देशभर में बारिश का कहर लगातार जारी है। देश के अलग-अलग राज्यों में कुदरत ने एक बार फिर कहर बरपाया है। शिमला, हिमाचल प्रदेश और केंद्र शासित क्षेत्रों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बारिश के कारण आई बाढ़ से बुधवार को कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई और कई मकानों, खड़ी फसलों और एक लघु पनबिजली संयंत्र को क्षतिग्रस्त कर दिया। वहीं बुधवार को उत्तर भारत के कई हिस्सों में बारिश दर्ज की गई। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के कई इलाकों में बादल फटने से 8 लोगों की मौत हो गई। जबकि 17 अन्य लापता हैं।
किश्तवाड़ के दाचन और बाउजवा इलाके, दक्षिण कश्मीर के पवित्र अमरनाथ गुफा, उत्तर कश्मीर के बांदीपोरा और लद्दाख का कारगिल बादल फटने से प्रभावित हुआ और 12 से ज्यादा घर, कई पुल और लघु पनबिजली परियोजना क्षतिग्रस्त हो गई। अधिकारियों ने बताया कि दाचन तहसील के होनजार गांव में सुबह करीब साढ़े 4 बजे बादल फटने के कारण एक पुल के अलावा छोटी नदी के किनारे स्थित छह मकान और एक राशन की दुकान भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। पुलिस, SDRF का संयुक्त राहत अभियान जारी है, और अब तक 7 शव बरामद किए गए हैं। जबकि 17 लोग अब भी लापता हैं।
14 people have died in 24 hours due to heavy rains and floods, of which 10 died in Lahaul and 4 people in Kullu. 3 bodies yet to be recovered from Lahaul. The water flow is very high in Kullu, so we are unable to recover any bodies: Anil Khachi, Chief Secretary, Himachal Pradesh pic.twitter.com/MNJKn3SYpu
— ANI (@ANI) July 28, 2021
Several roads have been opened. In case of low rainfall, I believe 90% of roads can be reopened by tomorrow. As per IMD advisory, the weather is likely to remain bad for the next 48 hours. People should travel only when necessary: Anil Khachi, Chief Secretary, Himachal Pradesh
— ANI (@ANI) July 28, 2021
केंद्रीय गृहमंत्री ने उपराज्यपाल से बात की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बादल फटने की घटना से उत्पन्न स्थिति पर करीब नजर रख रही है और प्रभावित क्षेत्रों में हरसंभव मदद पहुंचाई जा रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह से बात की और स्थिति के बारे में जानकारी हासिल की। पुलिस महानिदेशक वीके सिंह ने बताया कि मारे गए 7 लोगों में 2 महिलाएं हैं। उन्होंने बताया कि जिले के माछिल,पड-डार और बुंजवाह में बाढ़ की खबर है।
भारी बारिश से 2 पुल क्षतिग्रस्त
किश्तवाड़ के जिना विकास आयुक्त ने बताया कि दूरस्थ लोम्बार्ड इलाके में रात बादल फटने की 2 घटनाएं हुई, लेकिन किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। उन्होंने बताया कि नागरिक प्रशासन की मदद के लिए सेना की दो टुकड़ियां भेजी गई है। दक्षिण कश्मीर स्थित पवित्र अमरनाथ की गुफा के पास भी बुधवार दोपहर को बादल फटने की घटना हुई जिससे लुढ़के चट्टानों से कुछ तंबुओं को नुकसान हुआ लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ। इसी तरह की घटना उत्तर कश्मीर के बांदीपोरा जिले के अलूसा गांव में हुई, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ। उधमपुर और राजौरी जिले में भारी बारिश की वजह से दो पुल क्षतिग्रस्त हो गए।
लद्दाख में कारगिल के विभिन्न हिस्सों में बादल फटने की घटनाएं हुई जिससे लघु पनबिजली परियोजना को नुकसान हुआ और करीब एक दर्जन मकान क्षतिग्रस्त हो गए। हालांकि, इन घटनाओं में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। यहां के सांगरा और खंग्राल में मंगलवार शाम को बादल फटने की घटना हुई। हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ में कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई और 7 लोगों के लापता होने की सूचना है। राज्य आपदा प्रबंधन निदेशक सुदेश कुमार मोख्ता ने बताया कि लाहौल-स्पीति में उदयपुर में तोजिंग नाले पर बादल फटने से आई बाढ़ में 7 लोगों की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि चंबा जिले में 2 लोगों की मौत हुई है।
