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एडीज प्रजाति के मच्छर से फैलता है डेंगू, बचाव के लिए करें ये उपाय

डेंगू बुखार एक आम वायरस जनित संचारी रोग है। यह मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू बुखार के मुख्य लक्षण अकस्मात तेज सिर दर्द और बुखार का होना, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना, आखों के पीछे दर्द होना जो कि आखों को घुमाने से बढ़ता है, जी मिचलाना-उल्टी होना और गंभीर मामलों में नाक मुंह मसूड़ों से खून आना या त्वचा पर चकते उभरना है।


डेंगू से बचने के उपाय 

डेंगू फैलाने वाला मच्छर रूके हुए साफ पानी में पनपता है। जैसे कि कूलर , पानी की टंकी , फ्रिज की ट्रे , फूलदान , नारियल का खोल , टूटे हुए बर्तन और टायर। इसके लिए सभी लोगों को चाहिए कि वे पानी से भरे हुए बर्तनों और टंकियों को ढक कर रखें। कूलर को हफ्ते में एक दिन आवश्यक रूप से सुखाए । बता दें कि डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है। ऐसे में बदन को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहने। डेंगू के इलाद के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है। बुखार उतारने के लिए पैरासीटामाल टेबलेट का उपयोग किया जाता है। लोगों को यह भी सलाह दी जाती है कि वे एस्प्रीन या आइबु्रफेन का इस्तमाल अपने आप न करें। डेंगू होने पर डॉक्टर की सलाह ले।

एडीज प्रजाति का होता है डेंगू फैलाने वाला मच्छर 

डेंगू फैलाने वाला मच्छर एडीज प्रजाति का होता है । इसे टाइगर मच्छर भी कहा जाता है।  यह मच्छर दिन के समय काटता है। डेंगू एडिज मच्छर को अपने अंडे देने के लिए बहुत कम पानी की आवश्यकता होती हैं। एडीज मच्छर के अंडे कई दिनों तक बिना पानी के भी रह सकते हैं।

कब पनपते हैं डेंगू के मच्छर?

डेंगू के मच्छर अधिकतर जुलाई से अक्टूबर के बीच ही पनपते हैं। इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। एडीज मच्छर 3 फीट से ज्यादा ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता है। एडीज मच्छर गर्म से गर्म माहौल में भी जिंदा रह सकता है। मानसून के समय पानी इकठ्ठा होने से डेंगू के मच्छर पनपने का अधिक खतरा रहता है। इसलिए गर्मियों की शुरुआत के साथ ही और लोगों के घरों में कूलर लगने के बाद ही बारिश में स्वास्थ्य विभाग घरों में कूलर में पानी जमा होने की चेकिंग शुरू कर देते हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है की यह बीमारी अभी भी उतनी ही घातक है और इसे लेकर पूरी जानकारी होना बेहद जरूरी है।

डेंगू का मच्छर आम मच्छर से होता है अलग

डेंगू के मच्छर का नाम एडीज बताया गया है। इस मच्छर के काटने से डेंगू की बीमारी होती है। यह आम मच्छरों से अलग होता है। बता दें कि यह मच्छर अधिकतर रोशनी में काटते हैं। कई रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि यह मच्छर सुबह के वक्त काटते हैं। सुबह और दिन के वक्त या जब रोशनी हो तो इसका अधिक ध्यान रखने की जरूरत होती है। एडीज ज्यादा ऊंचाई तक उड़ने में सक्षम नहीं होता और यही कारण है की यह अधिकतर घुटनो के नीचे काटता है। यह एक भ्रम है की डेंगू के मच्छर सिर्फ गंदे पानी में पनपते हैं। साफ-सुथरे इलाकों में और साफ-सुथरे पानी में यह मच्छर पनपते हैं तो सभी को इसका ध्यान रखने की जरूरत है।

कैसे करें बचाव?

  • साफ या गंदा पानी जमा कर के न रखें।
  • कूलर के पानी को भी 7 दिन में बदलें और हो सके तो उसमें थोड़ा सा मिट्टी का तेल डाल दें।
  • पानी की टंकी को ढक्कन से ढक कर रखें।
  • खिड़कियों को जाली या शीशे से बंद कर के रखें और दरवाजे भी बंद कर के रखें ताकि मच्छर घर में न आ सकें।
  • मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी या स्प्रे का प्रयोग करें।
  • एक्वेरियम, फूलदान में हर हफ्ते पानी बदलें।

तीन प्रकार का होता है डेंगू

सामान्य या क्लासिकल - बुखार के साथ तेज दर्द, और शरीर पर दाने लेकिन यह चार से पांच दिन में बिना दवा ठीक हो जाता है। कुछ लोगों को सामान्य दवाएं दी जाती हैं।

डेंगू हैमरेजिक - यह खतरनाक होता है और प्लेटलेट और व्हाइट ब्लड सेल्स की संख्या कम हो जाती है। नाक और मसूढ़ों से खून आना, शौच या उल्टी में खून आना या स्किन पर गहरे नीले-काले रंग के चकते जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।

डेंगू शॉक सिंड्रोम - इसमें मरीज धीरे-धीरे होश खोने लगता है। बीपी और नब्ज की गति कम हो जाती है। तेज बुखार के बावजूद स्किन ठंडी लगती है।

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