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रिपोर्ट: अगस्त में बढ़ा बेरोजगारी का दर, 15 लाख से ज्यादा लोग हुए बेरोजगार

देश में कोरोना हर वर्ग के लिए घातक साबित हुई है। इस वायरस के कारण कई लोगों की जान चली गई है तो कई लोगों की नौकरी। देश में कोरोना से बचाव के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण हर वर्ग के लोग प्रभावित हुए हैं, लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान मिडिल क्लास वर्ग को हुआ है। कोरोना काल में कई लोगों का रोजगार उनसे छिन गया है। इसी बीच देश में कारोबार की सुस्त चाल के बीच अगस्त महीने में औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों से करीब 15 लाख से ज्यादा लोग बेरोजगार हो गए हैं। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई में कार्यरत लोगों की संख्या 399.38 मिलियन से घटकर अगस्त में 397.78 मिलियन पर पहुंच गई। इस एक महीने में सिर्फ ग्रामीण भारत के इलाकों में करीब 13 लाख लोगों की नौकरियां चली गई। 


CMIE के मुताबिक राष्ट्रीय बेरोजगारी दर 6.95 प्रतिशत से बढ़कर जुलाई में 8.32 प्रतिशत पर पहुंच गया। आंकड़ों पर गौर करें तो जुलाई में यह 8.3 प्रतिशत, जून में 10.07 प्रतिशत, मई में 14.73 प्रतिशत और अप्रैल में 9.78 प्रतिशत पर थी. मार्च के महीने में भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आने से ठीक पहले, शहरी बेरोजगारी दर करीब 7.27 प्रतिशत थी। आंकड़ों पर नजर डालें तो अगस्त में रोजगार दर में तो गिरावट सामने आई है, लेकिन इसी महीने कर्मचारियों की भागीदारी दर में मामूली वृद्धि देखने को मिली है।

इसके पीछे कोरोना है बड़ी वजह

CMIE का आंकड़ा दिखाता है कि भारी संख्या में लोग नौकरी के बाजार में आने के लिए तैयार हैं। रिपोर्ट से पता चलता है कि जुलाई में जहां लगभग 30 मिलियन लोग काम की तलाश में थे तो वहीं अगस्त में 36 मिलियन लोग सक्रिय रूप से काम खोजते नजर आए। रिपोर्ट के मुताबिक कुल श्रम बल का आकार भी बढ़ा है। ऐसे में कोरोना की दूसरी लहर के कारण कई फर्म बंद हो गए। इन कंपनियों के बंद होने से रोजगार का बाजार सिकुड़ गया और लोगों को रोजगार मिलने में दिक्कत होने लगी।

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