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आनंद को मिलेगा 'पत्रकारश्री' सम्मान, प्रयागराज में 4 सितंबर को आयोजित होगा अभिनंदन समारोह

महासमुंद/रायपुर: वरिष्ठ पत्रकार आनंदराम साहू को आगामी 4 सितंबर को पत्रकारश्री की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा। मीडिया फोरम ऑफ इंडिया न्यास की ओर से यह सम्मान दिया जा रहा है। पीजी कॉलेज महासमुंद हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ अनुसूया अग्रवाल ने बताया कि पूरे भारत भर के 21 प्रविष्टियों में से छत्तीसगढ़ से आनंदराम का चयन इस सम्मान के लिए किया गया है। हिंदी पत्रकारिता में उल्लेखनीय योगदान के लिए यह सम्मान दिया जाता है। यह महासमुंद जिले के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के लिए भी गौरव की बात है। राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ के किसी पत्रकार को यह सम्मान दिया जा रहा है। आनंदराम साहू वर्तमान में प्रेस क्लब महासमुंद के निर्वाचित अध्यक्ष भी हैं।

वरिष्ठ पत्रकार आनंदराम साहू 

अधिकारिक जानकारी के अनुसार सम्मान समारोह हिंदुस्तानी एकेडमी, सिविल लाइंस प्रयागराज, इलाहाबाद (उ प्र) में 4 सितंबर 2021 को आयोजित है। चार से पांच सितम्बर तक प्रयागराज में सत्रहवें साहित्य मेला का आयोजन हो रहा है। जिसमें अनेक पुस्तकों का विमोचन और सम्मान समारोह आयोजित किया गया है। समारोह में प्रमुख वक्ता के रूप में महासमुन्द की ख्यातिप्राप्त हिन्दी साहित्यकार डॉ अनुसूया अग्रवाल को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। उनकी ओर से ही विभिन्न विधाओं में उल्लेखनीय कार्य करने वालों की प्रविष्टि भेजी गई थी। कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच विद्वतजनों की कमेटी ने पत्रकारिता के साथ-साथ सामाजिक सरोकार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए आनंदराम का चयन 'पत्रकारश्री' उपाधि के लिए किया है। 


गौरतलब है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय-भारत सरकार के उपक्रम-प्रसार भारती के अधीन वर्ष 2007 से अब तक (15 वर्ष) आकाशवाणी रायपुर के महासमुन्द जिला प्रतिनिधि के रूप आनंदराम पत्रकारिता धर्म का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। 

22 वर्षों तक इन प्रमुख अखबारों में दी नियमित सेवाएं 

आनंदराम ने वर्ष 1998 से 2005 (8 वर्ष) तक ग्रामीण संवाददाता और सिटी रिपोर्टर के रूप में नवभारत समाचार पत्र में सेवा किया। पश्चात, 2006 से 2010 (5 वर्ष) तक उपसंपादक/ ब्यूरो चीफ के पद पर दैनिक भास्कर समाचार पत्र में सेवारत रहे। वर्ष 2010 से 2012  (3 वर्ष) तक - ब्यूरो चीफ महासमुंद के पद पर दैनिक पत्रिका समाचार पत्र में सेवाएं दी। और महासमुंद जिले में अखबार की लांचिंग कराने के साथ ही अनेक कीर्तिमान स्थापित किया। वर्ष 2013 से 2020 (8 वर्ष) तक- ब्यूरो चीफ/उपसंपादक- नईदुनिया-जागरण प्रकाशन लिमिटेड समाचार पत्र में अपनी सेवाएं दी। वर्तमान में डिजिटल मीडिया प्लेटफार्म पर मीडिया24मीडिया में मानसेवी चीफ एडिटर की भूमिका निभा रहे हैं। 

