रायगढ़ के कटंगपाली में रहने वाले बैरागी मिरी ने संयुक्त खाते की पैतृक भूमि के विक्रय का गलत तरीके से सौदा करने और इसमें विफल रहने के कारण उत्पन्न तनाव के चलते जहर का सेवन कर आत्महत्या कर ली। इस बात का खुलासा सारंगढ़ SDM ने अपने प्रतिवेदन में किया है। SDM ने बैरागी मिरी द्वारा जहर का सेवन करने के संबंध में नायब तहसीलदार बरमकेला और हल्का नंबर 3 के पटवारी शैलेंद्र पटेल द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर को प्रेषित प्रतिवेदन में इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि बैरागी मिरी अपने दिवंगत पिता भोजराम के नाम पर धारित भूमि रकबा 0.704 हेक्टेयर को सिर्फ अपने नाम पर पावती कटाने के लिए कोशिश कर रहा था।
वह पैतृक भूमि के पावती से अपनी बहनों, मृत भाई की पत्नी और उसकी बेटी के नाम को हटाना चाह रहा था, जो कि विधि सम्मत न होने की वजह से संभव नहीं था। इस संबंध में पटवारी शैलेंद्र पटेल ने सारंगढ़ SDM को प्रस्तुत अपने प्रतिवेदन में इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि संयुक्त खाते की पैतृक जमीन को अवैधानिक तरीके से विक्रय कराने के लिए भूमि दलाल भुनेश्वर खुटे और धनसिंह ने क्रेता माधव मिरी से 5 लाख रूपए लिए और मृतक बैरागी मिरी को 1 लाख रूपए देकर उसे यह भरोसा दिलाया कि पैतृक भूमि से उसकी बहन और अन्य भाई के वंशज का नाम विलुप्त कराकर सिर्फ बैरागी मिरी के नाम से पावती दुरूस्त कराकर जमीन की बिक्री करवा देंगे।
गलत तरीके से अपने नाम कराना चाहता था जमीन
पावती सिर्फ अपने नाम से कटवाने की विधि सम्मत प्रक्रिया का पालन मृतक बैरागी मिरी ने नहीं किया। पावती से अपनी बहनों और मृत भाई के वैध वारिसान के नाम को विलोपित करने के संबंध में मृतक द्वारा दिए गए आवेदन के संदर्भ में नायब तहसीलदार द्वारा उसे उप पंजीयक कार्यालय से विधिवत अन्य वारिसान का सहमति के आधार पर हक त्यागनामा प्रस्तुत करने की समझाइश दी गई थी। मृतक बैरागी मिरी इसके बाद न तो नायब तहसीलदार के न्यायालय में उपस्थित हुआ, न ही न्यायालय में कोई आवेदन दिया है। इसी बीच दलालों के माध्यम से रकबा 0.168 हेक्टेयर भूमि के क्रय का सौदा करने वाले माधव मिरी द्वारा सौदे की भूमि पर मिट्टी पाटने के साथ ही कब्जा किया जा रहा था।
अस्पताल पहुंचने से पहले मौत
सौदे की भूमि के विक्रय में विफल रहने और सौदे के रूप में प्राप्त राशि को लौटाने की असमर्थता के कारण उत्पन्न तनाव के चलते बैरागी मिरी ने सोमवार 2 अगस्त को बरमकेला तहसील ऑफिस के सामने जहर का सेवन कर लिया। बैरागी मिरी को आनन-फानन में बरमकेला हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत को गई।