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भारत से पढ़ने के लिए पाकिस्तान गए 57 युवक बने आतंकवादी, जम्मू कश्मीर DGP ने दी जानकारी

भारत से वीजा लेकर पढ़ने के लिए पाकिस्तान गए 57 युवक आतंकवादी बन गए हैं। जम्मू और कश्मीर के DGP दिलबाग सिंह ने बताया कि पाकिस्तान पढ़ने या घूमने गए कई युवक आतंकी बनकर वापस लौटे हैं। उन्होंने वीजा के जरिए पाकिस्तान जाने और वहां से आतंकी बन कर लौटने पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे 57 मामले मिले हैं, जिसमें ऐसे युवा किसी न किसी तरह आतंकी गतिविधियों या आतंकी संगठनों से जुड़े रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सुरक्षा को इस मामले में और सख्त करने की जरूरत है।


DGP ने कहा कि' मुझे लगता है कि पाकिस्तान में बंदूकों को पेन से ज्यादा तरजीह दी जाती है और इसलिए, पाकिस्तानी वीजा के लिए सुरक्षा मंजूरी देने के लिए हमारे उपायों को मजबूत करने की जरूरत है।' उन्होंने कहा कि 'अगर युवा पाकिस्तान में पढ़ने के लिए वीजा पर जाते हैं और वहां आतंकी गतिविधियों में शामिल होते हैं, तो हमें निश्चित रूप से पाकिस्तान की यात्रा और एजुकेशन के लिए मिलने वाले वीजा के लिए सुरक्षा की प्रक्रिया को सख्त करना होगा।'

13 लोगों की हो चुकी पुष्टि

DGP ने कहा कि 'कई युवक 2017-18 में वीजा लेकर पाकिस्तान गए थे। हमें ऐसे 57 मामले मिले हैं, जहां ये युवा आतंकी गतिविधियों में शामिल थे और उनमें से 17 सीमा से घुसपैठ के बाद मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं।' उन्होंने कहा कि अभी भी ऐसे 13 और युवक हैं, जिनकी पहचान कर ली गई है और वे सक्रिय आतंकवादी हैं, उन्होंने कहा कि 17 और अभी भी पाकिस्तान में हैं और हम उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।

आतंकवादी लॉन्च पैड पर इंतजार

उन्होंने कहा कि 'हाल ही में इस बारे में चर्चा हुई कि पाकिस्तान की यात्रा पर सख्ती क्यों की गई है, तो इसका मुख्य कारण यही है। यह स्पष्ट है कि हमें सख्त कदम उठाने और सुरक्षा को मजबूत करने की जरूरत है।' उन्होंने आगे कहा कि फरवरी में भारत और पाकिस्तान के बीच नए सिरे से संघर्ष विराम समझौते के मद्देनजर 'शून्य घुसपैठ' के एक चरण के बाद, सीमा पार से आतंकवादियों को भेजने का इंतजार किया जा रहा है। 250 से 300 प्रशिक्षित आतंकवादी लॉन्च पैड पर इंतजार कर रहे हैं। 

23-24 जुलाई को 4 आतंकी ढेर

गोलाबारी और फायरिंग भी पूरी तरह से बंद हो गई है। डीजीपी ने कहा कि 'पाकिस्तान की ISI और अन्य एजेंसियों द्वारा आतंकियों के लिए चलाए जा रहे प्रशिक्षण शिविर और लॉन्च पैड अपनी क्षमता से भरे हुए हैं। हम आम तौर पर मानते हैं कि ऐसे शिविरों में आतंकवादियों की संख्या 250 से 300 के बीच है, जो घुसपैठ की तैयारी कर रहे हैं।' डीजीपी ने जानकारी दी कि कश्मीर में बीते कुछ हफ्तों में आतंकी हमलों में तेजी आई है। श्रीनगर में सुरक्षा बलों पर ग्रेनेड फेंका गया था। डीजीपी ने कहा कि उत्तरी कश्मीर के माछिल-गुरेज सेक्टर से घुसपैठ करने वाले चार आतंकवादियों को 23-24 जुलाई को बांदीपोरा में मार गिराया गया था। 

 संयुक्त तलाशी अभियान जारी

उन्होंने कहा कि 'उन्हें पाकिस्तान के कैल सेक्टर से लॉन्च किया गया था और हमारी जानकारी के मुताबिक जब उन्हें इस तरफ लॉन्च किया गया था, तब 14 और लोग थे।' उन्होंने कहा कि तीन से चार ग्रुप पाकिस्तान से राजौरी-पुंछ सेक्टर में घुस गए और जुलाई-अगस्त में तीन एनकाउंटर से भागने में सफल रहे आतंकवादियों को पकड़ने के लिए एक संयुक्त तलाशी अभियान जारी है।

लगातार नेताओं की जान ले रहे आतंकी

बता दें कि कुलगाम में कल आतंकियों ने अपनी पार्टी के नेता गुलाम हसन लोन की गोली मारकर हत्या कर दी।लोन चार महीने पहले पीडीपी से इस्तीफा देकर अपनी पार्टी में शामिल हुए थे।पिछले करीब 15 दिनों के भीतर इस तरह की तीसरी घटना को आतंकियों ने अंजाम दिया है।17 अगस्त को ही कुलगाम के ब्रजलू जागीर इलाके में आतंकियों ने बीजेपी नेता जावेद अहमद डार की गोली मारकर हत्या कर दी थी।इससे पहले आतंकियों ने 9 अगस्त को कुलगाम के बीजेपी की किसान जिला इकाई के अध्यक्ष गुलाम रसूल डार की हत्या कर दी थी।

साल 2020 में आतंकवाद संबंधी 96 घटनाएं  

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू कश्मीर में इस साल 203 आतंकवादी मारे गए और उनमें से 166 स्थानीय थे और 37 पाकिस्तानी या फिर विदेशी मूल के थे। 2020 में आतंकवाद संबंधी 96 घटनाएं (96 terrorism related incidents) हुईं। इन घटनाओं में 43 नागरिकों की भी जान गई। जबकि 92 अन्य घायल हो गए। वहीं हताहत नागरिकों की संख्या में 2019 के मुकाबले कमी आई है, पिछले साल जहां 47 नागरिकों की मौत हुई थी और 185 अन्य घायल हुए थे।

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