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बारिश का कहर जारी: महाड में 38 लोगों की गई जान, 2 दिनों में 129 से ज्यादा लोगों की मौत

देश के अलग-अलग राज्यों में भारी बारिश का कहर  लगातार जारी है। रायगढ़ में महाड के बाद शुक्रवार को एक और बड़ी दुर्घटना हो गई। महाड के तलीये गांव में शाम 4 बजे चट्टान खिसकने से हुए दुर्घटना में अब तक 38 मौत हो चुकी है। इसके बाद रायगढ़ के ही पोलादपुर तालुका के केवनाले, गोवेले सुतारवाडी  में भू-स्खलन हुआ। इससे मलबे में दब कर 11 लोगों की मौत हो गई है। साथ ही 13 लोगों का इलाज जारी है।




रायगढ़ के इन दो बड़ी दुर्घटनाओं के बीच सातारा के आंबेघर की दुर्घटना में 12 लोग कल रात हुई दुर्घटना के बाद से ही लापता हैं। उनकी मृत्यु की भी आशंका जताई जा रही है। रत्नागिरी जिले में भी चट्टान खिसकने से चिपलून के पोसरे-बौद्धवाडी में 17 लोगों की मौत की खबर है। पोसरे-बौद्धवाडी में पहाड़ से घरों पर चट्टान टूट कर गिर गई। इससे एक बहुत बड़ी दुर्घटना हुई। कैबिनेट मंत्री बालासाहेब थोरात के मुताबिक शुक्रवार को राज्य में हुई अलग-अलग दुर्घटनाओं में कुल 56 लोगों की मौत हो चुकी है। उनके मुताबिक राज्य में दो दिनों में इन दुर्घटनाओं में कुल 129 मौत हो चुकी है।



प्रदेश में हादसे से भरा रहा दिन


एक और दुर्घटना के तहत खेड तालुका के बिरमई में चट्टान खिसकने से 2 लोगों की मौत हो गई है। जिलाधिकारी बी।एन।पाटील ने यह जानकारी दी है। सिंधुदुर्ग जिले के कणकवली में भी चट्टान खिसकने से 1 महिला की मौत की खबर है और उनके पति जख्मी हैं। इसी तरह महाराष्ट्र में चट्टान खिसकने की एक के बाद एक घटनाओं से दहशत का माहौल है। अब तक रायगढ़ जिले के महाड और पोलादपुर तालुके (प्रखंड), रत्नागिरी के चिपलून और खेड तालुके और सातारा के आंबेघर में चट्टान खिसकने से बड़ी दुर्घटनाएं सामने आई हैं। साथ ही सातारा में ही एक अन्य घटना में 2 महिलाओं के बह जाने की भी खबर है। इसके अलावा चिपलून के अपरांत अस्पताल के कोविड सेंटर में ज्यादा बारिश की वजह से बिजली चली गई। इससे ऑक्सीजन सपोर्ट पर वेंटिलेटर में मौजूद 8 मरीजों की मौत हो गई।



बता दें कि रायगढ़ जिले के महाड तालुके के तलीये गांव में अब तक 38 लोगों की मौत हो चुकी है। रायगढ़ जिले के ही पोलादपुर में एक अन्य दुर्घटना में 11 लोगों की मौत हो गई है। इस बीच रत्नागिरी जिले में भी चट्टान खिसकने से चिपलून के पोसरे-बौद्धवाडी में 17 लोगों की मौत हो गई है। पोसरे-बौद्धवाडी में पहाड़ से घरों पर चट्टान टूट कर गिर गई। इससे एक बहुत बड़ी दुर्घटना हुई। सातारा जिले के आंबेघर में चट्टान खिसकने से ही हुई दुर्घटना में 12 लोग लापता हैं। उनकी मृत्यु की आशंका व्यक्त की जा रही है। इस तरह रत्नागिरी के चिपलून में स्थित अपरांत अस्पताल में कोविड सेंटर में 8 लोगों की मौत हो गई है। खेड तालुका के बिरमई में चट्टान खिसकने से 2 लोगों की मौत हो गई है। सिंधुदुर्ग जिले के कणकवली में भी चट्टान खिसकने से 1 महिला की मौत हो गई है। कैबिनेट मंत्री बालासाहेब थोरात ने शुक्रवार को राज्य की अलग-अलग घटनाओं में 56 मौत की पुष्टि की है।


दर्दनाक हादसा: भारी बारिश के बाद रिहायशी इलाके में टूटकर गिरा पहाड़ का मलबा, 50 से ज्यादा लोगों की मौत, 70 से ज्यादा लोग लापता



महाराष्ट्र के कोंकण लैंड में आफत की बरसात हुई तो नदियां आउट ऑफ कंट्रोल हो गईं। डैम ओवरफ्लो हो गए। गांव गलियों में मुसीबत का सैलाब बहने लगा और इस सैलाब में तिनके की तरह गाड़ियां बहने लगीं।  ताश के पत्तों की तरह मकान ढहने लगे। महाराष्ट्र के कोंकण लैंड में भी सड़कों पर 8-10 फीट तक पानी भरा और आशियाने-अस्पताल सब डूबते चले गए। शहर के बस स्टैंड में 10-12 फीट तक पानी परा। बड़ी-बड़ी बसें डूब गईं। बस्तियों में तो 15-20 फीट तक पानी भरा और 40 साल बाद महाराष्ट्र ने ऐसा सैलाब देखा। 


