गया। इसके अलावा यहां पर अन्य सावधानियां भी बरती जा रही है।
डेंगू से बचने के उपाय
डेंगू फैलाने वाला मच्छर रूके हुए साफ पानी में पनपता है। जैसे कि कूलर , पानी की टंकी , फ्रिज की ट्रे , फूलदान , नारियल का खोल , टूटे हुए बर्तन और टायर। इसके लिए सभी लोगों को चाहिए कि वे पानी से भरे हुए बर्तनों और टंकियों को ढक कर रखें। कूलर को हफ्ते में एक दिन आवश्यक रूप से सुखाए । बता दें कि डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है। ऐसे में बदन को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहने। डेंगू के इलाद के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है। बुखार उतारने के लिए पैरासीटामाल टेबलेट का उपयोग किया जाता है। लोगों को यह भी सलाह दी जाती है कि वे एस्प्रीन या आइबु्रफेन का इस्तमाल अपने आप न करें। डेंगू होने पर डॉक्टर की सलाह ले।
कब पनपते हैं डेंगू के मच्छर?
डेंगू के मच्छर अधिकतर जुलाई से अक्टूबर के बीच ही पनपते हैं। इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। एडीज मच्छर 3 फीट से ज्यादा ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता है। एडीज मच्छर गर्म से गर्म माहौल में भी जिंदा रह सकता है। मानसून के समय पानी इकठ्ठा होने से डेंगू के मच्छर पनपने का अधिक खतरा रहता है। इसलिए गर्मियों की शुरुआत के साथ ही और लोगों के घरों में कूलर लगने के बाद ही बारिश में स्वास्थ्य विभाग घरों में कूलर में पानी जमा होने की चेकिंग शुरू कर देते हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है की यह बीमारी अभी भी उतनी ही घातक है और इसे लेकर पूरी जानकारी होना बेहद जरूरी है।