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डेंगू को लेकर लापरवाही, 20 दिन बाद भी नहीं आई सैंपल रिपोर्ट, राजधानी में डेंगू मरीजों की संख्या हुई 381

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देश में कोरोना की दूसरी लहर का कहर अभी थमा नहीं है। अभी भी रोजाना 20 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। वहीं रोजाना 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है। इसी बीच देश के कई राज्यों में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। छत्तीसगढ़ में भी डेंगू तेजी से पैर पसार रहा है। इसी बीच प्रदेश में डेंगू को लेकर लापरवाही सामने आई है। दरअसल, डेंगू की पहचान के लिए भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट करीब 20 दिन बाद भी नहीं आई है। ऐसे में डेंगू के पुराने वायरस के आधार पर ही डेंगू के मरीजों का इलाज हो रहा है। 


रायपुर मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. निकिता शेरवानी के मुताबिक रायपुर मेडिकल कॉलेज में जिनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा नहीं है। इसलिए उन्होंने डेंगू के टाइप की पहचान के लिए सैंपल रायपुर एम्स भेजा है, लेकिन अभी तक वहां से रिपोर्ट नहीं मिली है। इधर, करीब 3 दिन बाद मंगलवार को रायपुर मेडिकल कॉलेज से डेंगू के मरीजों की रिपोर्ट रायपुर जिले को भेज दी, जिसमें करीब 8 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। अब रायपुर जिले में डेंगू मरीजों की संख्या 381 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग इन बढ़ते आंकड़ों पर चिंतित है, लेकिन अभी तक डेंगू से एक भी मौत नहीं होने से संतोष जता रहे हैं। डेंगू को लेकर रायपुर नगर निगम की लापरवाही अभी भी जारी है। रायपुर नगर निगम अभी भी डेंगू के बढ़ते मरीजों का दोषी स्वास्थ्य विभाग को बता रहा है।

डेंगू से बचने के उपाय 

डेंगू फैलाने वाला मच्छर रूके हुए साफ पानी में पनपता है। जैसे कि कूलर , पानी की टंकी , फ्रिज की ट्रे , फूलदान , नारियल का खोल , टूटे हुए बर्तन और टायर। इसके लिए सभी लोगों को चाहिए कि वे पानी से भरे हुए बर्तनों और टंकियों को ढक कर रखें। कूलर को हफ्ते में एक दिन आवश्यक रूप से सुखाए । बता दें कि डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है। ऐसे में बदन को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहने। डेंगू के इलाद के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है। बुखार उतारने के लिए पैरासीटामाल टेबलेट का उपयोग किया जाता है। लोगों को यह भी सलाह दी जाती है कि वे एस्प्रीन या आइबु्रफेन का इस्तमाल अपने आप न करें। डेंगू होने पर डॉक्टर की सलाह ले।

कब पनपते हैं डेंगू के मच्छर?

डेंगू के मच्छर अधिकतर जुलाई से अक्टूबर के बीच ही पनपते हैं। इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। एडीज मच्छर 3 फीट से ज्यादा ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता है। एडीज मच्छर गर्म से गर्म माहौल में भी जिंदा रह सकता है। मानसून के समय पानी इकठ्ठा होने से डेंगू के मच्छर पनपने का अधिक खतरा रहता है। इसलिए गर्मियों की शुरुआत के साथ ही और लोगों के घरों में कूलर लगने के बाद ही बारिश में स्वास्थ्य विभाग घरों में कूलर में पानी जमा होने की चेकिंग शुरू कर देते हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है की यह बीमारी अभी भी उतनी ही घातक है और इसे लेकर पूरी जानकारी होना बेहद जरूरी है।

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