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धरमजयगढ़ वनपरिक्षेत्रों में घूम रहे 64 हाथियों का दल, अलर्ट जारी

रायगढ़ के धरमजयगढ़ वनमंडल के अलग-अलग वन परिक्षेत्रों में 64 हाथियों का दल विचरण कर रहे हैं, जिसमें लैलूंगा परिक्षेत्र अंतर्गत चिंगारी परिसर में भकुर्रा और फुटहामुड़ा के वन क्षेत्रों में 11 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। जिसकी निगरानी परिसर रक्षक, हाथी सचेतक दल और हाथी मित्र दल द्वारा किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजाना प्रचार-प्रसार के माध्यम से मुनादी कराया जा रहा है। 9 हाथियों का दल कापू परिक्षेत्र और सरगुजा वनमंडल के वन क्षेत्रों में विचरण कर रहा है, जो वर्तमान में कापू परिक्षेत्र के अलोला परिसर में विचरण कर रहे हैं।



धरमजयगढ़ वनमंडल अंतर्गत जंगली हाथियों के रहवास के लिए अनुकूल वातावरण होने के कारण हर साल दूसरे वनमंडल की अपेक्षा धरमजयगढ़ वनमंडल में अधिकतम मात्रा में हाथियों का आवागमन या विचरण बना रहता है। धरमजयगढ़ वनमंडल अंतर्गत हाथियों के लिए आवश्यक जल और भोजन की व्यवस्था होने के कारण हाथियों का रहवास साल भर रहता है।


क्षतिपूर्ति मुआवजा भुगतान


धरमजयगढ़ वनमंडल अंतर्गत वनक्षेत्रों से लगे गांवों में हाथियों के विचरण करने पर फसल, मकान और अन्य संपत्ति क्षति होता है तो छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार वन विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा क्षतिग्रस्त क्षेत्र का मौका निरीक्षण क्षति का आंकलन कर पीड़ित कृषकों को क्षति का क्षतिपूर्ति मुआवजा भुगतान दिया जाता है।




धरमजयगढ़ वनमंडल अंतर्गत हाथी प्रभावित क्षेत्रों में वन क्षेत्रों से होकर गुजरने वाले रास्तों में स्लोगन प्लेट लगाकर राहगीरों को सचेत किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में वन प्रबंधन समिति के माध्यम से बैठक और प्रचार-प्रसार कर हाथियों की विचरण और गतिविधियों की जानकारी दिया जाता है। साथ ही गजराज वाहन और चलचित्र के माध्यम से ग्रामीणों को हाथियों से सुरक्षा के संबंध में बताया जाता है। गांवों के जनप्रतिनिधि सरपंच, शिक्षण चिकित्सक पटवारी और नवयुवकों को व्हाट्सअप समूह बनाकर रोजाना हाथियों के विचरण कर जानकारी देकर ग्रामीणों और वन रहवासियों को सचेत किया जाता है। 

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