भू-स्खलन से 60 वाहन फंसे
कुल्लू जिले में पनबिजली परियोजना के एक अधिकारी और दिल्ली के एक पर्यटक समेत 4 लोग लापता हैं और उनके मारे जाने की आशंका है। मोख्ता ने कहा कि लाहौल-स्पीति के उदयपुर में मंगलवार की रात लगभग 8 बजे अचानक आई बाढ़ में 12 मजदूर बह गए। 7 शव बरामद किए गए, दो को बचा लिया गया जबकि 3 अभी भी लापता हैं। मरने वालों में चार हिमाचल प्रदेश के मंडी के हैं। जबकि एक जम्मू-कश्मीर के रियासी का है। 2 शवों की अभी शिनाख्त नहीं हो पाई है। लाहौल-स्पीति के उपायुक्त नीरज कुमार ने बताया कि भूस्खलनों के मलबे में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए SDRF का एक दल बुलाया गया है। उन्होंने कहा 'SDRF का दल रास्ते में है और उसके दोपहर तक घटनास्थल पर पहुंचने की संभावना है।' उन्होंने कहा कि लाहौल-स्पीति में, कई सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं और कई भूस्खलन के कारण लगभग 60 वाहन फंसे हुए हैं। भूस्खलन के कारण राज्य के कई हिस्सों में कई सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं।
आज भी भारी बारिश की संभावना
वहीं मौसम विभाग ने जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश में 29 जुलाई तक में भारी बारिश की संभावना जताई है। इस दौरान पूर्वी भारत में भी भारी बारिश होने की संभावना है। उत्तर मध्य प्रदेश के ऊपर बना निम्न दबाव का क्षेत्र कमजोर हो गया है. लेकिन उससे जुड़ा चक्रवातीय सर्कुलेशन उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश और आसपास के इलाकों में बना हुआ है। एक और चक्रवातीय सर्कुलेशन बंगाल की खाड़ी के उत्तर में बना हुआ है। दोनों चक्रवातीय सर्कुलेशन के प्रभाव से 29 जुलाई तक उत्तरी राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। बाद में इसकी तीव्रता कम हो जाएगी। वहीं कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र के घाट के इलाकों में तीन दिनों से हो रही बारिश होने के बाद 29 जुलाई से इन इलाकों में बारिश की तीव्रता में वृद्धि होने का अनुमान है।
बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त
दिल्ली में लगातार दूसरे दिन बारिश होने से पारा कम रहा। मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में मानसून के कारण एक हफ्ते तक 'हल्की से मध्यम' बारिश हो सकती है। बुधवार सफदरजंग वेधशाला ने सुबह साढे आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक दिल्ली में 4.1 मिमी बारिश दर्ज की। पड़ोसी हरियाणा के कई इलाकों में भी भारी बारिश दर्ज की गई जिसकी वजह से गुरुग्राम में कई स्थानों पर जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। चंडीगढ़ सहित पंजाब के कुछ स्थानों पर भी दिन में बारिश दर्ज की गई। गुरुग्राम में भारी बारिश की वजह से कई इलाकों में जल जमाव की स्थिति रही और यातायात प्रभावित हुआ। मौसम विभाग के मुताबिक गुरुग्राम में 91.8 मिमी बारिश दर्ज की गई।
हिमाचल में 30 जुलाई तक रेड अलर्ट जारी
उत्तराखंड में कुछ दिनों से जारी बारिश की वजह से उत्तर काशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री के रास्तों को जोड़ने वाली सड़क पर भूस्खलन की स्थिति की उत्पन्न हुई। उत्तर प्रदेश में भी कई स्थानों पर मध्यम दर्ज की बारिश दर्ज की गई। महाराष्ट्र में पिछले सप्ताह हुई बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या बुधवार को बढ़कर 213 हो गई, जिसमें केवल रायगढ़ जिले में लगभग 100 मौतें हुईं है। राज्य सरकार ने यह जानकारी दी। बारिश से भारी तबाही के बाद पश्चिमी महाराष्ट्र में बारिश का प्रकोप कम हो रहा है और कोल्हापुर और सांगली में खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदियों का जल स्तर कम हो गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक 30 जुलाई तक जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में भारी बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है।