छत्तीसगढ़ में कोरोना और ब्लैक फंगस के बाद अब निमोनिया ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। जानकारी के मुताबिक राजधानी रायपुर में बीते 9 दिनों में 15 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। वहीं एक हफ्ते में 90 से ज्यादा लोग निमोनिया से संक्रमित मिले है। सबसे ज्यादा केस जिला अस्पताल और अंबेडकर में देखने को मिला है। वहीं निजी अस्पतालों में भी इसका केस बढ़ रहा है। इधर, मामलों में बढ़ोतरी होने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। बता दें कि प्रदेश में कोरोना के मामले में कमी देखने को मिली है, लेकिन इसका खतरा अभी भी टला नहीं है। इसी बीच निमोनिया ने एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है। अचानक से बढ़ रहे निमोनिया के मामले में सरकार और स्वास्थ्य विभाग की चिंता और बढ़ गई है।
क्या है निमोनिया
निमोनिया फेफड़ों में होने वाला संक्रमण है। यह मुख्य रूप से विषाणु या जीवाणु के संक्रमण के कारण होता है। यह बैक्टीरिया, वायरस या पेरासाइट्स के कारण भी हो सकता है। इसके अलावा निमोनिया सूक्ष्म जीव, कुछ दवाओं, और अन्य रोगों के संक्रमण से भी हो सकता है।
निमोनिया के लक्षण
निमोनिया होने पर फ्लू जैसे लक्षण महसूस होते हैं। ये लक्षण धीरे-धीरे या फिर तेजी से विकसित हो सकते हैं। निमोनिया का मुख्य लक्षण खांसी है। रोगी कमजोर और थका हुआ महसूस करता है। बलगम वाली खांसी से ग्रस्त होना। रोगी को बुखार के साथ पसीना और कंपकंपी भी हो सकती है। रोगी को सांस लेने में कठिनाई होती है, या फिर वो तेजी से सांस लेने लगता है। सीने में दर्द होना। बेचैनी महसूस होना। भूख कम लगना निमोनिया के मुख्य लक्षण है।
निमोनिया के कारण
निमोनिया वायरस, बैक्टीरिया, परजीवी के कारण होने वाला रोग है। ये सब श्वास के द्वारा फेफड़ों में पहुंचकर संक्रमण कर देते हैं। स्ट्रेप्टोकोकस नामक बैक्टीरिया के कारण यह सबसे अधिक फैलता है। सर्दी-जुकाम जल्दी ठीक नहीं होने पर यह धीरे-धीरे निमोनिया में बदल जाता है। वायरस, बैक्टीरिया, फंगस या अन्य जीवों से भी निमोनिया हो सकता है। कई प्रकार के जीवाणुओं से निमोनिया होने की आशंका रहती है। ज्यादातर मामलों में निमोनिया करने वाले जीव (बैक्टीरिया या वायरस) का पता परीक्षण से भी नहीं लग पाता है।