संगठन-पत्रकार हित में सक्रिय भूमिका 

आनंदराम साहू, वर्ष 2018 से अब तक निरंतर दूसरी बार प्रेस क्लब महासमुंद के अध्यक्ष हैं। वे दूसरा कार्यकाल में भारी बहुमत से निर्वाचित हुए हैं। और पत्रकार संगठन के साथ ही पत्रकारों के हित में दायित्व का निर्वहन बखूबी कर रहे हैं। वर्ष 2019 से अब तक रायपुर संभाग स्तरीय पत्रकार अधिमान्यता समिति के मनोनीत सदस्य हैं।( छत्तीसगढ़ सरकार की राजपत्रित कमेटी, जो संभाग में कार्यरत वर्किंग जर्नलिस्ट को अधिमान्यता प्रदान करती है।) इसमें जनसंपर्क संचालनालय द्वारा मनोनीत किए जाने पर पत्रकारों का निरंतर हितवर्धन की दिशा में काम कर रहे हैं।

पत्रकारिता में आनंद के कुछ प्रमुख उल्लेखनीय कार्य 

  1. महासमुंद के 75 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति भागीरथी प्रसाद बिसाई द्वारा 'छत पर खेती' करने के भगीरथ प्रयास को समाचार पत्रों के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। जिससे आज अनेक स्थानों पर लोग छत पर किचन गार्डन बना रहे हैं। 'जहां चाह-वहां राह' नवाचार में उम्र आड़े नहीं आता है। इस खबर का राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशन में आनंदराम की अहम भूमिका रही है।
  2. महासमुंद जिले के दूरस्थ अंचल बागबाहरा के गांव सिर्री की सुशिक्षित एमबीए डिग्री वाली बेटी वल्लरी चंद्राकर द्वारा खुद ट्रैक्टर चलाकर खेती करने और युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनने की कहानी को राष्ट्रीय स्तर तक समाचार पत्रों के माध्यम से पहुचाने में अहम भूमिका निभाई। खेती को प्रोत्साहन। सकारात्मक समाचार प्रकाशन से वल्लरी को राष्ट्रीय पटल पर नई पहचान मिली।
  3. जिला मुख्यालय महासमुंद में एकमात्र रसोई गैस की एजेंसी थी। किल्लत पैदा कर कालाबाजारी करने से आम आदमी परेशान होते थे। तीन महीने तक लगातार 'समाचार अभियान' चलाकर शासन-प्रशासन को यहां दूसरी गैस एजेंसी प्रारंभ करने पर विवश किया। एक प्रभावशाली राजनेता की एकमात्र एजेंसी थी, इसलिए यह बहुत ही चुनौतीपूर्ण अभियान था। इस समाचार अभियान के दौरान आनंद को गोली मार देने की धमकियां भी दी गई। लेकिन व्यापक जनहित के इस काम के लिए निर्भिक पत्रकारिता तब तक जारी रहा, जब तक शहर में दूसरी गैस एजेंसी प्रारंभ नहीं हो गई। इससे 70 हजार की आबादी वाले शहर को बड़ी राहत मिली। 
  4. पेयजल संकट से जूझ रहे दूरस्थ ग्रामीण अंचल के गांव अचानकपुर की दस साल की मासूम बच्ची ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। खोजी पत्रकारिता करते हुए इस पर खास खबर बनाया। खबर का प्रकाशन जागरण के दिल्ली संस्करण में भी हुआ। इस पर पीएमओ के संज्ञान लेने से एकदिन में बोरवेल्स की खोदाई हुई और जलापूर्ति के लिए तत्काल हैंडपंप लगाया गया। दैनिक जागरण समूह में राष्ट्रीय स्तर पर सकारात्मक खबर प्रकाशित करने के लिए छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह द्वारा एक समारोह में आनंद को सकारात्मक पत्रकारिता सम्मान दिया गया। 

