Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

Earthquake: असम, जम्मू-कश्मीर और UP के मुजफ्फरनगर-सहारनपुर में महसूस किए गए भूकंप के झटके

असम के बाद जम्मू-कश्मीर सहित UP के मुजफ्फरनगर और सहारनपुर जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। असम के दक्षिण सलमारा मनकाचर में बुधवार की दोपहर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल (Richter Scale) पर भूकंप की तीव्रता 3.6 मापी गई है। हालांकि इलाके में किसी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है। बताया जा रहा है कि भूकंप दोपहर दो बजकर 59 मिनट पर आया और इसकी गहराई 10 किलोमीटर अंदर थी। भूकंप आते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।


असम के बाद जम्मू-कश्मीर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। लोगों ने कई करीब चार बजकर दो मिनट परल कई सेकंड तक तक झटके महसूस किए।  कश्मीर मौसम विभाग ने बताया कि भूकंप का एपिक सेंटर अफगानिस्तान में और इसकी गहराई 132 किलोमीटर थी। वहीं रिक्टर स्केल (Richter Scale) पर भूकंप की तीव्रता 5.2 मापी गई है। हालांकि कहीं से किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।

मुजफ्फरनगर और  सहारनपुर जिले में भूकंप के झटके    

वहीं उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और सहारनपुर जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए। सहारनपुर के रामपुर मनिहारान और बड़गांव में बुधवार को शाम करीब 5:35 बजे हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए। वहीं मुजफ्फरनगर जनपद के चरथावल क्षेत्र में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इससे लोगों में दहशत फैल गई। वहीं कुछ लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।

लगातार महसूस किए जा रहे झटके

बता दें कि बुधवार को शाम के समय भूकंप के झटकों ने क्षेत्रीय लोगों को डरा दिया। लोग आनन-फानन दौड़कर घरों से बाहर निकले। भूकंप के झटकों के कारण मकान के दरवाजे और खिड़कियां हिलने से लोगों में दहशत हो गई। हालांकि किसी प्रकार के नुकसान की कोई सूचना कहीं से नहीं मिली। 

किसान धान की जगह पेड़ लगाएं, दस हजार रुपये प्रति एकड़ पाएं- विनोद

भूकंप का झटका महसूस

जानकारी के मुताबिक बुधवार शाम करीब पांच बजकर 10 मिनट पर क्षेत्र में हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए। मकानों की खिड़कियां, दरवाजे और बंद पंखों को लोगों ने हिलते देखा तो उन्हें भूकंप का अहसास हुआ और वह शोर मचाते हुए वह अपने घरों और दुकानों से बाहर की ओर दौड़ पड़े। हालांकि भूकंप से कहीं कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन इससे लोग सहमे हुए दिखाई दिए। काफी देर तक लोग भूकंप की ही चर्चा करते रहे। मोहल्ला कायस्थवाड़ा निवासी अनीता गर्ग व उमा वर्मा ने बताया कि वह घर में बैठी हुई थीं। अचानक उन्हें पंखा हिलता हुआ दिखाई दिया। इसके चलते वह शोर मचाते हुए परिवार के सदस्यों के साथ घरों से बाहर निकल गईं। उन्होंने बताया कि भूकंप का एक ही झटका महसूस किया गया।

भूकंप के झटकों से इलाके में हड़कंप

बता दें कि इससे पहले असम के गोलपारा में 7 जुलाई को सुबह 8.45 बजे भूकंप आया था, जिसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 5.2 रही थी। अभी हाल ही में राजस्थान के बीकानेर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। 21 जुलाई को सुबह 5 बजकर 24 मिनट पर भूकंप के झटकों से इलाके में हड़कंप मच गया था। नेशनल सिस्मोलॉजी के मुताबिक रिक्टर स्केल पर तीव्रता 5.3 मापी थी। जिस वक्त भूकंप आया ज्यादा तर लोग घरों में सो रहे थे। वहीं बीकानेर के साथ ही मेघालय में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे, जहां पर रात को करीब 2 बजकर 10 मिनट पर भूकंप आया। यह भूकंप पश्चिम गारो हिल्स में महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.1 दर्ज की गई थी।

भूकंप आने का कारण

पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। दूसरे शब्दों में कहें तो पृथ्वी कई लेयर में बंटी होती है और जमीन के नीचे कई तरह की प्लेट होती है। ये प्लेट्स आपस में फंसी रहती हैं, लेकिन कभी-कभी ये प्लेट्स खिसक जाती है, जिस वजह से भूकंप आता है। कई बार इससे ज्यादा कंपन हो जाता है और इसकी तीव्रता बढ़ जाती है। भारत में धरती के भीतर की परतों में होने वाली भोगौलिक हलचल के आधार पर कुछ जोन तय किए गए हैं और कुछ जगह यह ज्यादा होती है तो कुछ जगह कम। इन संभावनाओं के आधार पर भारत को 5 जोन बांटा गया है, जो बताता है कि भारत में कहां सबसे ज्यादा भूकंप आने का खतरा रहता है। इसमें जोन-5 में सबसे ज्यादा भूकंप आने की संभावना रहती है और 4 में उससे कम, 3 उससे कम होती है।

भूकंप की तीव्रता मापने का पैमाना

भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।

भूकंप आने पर क्या करें 

  • आपको भूकंप के झटके जैसे ही महसूस हों, वैसे ही आप किसी मजबूत टेबल के नीचे बैठ जाएं और कस कर पकड़ लें।
  •  जब तक झटके जारी रहें या आप सुनिश्चित न कर लें कि आप सुरक्षित ढंग से बाहर निकल सकते हैं, तब तक एक ही जगह बैठे रहें।
  •  अगर आप ऊंची इमारत में रहते हैं तो खिड़की से दूर रहें।
  •  आप बिस्‍तर पर हैं तो वहीं रहें और उसे कसकर पकड़ लें। अपने सिर पर तकिया रख लें।
  •  आप बाहर हैं तो किसी खाली स्‍थान पर चले जाएं यानी बिल्डिंग, मकान, पेड़, बिजली के खंभों से दूर।

भूकंप के प्रकार

विवर्तनिक भूकंप: यह भूकंप का सबसे सामान्य रूप है। यह आम तौर पर पृथ्वी की क्रस्ट में मौजूद प्लेटों की गति के कारण होता है, जिन्हें टेक्टोनिक प्लेट कहा जाता है।

ज्वालामुखीय भूकंप: टेक्टोनिक भूकंप की तुलना में इस प्रकार का भूकंप कम सामान्य है। इस प्रकार के भूकंप ज्वालामुखी के विस्फोट से पहले या बाद में आते हैं। यह आम तौर पर मैग्मा के ज्वालामुखी से निकलने के कारण आता है, जो चट्टानों द्वारा सतह पर धकेला जाता है।

संक्षिप्त भूकंप: इस प्रकार का भूकंप भूमिगत खानों में आता है। मुख्य कारण चट्टानों के भीतर उत्पन्न दबाव हो सकता है।

विस्फोटक भूकंप: इस प्रकार का भूकंप कृत्रिम प्रकृति का होता है, जिसका अर्थ है कि यह मानव निर्मित गतिविधियों द्वारा उत्पन्न होता है। परमाणु विस्फोट जैसे जमीन पर उच्च-घनत्व विस्फोट, विस्फोटक भूकंप का प्राथमिक कारण हैं। 


Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.