कई जिलों में  बाढ़ जैसे हालात


महाराष्ट्र में हुई भारी बारिश के चलते कई जिलों में प्रचंड बाढ़ जैसे हालात बन गए । महाराष्ट्र की करीब-करीब सभी छोटी-बड़ी नदियां उफान पर हैं। नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया जिससे महाराष्ट्र के कई गांव और शहर सैलाब से बेहाल हो गए। रायगढ़ और रत्नागिरी में जबरदस्त तबाही मची। ठाणे, कोल्हापुर, कल्याण में भी पानी ने परेशान बढ़ाई। कहीं सैलाब सा आया, तो कहीं लैंडस्लाइड हुआ। इंसानों के घर डूब गए। तो भगवान के घर भी पुणे में भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग में बाढ़ का पानी घुस गया।


रत्नागिरी में बारिश ने 40 साल का रिकॉर्ड तोड़


रत्नागिरी में तो बारिश ने 40 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सिर्फ पिछले 10 दिनों में 1 हजार मिमी से ज्यादा बारिश हुई हैऔर जुलाई महीने की औसत बारिश से तुलना करें तो अब तक 180 फीसदी से ज्यादा बारिश हो चुकी है। जिसका नतीजा ये हुआ कि वहां जल प्रलय जैसे हालात बन गए। NDRF की टीमें भी दिन-रात रेस्क्यू में जुटी हैं। सिर्फ शहर ही नहीं, बल्कि शहर के आसपास उन सभी इलाकों में पहुंच रही हैं, जहां से ऐसे हालात में लोगों का बाहर निकलना मुमकिन नहीं है।


रायगढ़ जिले में भी बुरा हाल


महाराष्ट्र के रायगढ़ में भी बारिश और बाढ़ ने सबकुछ तहस नहस कर दिया। अभी भी NDRFनौसेना और वायुसेना की टीम वहां राहत और बचाव के काम में जुटी है। रायगढ़ के महाड में तीन जगहों पर लैंडस्लाइड हुआ है। पहाड़ों से आए मलबे के कारण करीब 50 लोगों की मौत हो गई है। 70 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं।


 



पश्चिमी महाराष्ट्र के पुणे मंडल में भारी बारिश और नदियों के उफान पर होने के चलते 84,452 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इनमें 40,000 से अधिक लोग कोल्हापुर जिले से हैं। अधिकारियों ने बताया कि कोल्हापुर शहर के पास पंचगंगा नदी 2019 में आई बाढ़ के स्तर से भी ऊपर बह रही है। पुणे और कोल्हापुर के साथ ही मंडल में सांगली और सतारा जिले भी आते हैं। सतारा भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल तथा अन्य एजेंसियों ने शुक्रवार शाम तक 84,452 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। इनमें 40,882 लोग कोल्हापुर जिले से हैं। उन्होंने कहा कि शनिवार सुबह को थलसेना और नौसेना की छह टीम बचाव कार्य में शामिल होंगी। अधिकारियों ने बताया कि 54 गांव बाढ़ से पूरी तरह और 821 गांव आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं।



कर्नाटक में भारी बारिश में तीन लोगों की मौत


कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में बीते 24 घंटे में भारी बारिश के कारण तीन लोगों की मौत हो गई, आठ स्थानों पर भूस्खलन हुआ और करीब नौ हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया। सरकार ने सात जिलों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है। भारतीय तटरक्षक बल ने कहा कि बाढ़ प्रभावित उत्तर कन्नड़ जिले में पूरे दिन बचाव अभियान चला जिसमें 161 लोगों को बचाया गया।


 रेड अलर्ट जारी


वहीं भारतीय रेलवे ने सोनालियम-कुलेम और दूधसागर-कारानजोल के बीच भूस्खलन के कारण कुछ ट्रेन रद्द कर दीं। गोवा एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन को बेलगावी जिले में एक स्टेशन पर रोक दिया गया और यात्रियों को भोजन दिया गया। मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने शुक्रवार को शीर्ष अधिकारियों के साथ बाढ़ संबंधी हालात का जायजा लिया और सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों और विधायकों को अपने क्षेत्रों में राहत कार्यों की निगरानी करने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों के अवकाश रद्द करने का भी आदेश दिया। 





कोडागु जिले के विराजपेट और उत्तर कन्नड़ जिले के अराबैल घाट समेत आठ स्थानों पर भूस्खलन हुए हैं। अगले 24 घंटे में भारी से बेहद भारी बारिश की आशंका के मद्देनजर दक्षिण कन्नड़, उडुपी, उत्तर कन्नड़, शिवमोगा, चिकमेंगलुरु, हसन और कोडागु जिलों के लिए रेड अलर्ट और बेलगावी तथा धारवाड़ के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।


बिहार में पलटा नाव


बिहार के समस्तीपुर जिले से नाव हादसे का बड़ा मामला सामने आया है। यह घटना चकमेहसी थाना क्षेत्र के नामापुर की है। शुक्रवार की शाम पानी में अंसतुलित होकर एक नाव पानी में डूब गई। नाव पर लगभग 15 से 20 लोग सवार थे। अचानक चली तेज हवा के कारण यह घटना हुई है। खबर लिखे जाने तक कई लोग लापता थे। बताया जाता है कि सभी शाम के वक्त बाजार से खरीदारी कर लौट रहे थे। उनमें कुछ महिलाएं भी शामिल थीं जो मवेशी का चारा लेकर लौट रही थीं। कुछ लोग तैर कर बाहर निकल गए। घटना की सूचना पर स्थानीय थाने की पुलिस और अंचलाधिकारी ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव का कार्य शुरू किया। हालांकि रात होने की वजह से रेस्क्यू में परेशानी हो रही थी। खबर लिखे जाने तक कुल सवार और लापता लोगों का आधिकारिक आंकड़ा नहीं मिल सका था।

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