आनंद के प्रमुख सामाजिक सरोकार 

  1. कोविड-19 कोरोना वायरस संक्रमण काल में जब चहुओर विपत्तियों का बादल छाया था। एक पत्रकार साथी के संक्रमित हो जाने पर उनके परिवार का आजीविका चलाना मुश्किल हो गया। घर में खाने के लाले पड़ गए। तब आनंद ने उनके घर तक स्वयं के व्यय से राशन पहुँचाकर मानवता की सेवा के लिए हाथ बढ़ाया। वह भी तब, जब खुद भी आर्थिक संकट से जूझ रहे थे। उधारी में राशन खरीद रहे थे। खेत से फसल की कटाई हुई तब राशन दुकान का कर्ज चुकाया।
  2. पत्रकारिता से जुड़े अनेक सामाजिक सरोकारों में आनंद ने अहम भूमिका निभाई है। मीडिया संस्थानों की खबरदार वेबसाइट 'भड़ास4मीडिया' नईदिल्ली के संपादक यशवंत सिंह द्वारा बुरे वक़्त में आर्थिक सहायता की अपील पर  11 जनवरी 2011 को 11,111 रुपये स्वेच्छानुदान  देकर उन्हें पत्रकारिता धर्म निर्वहन के लिए प्रोत्साहित किया। तब यशवंत सिंह ने इसे पत्रकारिता को प्रोत्साहित करने वाला उल्लेखनीय योगदान माना। आभार जताया। 
  3. अपनी मेहनत से कमाई गई धनराशि का दसवां हिस्सा आनंदराम, वर्षों से दानशीलता के क्षेत्र में लगा रहे हैं। महासमुन्द के जिस कॉलोनी में वे निवासरत हैं, वहां सार्वजनिक उपयोग के लिए सांस्कृतिक मंच बनाने दो लाख रुपये से अधिक राशि परसकोल जनकल्याण समिति को दान स्वरूप दिया। 
  4. पत्रकारिता को प्रोत्साहित करने और पुरस्कार स्थापना के लिए आनंदराम ने छत्तीसगढ़ की संस्था प्रेस क्लब महासमुन्द को 102020 रूपये का स्वेच्छानुदान देकर एक कीर्तिमान स्थापित किया। (पत्रकारों पर सामान्यतः लेने का ही आरोप लगता है, समाजसेवा के लिए मध्यमवर्गीय परिवार के किसी पत्रकार द्वारा एक बड़ी धनराशि इस तरह दान में देना उल्लेखनीय है।)
  5.  'बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ' का नारा आनंद ने पत्रकारिता से केवल बुलंद ही नहीं किया, इसे आत्मसात भी किया। महासमुन्द की एक मासूम बच्ची की जन्म के तीसरे दिन ही मां चल बसी। उनकी शिक्षा-दीक्षा और भरण-पोषण का दायित्व उन्होंने लिया है। अभी वह बेटी काव्या मात्र 10 महीने की है। उसकी उच्च शिक्षा तक का संपूर्ण खर्च पैतृक संपत्ति (कृषि) से होने वाली आय से व्यय करने उनका (आनंद) परिवार संकल्पित हैं।
  6. छत्तीसगढ़ के महासमुन्द जिले में आत्महत्या की दर बहुत ज्यादा है। जिला प्रशासन के द्वारा आत्महत्या में कमी लाने नवजीवन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसमें विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में आनंद ने सक्रिय भूमिका निभाई। सतत मॉनिटरिंग के लिए मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की दिल्ली से आयी टीम द्वारा इसकी सराहना की गई। 
  7. सर्वस्व न्योछावर:- आनंद ने परिवार में दानशीलता के संस्कार का अनुशरण करते हुए परिजनों की सहमति लेकर देहदान और नेत्रदान का दृढ़ संकल्प भी किया है। इसकी सार्वजनिक घोषणा वे कर चुके हैं। आनंद के देहावसान के बाद पार्थिव शरीर जलाया नहीं जाएगा। नजदीक के किसी भी मेडिकल कॉलेज में दान दिया जाएगा। जिससे मेडिकल कॉलेज के छात्रों को प्रयोग के लिए मानव शरीर मिल सके।

'मीडिया फोरम ऑफ इंडिया न्यास' ने सराहा 

वरिष्ठ पत्रकार आनंदराम साहू की पत्रकारिता के साथ-साथ सामाजिक सरोकार के इन गतिविधियों को राष्ट्रीय स्तर पर 'मीडिया फोरम ऑफ इंडिया न्यास' ने सराहा है। न्यास के गोकुलेश्वर कुमार द्विवेदी ने सूचना पत्र प्रेषित कर सम्मान ग्रहण करने उपस्थित रहने का आनंद से आग्रह किया है।

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