छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 9 खनन कंपनियों में करोड़ों के GST की चोरी पकड़ी गई है। केंद्रीय GST विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विभाग ने 250 करोड़ रुपए की कर चोरी के आरोप में 9 प्रमुख खनन कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, जिनमें से दो सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां है और 7 प्राइवेट सेक्टर की कंपनियां है।
पूरा मामला राजधानी रायपुर स्थित केंद्रीय GST विभाग का है, जहां रायपुर में उन कुछ प्रमुख कंपनियों के यहां सत्यापन कार्रवाई की गई, जिन्हें राज्य सरकार द्वारा खनन गतिविधियों के लिए ठेका या लाइसेंस प्रदान किया गया है। जहां अधिकारियों ने बताया कि अगस्त में केंद्रीय GST टीम ने इन कंपनियों की ओर से किए जाने वाले भुगतान का सत्यापन अभियान चलाया था। सत्यापन के दौरान पाया गया कि ये कंपनियां खनन के लिए विभिन्न प्रकार के शुल्क और लेवी का भुगतान करती हैं, जिनमें रॉयल्टी, जिला खनिज फंड चार्ज, राष्ट्रीय खनिज खनन ट्रस्ट, विकास उपकर, पर्यावरण उपकर शामिल हैं।
अधिकारियों ने दी जानकारी
अधिकारियों ने बताया कि CGST अधिनियम के मुताबिक, जिन संस्थाओं को खनन अधिकार प्रदान किया जाता है, उन्हें सरकार को भुगतान किए गए शुल्क और लेवी पर GST का भुगतान करना जरूरी होता है। इस दौरान सत्यापन में इन कंपनियों की ओर से विकास उपकर, पर्यावरण उपकर जैसी लेवी पर GST का भुगतान नहीं किए जाने की बात सामने आई, जोकि कर चोरी के अंतर्गत आता है। अधिकारी ने बताया कि गणना करने पर ब्याज समेत यह कर चोरी लगभग 250 करोड़ रुपए की पाई गई है। यह वसूली और दंडात्मक कार्रवाई के योग्य है। इन सभी कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
बड़े पैमाने पर हो रही GST चोरी
अधिकारियों ने बताया कि विभाग ने आशंका जताई है कि खनन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर GST की चोरी हो रही है। विभाग ने उन कंपनियों की पहचान करने के लिए अपनी जांच तेज कर दी है। अधिकारियों के मुताबिक यह भी आशंका है कि भारत के अन्य राज्यों में विशेष रूप से पड़ोसी खनिज समृद्ध राज्यों ओडिशा और झारखंड में सैकड़ों करोड़ रुपए के GST राजस्व का भुगतान नहीं किया गया है।
क्या है GST
GST पूरे भारत में एक स्वतंत्र और सिंगल टैक्स कानून है। जीएसटी के विभिन्न प्रकार CGST, SGST, UTGST और IGST हैं और कानून पूरे देश के लिए समान हैं। GST, सप्लाई की गई वस्तुओं और सेवाओं और उनके मूल्य के आधार पर भिन्न होता है। प्रमुख टैक्स स्लैब 0%, 5%, 12%, 18% और 28% हैं। भारत में GST ने सर्विस टैक्स, वैट और एक्साइज ड्यूटी जैसे कई अन्य करों को बदल दिया है। GST अधिनियम 29 मार्च 2017 को पारित किया गया था और इसे 1 जुलाई 2017 को भारत सरकार द्वारा पारित 101वां संवैधानिक संशोधन बनने के लिए लागू किया गया था।