Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

अल्पवर्षा : अकाल से त्रस्त किसान, सिंचाई सुविधा बढ़ाने हो रहे लामबंद

Document Thumbnail

महासमुंद संसदीय क्षेत्र के उडीसा सीमवर्ती क्षेत्र मे 15-20 सालों से अल्पवर्षा के कारण सूखा व अकाल की स्थिति निर्मित हो रही है। हर वर्ष अल्पवर्षा होने से कृषि कार्य से जुड़े किसानों को लगातार आर्थिक क्षति हो रही है। इससे किसान भविष्य को लेकर चिंतित हैं। परिवार के भरण पोषण का संकट उत्पन्न हो गया है। किसान क्षेत्र के सांसद चुन्नीलाल साहू को आमंत्रित कर जगह-जगह बैठक आयोजित कर रहे हैं। अकालग्रस्त क्षेत्र घोषित करने और क्षतिपूर्ति दिलाने की मांग कर रहे हैं। 


छुरा विकासखंड के ग्राम पिपरछेड़ी मे पूर्व विधायक द्वय गोवर्धन मांझी बिंद्रानवागढ़, संतोष उपाध्याय राजिम की उपस्थिति में हजारों किसान जुटे।  बागबाहरा विकासखंड के जंगल क्षेत्र के 40-50 गांव के किसानों की बैठक ग्राम कसेकेरा (कोमाखान) में विगत दिनों हुई।  जिसमें प्रमुख रूप से कोमाखान मंडल अध्यक्ष सागर चंद्राकर, माधो माझी जनपद पंचायत सदस्य ,नारायण यादव टुहलू, जिला महामंत्री नीतिन जैन ,पंकज जैन,कलाराम नायक, प्रेमशंकर सिन्हा, मुखन सिन्हा खल्लारी मंडल अध्यक्ष धरम दीवान आदि उपस्थित थे।

किसानों ने सिंचाई सुविधा विस्तार पर दिया जोर 

लामबंद हो रहे किसान सिचाई सुविधाओं का विस्तार करने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए  आंदोलन करने की रणनीति भी किसान तैयार कर रहे हैं। वर्षा आधारित खेती करने वाले किसान लगातार अकाल से व्यथित हैं। ग्राम मोंगरापाली  के लघु-सीमांत किसान पुत्र व सांसद चुन्नीलाल साहू ने बताया कि क्षेत्र में अपर्याप्त सिचाई सुविधाओं की वजह से किसानों में घोर निराशा है।  किसानों को अकाल जैसी भयानक स्थिति का  हर वर्ष सामना करना  पड़ता है।

सांसद ने सुझाया स्थाई समाधान 

सांसद साहू ने अकाल से निपटने स्थाई समाधान सुझाते हुए बताया कि गरियाबंद जिला मे स्थित शिकासार जलाशय के वेष्टवियर (अतिरिक्त पानी) से बहने वाली ब्यर्थ  पानी को नहर नाली बनाकर बड़े रकबे की सिंचाई की जा सकती है। बहुत कम लागत मे छुरा विकासखंड, फिगेश्वर विकासखंड, तथा महासमुंद जिला (चंडी जलाशय, केशवा जलाशय, कोडार वृहद परियोजना) के लघु एवं वृहद जलाशयों में पानी का संग्रहण कर किसानों को सिचाई सुविधा उपलब्ध कराया जा सकता है।

मांगें नहीं मानी गई तो करेंगे आंदोलन 

सांसद साहू ने बताया कि गरियाबंद स्थित शिकासार जलाशय मे केचमेंट एरिया (जल भराव क्षमता) कम होने से वर्षा काल मे एक दो वर्षा मे ही उक्त जलाशय भरकर शेष पानी लगभग 80% उलट के माध्यम से पुनः पैरी नदी मे ब्यर्थ प्रवाहित हो जाता है। इस संबंध में उन्होंने बीते दो वर्षों से केंद्रीय जलशक्ति मंत्री भारत सरकार और छत्तीसगढ़ राज्य के कृषि एवं सिचाई मंत्री रविंद्र चौबे से मुलाकात कर  मांग पत्र सौंपा। इस योजना को लागू करने तत्काल सर्वे कर बजट में शामिल करने का आग्रह किया।  अब तक कोई कार्यवाही नही होते देख किसानों के साथ वृहत आंदोलन करने जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। वहीं इस संबंध में  फिगेश्वर विकास खंड के 18 गांव के किसानों के साथ संवाद कर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। 

Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.