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मौसमी उतार-चढ़ाव से बच्चों में बढ़ी स्वास्थ्य समस्याएं, पालक रहे सतर्क, रोजाना 60-70 बच्चे पहुंच रहे OPD

वर्तमान में मौसमी उतार-चढ़ाव के चलते बच्चों में सर्दी, खांसी, बुखार संबंधी समस्या बड़ी मात्रा में देखी जा रही है, जिससे विभाग में बाह्य रोगी और भर्ती मरीज बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों की सेहत की देखरेख के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि अभी रोजाना 60-70 बच्चे ओपीडी में आ रहे हैं, जिसमें 40-50 बच्चे सिर्फ सर्दीं, खांसी, बुखार से पीडि़त है वैसे ही भर्ती मरीजों में 50-60 प्रतिशत बच्चे सर्दी, खांसी और बुखार से ग्रस्त है।


यह सामान्य मौसमी बीमारी है, जो बरसात और उसके बाद के महीनों में मौसम परिवर्तन के साथ होता है। जो कि सामान्य वायरल के लक्षण है। किसी भी बच्चों में कोरोना संबंधी लक्षण नहीं पाए गए हैं। कुछ बच्चों को ऑक्सीजन की भी जरूरत पड़ रही है, जो कि सीवियर निमोनिया के लक्षण में पड़ती है पर उसके बाद स्थिति में सुधार हो रहा है। कुछ एक बच्चों में समस्या ज्यादा है, गंभीरता देखी जा रही है, ये ऐसे बच्चे है जो या तो पहले से अन्य बीमारियों से ग्रस्त है जैसे दिल की बीमारी, खून की कमी होना, कुपोषण या किसी अन्य बीमारियों से ग्रस्त है और अस्पताल पहुंचने में देर कर रहे हैं।

गरम खाना और फलों का करें सेवन

अभी का मौसम वायरल बुखार ठीक होने में समय ले रहा है। इसमें सावधानी बरतने की आवश्यकता है। किसी भी बच्चे को सर्दी, खांसी का लक्षण हो तो तुरंत स्वास्थ्य केंद्र में जाकर सलाह लें और आवश्यकता पड़ने पर शिशुरोग विशेषज्ञों की सलाह ले। स्वयं किसी प्रकार का प्रयोगिक और झोलाछाप डॉक्टर के चक्कर में न पड़े। साफ-सफाई रखे और ठंड से बच्चों को बचाकर रखें अभी भी कोविड-19 संबंधी सरकार के नियमों का कड़ाई से पालन करें। बाजार की ठंडी वस्तुएं बच्चों को न देवें घर में बने ताजे भोजन और फलों का सेवन कराए।

हेल्थ टीम ने अस्पतालों का लिया जायजा

रायगढ़ कलेक्टर भीम सिंह के निर्देशन और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एन.केशरी के मार्गदर्शन में नर्सिंग होम एक्ट के नोडल अधिकारी डॉ.के.डी.पासवान, नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी ईश्वर राव, शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम के प्रबंधक डॉ.राकेश वर्मा और मलेरिया-डेंगू के सलाहकार शेख निषार की टीम द्वारा रायगढ़ के विभिन्न निजी अस्पतालों का संयुक्त रूप से निरीक्षण किया गया। जिसमें विशेष रूप से डेंगू मलेरिया और अन्य मौसमी बुखार के मरीजों की जानकारी ली गई।

कुछ भी लक्षण दिखने पर कराएं जांच

अस्पताल के संचालक और लैब टेक्नीशियन को निर्देशित किया गया कि बुखार के मरीज का विशेष रूप से ध्यान रखकर उसके लक्षण के आधार पर उचित जांच कर उसकी प्रतिवेदन भेजें। निजी अस्पतालों में उपस्थित मरीज और उनके रिश्तेदारों को सलाह दी गई कि वे अपने आसपास अगर कोई बुखार या अन्य मौसमी बीमारियों के मरीज चाहे बच्चा हो या वयस्क निकटतम अस्पताल में जाकर अपना जांच कराएं। साथ ही जल्द रोग मुक्त हो। विलंब करने पर मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है जिसके चलते मरीज के इलाज में कठिनाई होती है और जान जाने का भी खतरा बना रहता है।

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